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यूनिलीवर ने हाल ही में बेंजीन के बारे में चिंताओं के कारण संयुक्त राज्य अमेरिका में बेचे जाने वाले 19 लोकप्रिय ड्राई शैम्पू एरोसोल प्रोडक्ट्स को वापस लेने की घोषणा की है। एक कैमिकल बेंजीन, जो कैंसर का कारण बनता है। यूनिलीवर ने ये जानने के बाद इसे वापस लेने का आदेश दिया है। फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने अपनी वेबसाइट पर इस संबंध में एक नोटिस पोस्ट किया है। जिसमें रॉकहॉलिक और बेड हेड ड्राई शैम्पू ब्रांड, नेक्सस, सुवे, ट्रेसेम और टिगी भी रिकॉल में शामिल हैं।

ड्राई शैंपू से कैंसर का खतरा
ब्लूमबर्ग के अनुसार, अक्टूबर 2021 से पहले बनें प्रोडक्ट्स को यूनिलीवर के रिकॉल किया है। मई 2021 में, न्यू हेवन, कनेक्टिकट में अपने हेडक्वाटर संग वैलिसुर नामक एक एनालिटिकल कंपनी ने कई वस्तुओं में बेंजीन की उपस्थिति की खोज की। इस खोज के बाद जॉनसन एंड जॉनसन, एडगेवेल द्वारा बनाए गए कई एयरोसोल सनस्क्रीन रिकॉल किए गए। यूनिलीवर के रिकॉल के अलावा, पिछले 18 महीनों में जॉनसन एंड जॉनसन की न्यूट्रोगेना, एडजवेल पर्सनल केयर कंपनी की बनाना बोट और बीयर्सडॉर्फ एजी के कॉपरटोन जैसे कई अन्य समान उत्पादों को वापस बुलाया गया है।

यूनिलीवर ने कहा कि वह उत्पादों को "बहुत सावधानी से" खींच रहा है और कंपनी को अभी तक रिकॉल से संबंधित प्रतिकूल घटना की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।
प्रभावित उत्पादों की सूची में शामिल हैं:
डव
डव ड्राई शैम्पू वॉल्यूम और सुस्ती
डव ड्राई शैम्पू फ्रेश कोकोनट
डव ड्राई शैम्पू फ्रेश एंड फ्लोरल
डव ड्राई शैम्पू अल्ट्रा क्लीन
डव ड्राई शैम्पू अदृश्य
डव ड्राई शैम्पू Detox and Purify
डव ड्राई शैम्पू क्लेरिफाइंग चारकोल
डव ड्राई शैम्पू गो एक्टिव

नेक्सस
नेक्सस ड्राई शैम्पू रिफ्रेशिंग मिस्ट
नेक्सस इनर्जी फोम शैम्पू
सुवे
सुवे ड्राई शैम्पू हेयर रिफ्रेशर
सुवे प्रोफेशनल्स ड्राई शैम्पू रिफ्रेश और रिवाइव

ट्रेससेमे
TRESemmé ड्राई शैम्पू वॉल्यूमाइज़िंग
TRESemmé ड्राई शैम्पू ताजा और साफ
ट्रेसेमे प्रो प्योर ड्राई शैम्पू
बेड हेड
बेड हेड ओह बी हाइव ड्राई शैम्पू
बेड हेड ओह बी हाइव वॉल्यूमाइजिंग ड्राई शैम्पू
बेड हेड डर्टी सीक्रेट ड्राई शैम्पू

