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कॉपर इंट्रायूट्राइन कॉन्ट्रासेप्टिव डिवाइस को कॉपर-टी कहते हैं। यह T की शेप में एक प्लास्टिक का डिवाइस होता है जिसे डॉक्टर गर्भाशय के अंदर फिट कर देते हैं। गर्भ को ठहरने से रोकने के लिए कॉपर टी एक अच्छा विकल्प माना जाता हैं। अगर आप गर्भ धारण नही करना चाहते हैं, तो आपको गर्भ निरोधक के रूप में कॉपर टी लगाना चाहिए। यह सबसे अच्छा और बेस्ट साधन माना जाता हैं।
फैक्ट: जी नहीं कॉपर टी लगाते समय आपको किसी भी प्रकार का दर्द नही होता हैं। यह एक साधारण और आसान प्रक्रिया होती हैं। जो एक्सपर्ट डॉक्टर के द्वारा की जाती हैं। इसलिए कॉपर टी लगाते समय आपको कोई भी दर्द नही होता हैं
फैक्ट: कॉपर-टी लगवाने के बाद आपको ऐसा महसूस नहीं होगा कि आपने इसे लगवाया है। कुछ महिलाओं को पीरियड्स के दौरान मरोड़ और अधिक ब्लीडिंग हो सकती है। आपके पीरियड्स के पैटर्न में कुछ बदलाव हो सकता है। इसे लगवाने के बाद पहले कुछ महीनों में दर्द और ज्यादा ब्लीडिंग हो सकती है। कुछ महिलाओं को पेट के निचले हिस्से में ऐंठन और कमर दर्द महसूस हो सकता है। अगर कॉपर टी गलत तरीके से लगाया गया हो तो योनि में इंफेक्शन होने का खतरा भी बढ़ सकता है।
फैक्ट: अगर आपको लगता है कि कॉपर टी प्रेगनेंसी को रोकने का सबसे असददार तरीका है, तो कुछ हद तक ये सही भी है और नहीं भी। एक साल के लिए 100 में से केवल 1 महिला में कॉपर-टी का फेलियर रेट देखा गया है। इसका मतलब है कि एक साल में 100 में से सिर्फ एक महिला के कॉपर-टी लगवाने के बाद गर्भवती होने के चांसेस होते हैं।
फैक्ट: इसके अलावा कॉपर टी यदि अपनी जगह से खिसक जाए। हैवी पीरियड्स के दौरान कॉपर-टी खून के साथ शरीर से बाहर आ जाए। इसके अलावा कॉपर-टी एक्सपायर हो जाए, तो इन सभी स्थितियों में गर्भ ठहरने की संभावना रहती है। 1000 में से एक महिला में आईयूडी से गर्भाशय की दीवार में छेद हो सकता है और ये गर्भाशय से बाहर आ सकती है। इसे फिर सर्जरी से निकालना पड़ता है।
मिथक: कॉपर-टी लगवाने से फर्टिलिटी पर असर पड़ता है?
