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राज्य की आर्थिक मजबूती और वित्तीय अनुशासन को लेकर सरकार प्रतिबद्ध : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय
मुख्यमंत्री ने ली वित्त विभाग की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक : वित्तीय प्रबंधन में दक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के दिए निर्देश
रायपुर- मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन, नवा रायपुर में प्रदेश की आर्थिक स्थिति और वित्तीय प्रबंधन की गहन समीक्षा की। इस अवसर पर वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में बजट प्रबंधन, राजस्व संग्रहण, व्यय नियंत्रण, वित्तीय अनुशासन और ई-गवर्नेंस जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर व्यापक चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री श्री साय ने अधिकारियों से राज्य की जीएसडीपी, पूंजीगत व्यय और योजनाओं की वित्तीय प्रगति की विस्तृत जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि वित्तीय संसाधनों का उपयोग पारदर्शिता और दक्षता के साथ किया जाए, ताकि जनकल्याणकारी योजनाएं निर्बाध रूप से संचालित हो सकें।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य की प्रगति उसकी वित्तीय स्थिरता पर निर्भर करती है। जितनी सशक्त वित्तीय व्यवस्था होगी, उतनी ही तेजी से हम विकास की दिशा में आगे बढ़ पाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ने आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित किया है, जिससे राज्य की जीएसडीपी में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।
बैठक में वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी ने विभाग की वर्तमान वित्तीय स्थिति, राजस्व प्राप्तियों, व्यय नियंत्रण और आगामी रणनीतियों की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि सरकार की प्राथमिकताओं के अनुरूप योजनाओं को समयबद्ध रूप से वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं और विभाग वित्तीय पारदर्शिता व सुशासन की दिशा में निरंतर कार्य कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने वित्त विभाग की कार्यप्रणाली की सराहना करते हुए कहा कि बीते डेढ़ वर्षों में विभाग के द्वारा अपनाए गए नवाचारों से राज्य की आर्थिक आधारशिला और अधिक मजबूत हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि शासन की प्रत्येक जनकल्याणकारी योजना का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे और राज्य वित्तीय सुशासन के साथ विकास की नई ऊंचाइयों को छुए।
बैठक में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मुकेश कुमार बंसल और श्री राहुल भगत सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
राज्य में स्वास्थ्य ढांचे को सुदृढ़ कर रहे हैं आधुनिक आइसोलेशन वार्ड:महामारी के अभाव में इनका हो रहा है नवाचारपूर्ण वैकल्पिक उपयोग
ईसीआरपी एवं नाबार्ड योजनाओं से ग्रामीण अंचलों में पहुंची आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं
रायपुर- छत्तीसगढ़ में कोविड-19 जैसी महामारियों से निपटने की तैयारी को मजबूत करने और आमजन तक गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं पहुंचाने के उद्देश्य से ठोस कदम उठाए हैं। इमरजेंसी कोविड रिस्पांस एंड हेल्थ सिस्टम प्रिपेयर्डनेस पैकेज (ईसीआरपी) के तहत प्रदेश के 571 स्वास्थ्य केंद्रों – जिसमें 62 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 385 उप-स्वास्थ्य केंद्र एवं 124 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं – में अतिरिक्त आइसोलेशन वार्ड स्वीकृत किए गए। इनमें से 422 भवनों का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है और 141 वार्ड तेजी से निर्माणाधीन हैं। ये सभी आइसोलेशन वार्ड न केवल भविष्य की स्वास्थ्य आपात स्थितियों के लिए तैयार रहेंगे, बल्कि वर्तमान में स्वास्थ्य व्यवस्था को व्यापक और सशक्त बनाने में योगदान कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि नाबार्ड पोषित योजना के अंतर्गत भी राज्य में व्यापक स्तर पर आइसोलेशन सुविधाओं का विकास हुआ है। इस योजना के तहत 25 जिला अस्पतालों में 20 बिस्तरों के और 170 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 10 बिस्तरों के आधुनिक आइसोलेशन वार्ड स्थापित किए गए हैं, जिनका निर्माण कोविड महामारी के दौरान मरीजों के पृथक उपचार के लिए किया गया था। वर्तमान में महामारी के अभाव में इन भवनों का नवाचारपूर्ण वैकल्पिक उपयोग किया जा रहा है। कहीं इन्हें चिकित्सा उपकरणों एवं दवाओं के सुरक्षित भंडारण के लिए स्टोर रूम के रूप में प्रयोग किया जा रहा है, तो कहीं इन्हें प्रशिक्षण केंद्र एवं बैठक कक्ष के रूप में उपयोग में लाया जा रहा है।