प्रभावित उत्पादों की लिस्ट
रॉकहोलिक
बेड हेड रॉकहोलिक डर्टी सीक्रेट ड्राई शैम्पू
यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की जानकारी के साथ रिकॉल किया जा रहा है।
दिवाली को लेकर बच्चों के बीच उत्साह शुरू हो गया है। जहां लोग अपने घरों की सफाई, खरीदारी करने में लगे हैं, तो वहीं बच्चों के अंदर पटाखे फोड़ने को लेकर एक अलग ही उत्साह देखने को मिल रहा है। दिवाली के दिन बच्चे पटाखों और मोमबत्तियों के आस-पास रहते हैं। जिसके कारण उनकी सुरक्षा को लेकर पेरेट्स बहुत परेशान रहते हैं। दिवाली के समय बच्चों के चोट लगने और जलने की कई खबरें सामने आती हैं। ऐसे में आज हम इस आर्टिकल के जरिए आपको कुछ ऐसे टिप्स बताने जा रहे हैं, जिन्हें फॉलो करके आप दिवाली के दिन बच्चों की मस्ती में बिना कोई बाधा डाले उनकी सेफ्टी का ध्यान रख पाएंगे।

बच्चों के लिए चुनें सही कपड़े
दिवाली के दिन हर कोई अपने बच्चों के लिए अच्छे से अच्छे कपड़े लेकर आते हैं। लेकिन दिवाली के दिन हर जगह दीए, मोमब्बती, पटाखे होते हैं। ऐसे में अपने बच्चों को ढीले या फ्लेयर वाले कपड़े पहनाने से बचें। लटकते कपड़ें भी न पहनाएं। ऐसे कपड़ों में आग आसानी से लग सकती हैं। छोटे बच्चों को जूते जरूर पहनाएं। ताकी कोई जलता हुऐ पटाखा या चिगारी उनके पैरों को नुकसान न पहुंचा सकें।

छोटे बच्चे बहुत ज्यादा जिज्ञासु होते हैं। जिस कारण बहुत मुश्किल से एक जगह बैठ पात हैं। छोटे बच्चे हर नई चीज के पीछे भागना पसंद करते हैं। चीजों के पीछे भागने वाले बच्चे आंखों के सामने से बहुत आराम से गायब हो जाते हैं। ऐसे में दिवाली के दिन बच्चों का ज्यादा ध्यान रखन पड़का है। दिवाली के दिन आप बच्चे की छोटी-छोटी गतिविधियों पर नजर रखें। बच्चा जलने वाले किसी भी चीज के संपर्क में ना आए। अपने बच्चों को सुरक्षित रखना है, तो दीए, मोमब्बती, माचिस, पटाखों को उनसे दूर रखें। ताकि वो खुद को किसी तरह का नुकसान न पहुंचा पाएं।

दीए और मोमबत्ती कैसे जलाएं
दिवाली के दिन बच्चों को आपके साथ घर को सजाने, दीए और मोमब्बती जलाने में काफी इंट्रेस्ट हो सकता है। ऐसे में आप बच्चों को दीया या मोमब्बती जलाने से रोके। लेकिन अगर बच्चा दीए और मोमब्बती जलाने की जिद करता है तो आप उन्हें माचिस की जगह एक मोमब्बती जलाकर बाकी दीए और मोमब्बती जलाने के लिए दे सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे आप अपनी नजर उनपर बनाए रखें।

दिवाली के दिन घर के बाहर पटाखों की वजह से काफी पॉलुशन हो जाता है, जो आपके बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए बच्चों को घर के बाहर ज्यादा समय न बिताने दें। धुएं के संपर्क में आने और पटाखों के शोर से उन्हें बचाकर रखना चाहिए। छोटे बच्चों के कान बहुत नाजुक होते हैं, तेज आवाज के कारण उनके कानों को भी नुकसान हो सकता है। अगर आप चाहे तो अपने बच्चो को धुएं और शोर से बचाने के लिए हल्के ईयरमफ और फेस मास्क भी पहना सकते हैं।