फैक्ट: कॉपर-टी हटवाने के तुरंत बाद आप कंसीव करने के लिए ट्राई कर सकती हैं। यंग कपल 4 से 6 महीने में कंसीव कर सकते हैं। लगभग 85 से 90 पर्सेंट कपल्स एक साल के अंदर कंसीव कर लेते हैं।
फैक्ट: कॉपर-टी से सेक्सुअल लाइफ में इफेक्ट होती है, ये महज एक अफवाह है। इसकी वजह से आपको रोजमर्रा के काम करने और सेक्स में कोई दिक्कत नहीं आती है।
कॉपर-टी निकालने के बाद फर्टिलिटी पर इसका कोई असर नहीं पड़ता है। कॉपर-टी निकालने के बाद कुछ महिलाओं के मासिक चक्र में बदलाव आ सकता है लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है, ये बदलाव अस्थायी होता है।
How To Prevent Pregnancy: अगर आप फैमिली प्लानिंग कर रही हैं तो अनचाही प्रेगनेंसी से बचने के लिए सेक्स करने से पहले कॉन्ट्रासेप्टिव या बर्थ कंट्रोल का इस्तेमाल जरुर करती होंगी, जैसे पिल्स या कंडोम। लेकिन कई बार होता है कि कुछ कारणवश प्रोटेक्शन या कॉन्ट्रासेप्टिव बर्थ कंट्रोल का इस्तेमाल करना भूल जाते हैं।
इस मेथड में पुरुष साथी को इस बात का खास ख्याल रखना पड़ता है कि वो सेक्स के दौरानयोनि के आसपास एजैक्यूलेट न करें। इसके लिए थोड़ी प्रैक्टिस की ज़रूरत होती है। लेकिन इस तरीके में रिस्क रहता है शुक्राणु प्रीएजैक्यूलेशन के साथ योनि में प्रवेश कर सकता है। इसलिए इस तरीके को अपनाने से पहले सोच लें। इसे अन्य गर्भनिरोधक तरीकों के साथ करना प्रेगनेंसी की सिचुएशन को टालता है।
अगर प्रोटेक्शन का इस्तेमाल नहीं कर रही हैं, तो अनचाही प्रेगनेंसी से खुद को सेफ रखने के लिए ओव्यूलेशन के दिनों में सेक्स करने से बचें, जो आमतौर पर पीरियड से दो सप्ताह पहले का होता है। इसके लिए ओवुलेशन को ट्रैक करने के लिए फर्टिलिटी एप्स की मदद ले सकती हैं। अगर आप ओवुलेशन को ट्रैक करने में विफल रही तो प्रेगनेंसी होने की संभावना बढ़ जाती है।
एक बार पीरियड खत्म हो जाने पर, आप अपने शरीर के तापमान को ट्रैक करना शुरू कर सकती हैं। जब ओव्यूलेशन शुरू होता है, तो तापमान बढ़ना शुरू हो जाता है और ओव्यूलेशन के दिन में चरम पर होता है। यदि आप इस पीरियड के दौरान सेक्स से बचती हैं, तो आप गर्भधारण से बच सकती हैं। और जहां तक हो सके इस दौरान प्रोटेक्शन जरुर यूज करें।
पपीता
अगर आपने असुरक्षित सेक्स किया है, तो अगले 3 से 4 दिनों तक दिन में दो बार पपीता खाएं। पपीता निषेचन को रोकता है और ये नेचुरल बर्थ कंट्रोल की तरह काम करता है।
अदरक
अदरक की तासीर गर्म होती है। यह पीरियड को जल्दी लाने के साथ ही प्रेगनेंसी को भी टालता है। बस उबलते पानी में कद्दूकस किया हुआ अदरक डालें। 5 मिनट के बाद मिश्रण को छान लें और पिएं। अदरक की चाय आपको या आपके शरीर को किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाएगी और न ही इसका कोई साइड इफेक्ट है।
अनानास
अनानास में मौजूद गुण सेक्स के बाद गर्भधारण से बचाता है। असुरक्षित सेक्स करने के बाद 2-3 दिनों तक रोजाना एक पका हुआ अनानास खाने से गर्भधारण से बचने में मदद मिल सकती है
नेचुरल बर्थ कंट्रोल के फायदे और नुकसान
फायदे:
- नेचुरल बर्थ कंट्रोल के ज्यादातर तरीके फ्री होते है।
- नेचुरल बर्थ कंट्रोल के तरीके अपनाने से किसी तरह का हार्मोनल डिस्डर्ब नहीं होता है।
- इस तरीकों को अपनाने से जन्म नियंत्रण उपकरणों या नुस्खे के लिए डॉक्टर की जरूरत नहीं पड़ती है।
नेचुरल बर्थ कंट्रोल से कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है जो लोग हार्मोनल गर्भनिरोधक के साथ अनुभव कर सकते हैं, जैसे मूड स्विंग, वजन बढ़ना, सिरदर्द और मतली.
नुकसान
- प्राकृतिक जन्म नियंत्रण में 23% तक विफलता दर हो सकती है।
-नेचुरल बर्थ कंट्रोल यौन संचारित संक्रमणों (एसटीआई) से रक्षा नहीं कर सकता है.
- लोगों को या तो यौन संबंध से दूर रहना होगा या अपनी ओवुलेशन विंडो के दौरान किसी अन्य प्रकार के बर्थ कंट्रोल का उपयोग करना होगा.
