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संजय दत्त के जीवन पर बनी 'संजू' में 1993 में हुए मुंबई बम ब्लास्ट केस के बारे में दिखाया जाएगा। ये वही मामला है जिसकी वजह से संजय दत्त को जेल जाना पड़ा और उनकी ये लड़ाई 23 साल तक चली। संजय को पहली बार 19 अप्रैल 1993 में एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था। उनको अवैध हथियार रखने का दोषी पाया गया था और करीब 20 साल तक चली लंबी सुनवाई के बाद 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 5 साल की सजा सुनाई गई थी। हालांकि उनके अच्छे व्यवहार के चलते उन्हें सजा पूरी होने से पहले ही 25 फरवरी 2016 को रिहा कर दिया गया था।
::/introtext::क्या था मुंबई बम ब्लास्ट केस:12 मार्च 1993 को मुंबई में एक के बाद एक लगातार 12 बम धमाके हुए। इन धमाकों में 257 लोग मारे गए, जबकि 713 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। पहला बम ब्लास्ट 1 बजकर 29 मिनट पर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के बाहर हुआ था, जिसमें 84 लोग मारे गए थे। इसके बाद अगले एक घंटे तक लगातार बम ब्लास्ट होते रहे।
- इस मामले में 100 से ज्यादा लोगों को सजा सुनाई गई थी, जबकि 23 लोगों को बरी कर दिया गया था। इस मामले में याकूब मेमन को फांसी की सजा सुनाई गई थी, जिसे 2015 में फांसी दी गई है। इस बम ब्लास्ट का मास्टरमाइंड दाऊद इब्राहिम है, जो 1995 से ही फरार है।
बाल ठाकरे की वजह से जमानत पर छूटे थे संजय: 1993 में संजय दत्त को पहली बार जेल भेजा गया। इस वजह से उनके पिता सुनील दत्त काफी परेशान हुए और किसी भी तरह से संजय की रिहाई करने में जुटे रहे। सुनील थे तो कांग्रेसी नेता, लेकिन महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली तक किसी भी कांग्रेसी नेता ने इस मामले में दखल नहीं दी।
- इसके बाद मुंबई लौटे सुनील दत्त को उनके समधि और मशहूर एक्टर राजेंद्र कुमार ने बाला साहेब से मिलने की सलाह दी। अपने समधि की बात मानकर सुनील दत्त मिलने पहुंचे और संजय की रिहाई की बात की। इस पर ठाकरे ने जवाब दिया कि 'ठीक है देखते हैं क्या हो सकता है। लेकिन ये सब मैं तुम्हारे लिए कर रहा हूं, संजय के लिए नहीं।' इसके बाद संजय को भी बुलाकर ठाकरे ने फटकार लगाई और कहा कि 'अब से जो तुम्हारे पिता बोलें, वही करना।'
- इसके बाद संजय जब दोबारा गिरफ्तार हुए तो बाला साहेब ने ही मध्यस्थता की और संजय को जमानत पर रिहा करवाया। संजय को रिहा कराने के बाद विरोधी बाला साहेब पर जमकर बरसे, लेकिन उन्होंने इसे नजरअंदाज कर दिया। जेल से रिहाई के बाद संजय दत्त उनके पिता के साथ सीधे मातोश्री पहुंचे और बाल ठाकरे के गले लगकर फूट-फूट कर रोने लगे थे।
- जब तक बाल ठाकरे जिंदा रहे तब तक शिवसेना ने संजय दत्त का विरोध नहीं किया। लेकिन उनकी मृत्यु के बाद शिवसेना ने संजय की दया याचिका का विरोध किया।
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