पटाखे जलाते वक्त रखें इन बातों का ध्यान
छोटे बच्चे अगर पटाखे जला रहे हैं, तो आप उनके साथ मौजूद रहे। उनके लिए छोटे पटाखें चुनें। बड़े या ज्यादा शोर करने वाले पटाखों को बच्चों से दूर रखें। पटाखे जलाते समय अपने आस-पास एक बाल्टी पानी भरकर रख लें। ताकि फुलझड़ी जलाने के बाद उसकी डंडी उसमें डाल सकें। अपने पास फस्ट एड बॉक्स भी जरूर रखें। ताकि किसी भी तरह की घटना होने पर तुरंत प्राथमिक उपचार किया जा सकें।
वैज्ञानिक सवान्ते पाबो (Svante Paabo) ने साल 2022 के लिए मेडिसिन (Medicine) का नोबल पुरस्कार (Nobel) जीता है. यह पुरस्कार उनकी खोज "कंसर्निंग द जीनोम ऑफ एक्सटिंक्ट होमिनिंस एंड ह्यूमन इवॉल्यूशन" (concerning the genomes of extinct hominins and human evolution) के लिए दिया गया है. यह पुरस्कार विज्ञान की दुनिया के सबसे अहम पुरस्कारों में से एक है. रॉयटर्स के अनुसार, यह पुरस्कार स्वीडन के कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट की नोबल असेंबली द्वारा दिया जाता है. इसमें करीब 10 मिलियन स्वीडिश क्राउन्स या कहें कि 9 साल डॉलर का ($900,357) अवॉर्ड मिलता है. यह इस साल के नोबल पुरस्कारों की पहली घोषणा है.
सवांते पाबो ने किया असंभव सा काम
नोबल प्राइज़ ऑर्गनाइज़ेश के अनुसार, सवांते पाबो ने लगभग असंभव काम किया है. उन्होंने फिलहाल लुप्त हो चुकी आज के इंसानों की पूर्वज प्रजाति निएंडरथल (Neanderthal) के जीनोम की सीक्वेंसिंग की. इतना ही नहीं, उन्होंने इंसानों के एक ऐसे पूर्वज को खोज निकाला जिससे हम पहले अंजान थे. इसका नाम है डेनीसोवा ( Denisova). खास तौर से पाबो ने यह भी पाया कि अफ्रीका से 70,000 साल पहले हुए प्रवास के कारण आज के मानव या कहें कि होमो सेपिएंस (Homo sapiens ) में लुप्त हो चुके पूर्वजों से जीन ट्रांसफर हुए. इंसानों में जीन्स के इन प्रसार की काफी अहमियात है. जैसे कि इससे निर्धारित होता है कि हमारा इम्यून सिस्टम कैसे संक्रमणों पर प्रतिक्रिया देता है.
नोबल पुरस्कार स्वीडन के डाइनामाइट इनवेस्टर और अमीर व्यापारी अल्फ्रेड नोबल की वसीयत के अनुसार दिया जाता है. यह पुरस्कार विज्ञान, लेखन और शांति के क्षेत्रों में 1901 से दिये जाते हैं. इकॉनमिक्स के क्षेत्र में नोबल पुरस्कार बाद में दिये जाने लगे.
कोविड-19 ने एक बार फिर मेडिकल रिसर्च को केंद्र में रख दिया है और कई यह उम्मीद कर रहे हैं कि वैक्सीन आ जाने के बाद दुनिया के फिर से सामान्य हो जाने की उम्मीद कर रहे हैं.
फिर भी आम तौर पर किसी रिसर्च को सम्मानित होने में कई साल लगते हैं. पुरस्कार के लिए चुनने वाली कमिटी विजेताओं और उनके शोध की पूरी जांच पड़ताल करती है.
इस साल दो साल की महामारी के बाद एक बार फिर से नोबल पुस्कार अपनी चमक वापस पा सकेंगे. पिछले साल मेडिसिन के क्षेत्र में अमेरिकी डेविड जूलियस और एड्रियन को यह नोबल पुरस्कार दिए गए थे. उन्होंने इंसानी त्वचा में तापमान, छु्अन का पता लगाने वाले रिसेप्टर का पता लगाया था जिससे हमारा नर्वस सिस्टम जुड़ा होता है.
क्या मैं उपवास के दौरान सेक्स कर सकता हूं? ये नवरात्र के दौरान लोगों के सवाल होते हैं, उपवास के दौरान संभोग इतनी बड़ी बात क्यों है और क्या ये वर्जित है ? क्या उपवास के टाइम सेक्स करने से वास्तव में आपके हेल्थ पर कोई दुष्प्रभाव भी पड़ता है या इसे करने से खुद को दूर रखना सिर्फ एक अनकहा नियम है ? यहां, हम मिथकों और वास्तविकता को अलग करके आपके सवालों के जवाब देने का प्रयास करेंगे-