मेनोपॉज के दौरान महिलाओं में फूड क्रेविंग होने का क्या कारण है?
मैनोपॉज ट्रांजिटिशन हार्मोन के कारण होने वाली स्थिति है। पेरिमनोपॉज़ल पीरियड के दौरान, आपके हार्मोन में उतार-चढ़ाव हो सकता है और आपको भूख लग सकती है। दरअसल एक रिसर्च में ये बात सामने आई कि आपके दिमाग में पीरियडस को कंट्रोल करने वाले मुख्य हार्मोन एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के लिए रिसेप्टर्स होते हैं।
- खाने की इस क्रेविंग को लेकर किसी तरह का स्ट्रेस ना लें। इससे समस्या और बढ़ सकती है। इसलिए, मेडिटेशन को अपने डेली शेडयूल में शामिल करें।
- खाने का रेगुलर पैटर्न फॉलो करें, इससे आपको ट्रेक पर बने रहने में मदद मिलेगी।
- खाने में फाइबर वाली चीजें जैसे दाल, पत्तेदार साग, अजवाइन और दलिया शामिल करें।
- अपनी डाइट में प्रोटीन और डेयरी प्रोडक्टस आवश्यक रूप से शामिल करें।
- जितना हो सकें बॉडी को हाइड्रेट रखें। जिसके लिए भरपूर पानी पीए। दरअसल, हाइड्रेटेड रहने से खाने की लालसा को कम करने में मदद मिल सकती है।
- अनहेल्दी स्नैक्स खाने के बजाय हेल्दी स्नैक्स खाए, इससे बॉडी को अंदरूनी मजबूत मिलेगी।
- च्यूइंग गम खाए, इससे आपको भूख का एहसास कम होगा।
शादी के बाद अक्सर देखा जाता है कि लड़कियां मोटी होने लग जाती हैं, लोग यही कहते हैं कि ससुराल में बहुत प्यार मिल रहा है, जिसकी वजह से लड़की खुशी के कारण मोटी हो रही है। लेकिन असली वजह कुछ और ही होती है, शादी के बाद लड़कियां अपने ऊपर उतना ध्यान नहीं दे पा रही होती हैं, जितना वो शादी से पहले देती थी।
उनका खान-पान,लाइफस्टाइल सब बदल जाता है। उनके सोने और उठने की स्लीप साइकिल भी बदल जाती है। साथी ही वो जिस तरह से वर्कआउट करती थी वो अब नहीं हो पा रहा होता है। लेकिन शादी के बाद लड़कियों को अपने ऊपर ध्यान देने की काफी जरूरत होती है। अगर वो अपना ध्यान नहीं रखेगी तो उनको कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में यहां बताए जा रहे तरीकों को फॉलो करते हुए अपनी फिटनेस पर जरूर ध्यान दें।
अपनी स्लीप साइकिल सेट करे
ये काफी अहम है कि शादी के बाद अक्सर लड़कियों की नींद खराब हो जाती है। सोने और उठने के वक्त में बदलाव आ जाता है। ऐसे में आपको अपनी स्लीप साइकिल को सही करना होगा। वर्ना आपको नींद ना आने की समस्या के साथ ही और भी कई तरह की प्रॉब्लम्स हो सकती है।
अपने खान-पान का रूटीन सही करें
शादी के बाद भले ही आपके घर वाले सुबह 10 बजे नाश्ता करते हों, लेकिन अगर आपकी सुबह 8 बजे नाश्ता करने की आदत से उसे वैसे ही रखें। आप जल्दी उठकर अपने लिए हेल्दी नाश्ता बना लें। किसी की इंतजार ना करें। साथ ही वक्त पर खाना जरूर खाएं। अक्सर होता है कि घर के कामों के चक्कर में आप टाइम पर लंच और डिनर नहीं कर पाती है। खाने का रूटीन सेट करें।
वर्कआउट जरूर करें
शादी से आपका वर्कआउट को लेकर जो प्लान था वो शादी के बाद भी जारी रखें। अगर आप जिम नहीं जा पा रही हैं तो घर में ही वर्कआउट करना शुरू करें और अपनी फिटनेस का ध्यान रखें।