उपवास के दौरान सेक्स, धार्मिक दायित्व
अध्यात्म के मुताबिक, उपवास का सार एक निश्चित अवधि के लिए सभी प्रलोभनों, चरम भावनाओं, व्यसनों और अन्य सांसारिक इच्छाओं से खुद को दूर रखना है। ये आपको आत्म-नियंत्रण और दृढ़ इच्छा-शक्ति की भावना देता है।
वहीं ज्यादातर लोग व्रत के दौरान लगातार सेक्स करना पसंद करते हैं। वे इसे केवल तब नहीं करते जब वे इसे अस्वस्थ या आध्यात्मिक रूप से जो करना चाहते थे उसके विरुद्ध मानते हैं।

वैज्ञानिक रूप से, उपवास ब्लड शुगर नियंत्रण, सूजन से लड़ने, हार्ट हेल्थ में सुधार और मस्तिष्क के कार्य सहित विभिन्न स्वास्थ्य लाभों से जुड़ा है। कई अन्य सकारात्मक परिवर्तन हैं जो एक निर्धारित अवधि के लिए भोजन न करने का एक सरल काम आपको प्रदान कर सकते हैं।
लेकिन, जब आप भोजन या तरल पदार्थ नहीं खा रहे होते हैं, तो आपका शरीर कमजोर हो जाता है क्योंकि आपकी ऊर्जा का स्तर काफी कम हो जाता है। और, इस दौरान सेक्स एक चीज है जिसके बारे में आप सोच सकते हैं। सेक्स एक मांग वाली प्रक्रिया है जिसके लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है और आप अंतरंग होने के दौरान कैलोरी कम करते हैं। यही कारण है कि व्रत के दौरान सेक्स करने की इच्छा कम हो जाती है।

सेक्स मूल रूप से एक वयस्क की शारीरिक जरूरत है, जैसे भूख और नींद। अगर आप दोनों का यौन संबंध बनाने का मन है, तो करें, लेकिन प्यार करने के बाद कोई दोषी भावना विकसित न करें। अगर आवश्यक हो, तो आप दोनों संभोग के बाद स्नान कर सकते हैं, क्योंकि स्नान हमारे शरीर को शुद्ध करने के लिए है।

सेक्स करना या न करना धर्म से संबंधित नहीं
नवरात्रि के दौरान सेक्स करना या न करना धर्म से संबंधित नहीं है। लेकिन अगर आपने देवी के दस अवतारों की रोजाना पूजा करने का फैसला किया है, तो आपको सेक्स से बचना चाहिए, क्योंकि इन दस दिनों में आप जिन देवी-देवताओं की पूजा कर रहे हैं, वे बहुत शक्तिशाली हैं और उनसे शक्ति प्राप्त करने के लिए शुद्ध जीवन शैली बनाए रखना भी महत्वपूर्ण है। .

अगर गरबा नृत्य जीवन के सुखों के आनंद की वास्तविक अभिव्यक्ति है, जैसा कि प्रेम-प्रसंग में स्पष्ट है जो कथित तौर पर गुजरात में नवरात्रों के दौरान होता है। जीवन के रूप में ही रोमांस और यौन अभिव्यक्ति नवरात्रों का एक सुंदर पहलू है।