आइसोलेशन भवनों ने स्वास्थ्य संस्थानों की कार्यक्षमता को कई गुना बढ़ा दिया है। इनके बहुउद्देशीय उपयोग से स्वास्थ्य कर्मियों के कार्य संचालन में सुविधा मिली है और आकस्मिक परिस्थितियों में त्वरित तैयारियों की क्षमता भी सशक्त हुई है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रतनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आइसोलेशन वार्ड का भवन तकनीकी कारणों से अभी तक हैंडओवर नहीं हो सका है। जल्द ही आवश्यक प्रक्रियाएं पूर्ण कर इसे भी स्वास्थ्य सेवाओं में सम्मिलित किया जाएगा।
इन सभी आइसोलेशन वार्डों को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि आवश्यकता पड़ने पर अल्प सूचना में ही इन्हें सक्रिय किया जा सके। राज्य सरकार की यह पहल छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़, सक्षम और भविष्य के लिए पूरी तरह तैयार बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने जीएसटी विभाग की समीक्षा बैठक में कर अपवंचन पर सख्ती के दिए निर्देश
छत्तीसगढ़ में जीएसटी कलेक्शन में ऐतिहासिक बढ़त: 18% वृद्धि दर के साथ देश में अव्वल
रायपुर- मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय स्थित महानदी भवन में वाणिज्यिक कर (जीएसटी) विभाग की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने विभाग के कार्यों एवं राजस्व संग्रहण की विस्तार से जानकारी प्राप्त की और कर संग्रहण बढ़ाने के उपायों पर कार्य करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि कर की राशि का उपयोग देश और प्रदेश के विकास कार्यों में होता है, इसलिए सभी को ईमानदारी पूर्वक कर अदा करना चाहिए। श्री साय ने कहा कि जो लोग कर (जीएसटी) की चोरी करते हैं, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए तथा उनसे कर की वसूली सुनिश्चित की जाए। बैठक के दौरान अधिकारियों ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य को जीएसटी एवं वैट से कुल 23,448 करोड़ रुपये का कर राजस्व प्राप्त हुआ, जो राज्य के कुल कर राजस्व का 38% है। छत्तीसगढ़ ने 18% की जीएसटी वृद्धि दर हासिल की है, जो देश में सर्वाधिक है।
बैठक में वित्त एवं वाणिज्यिक कर (जीएसटी) मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने विभागीय जानकारी साझा की। मुख्यमंत्री श्री साय ने जीएसटी संग्रहण हेतु विभाग द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की और कहा कि आगे भी नियमों के अनुरूप संग्रहण बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किए जाएं। उन्होंने विभागीय अधिकारियों के साथ कर अपवंचन के मामलों एवं उनसे निपटने के उपायों पर भी विस्तार से चर्चा की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने फर्जी बिल, दोहरी बहीखाता प्रणाली और गलत टैक्स दरों का उपयोग कर अनुचित लाभ लेने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने विभाग की नवाचारी पहलों की प्रशंसा करते हुए कहा कि जीएसटी पंजीकरण की औसत समय सीमा को 13 दिन से घटाकर 2 दिन कर दिया गया है।
बैठक में अधिकारियों ने जीएसटी विभाग द्वारा हाल ही में की गई बड़ी कार्रवाइयों एवं कर चोरी की राशि की वसूली की जानकारी दी। बैठक में बताया गया कि विभाग द्वारा की गई कार्रवाइयों से शासन के कर राजस्व में निरंतर वृद्धि हो रही है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के सभी 33 जिलों में जीएसटी कार्यालय स्थापित किए गए हैं, जिससे कर संग्रहण एवं जीएसटी से जुड़ी सेवाओं का कार्य पारदर्शिता और समयबद्धता के साथ संपादित किया जा रहा है।
बैठक में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मुकेश कुमार बंसल, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत तथा आयुक्त वाणिज्यिक कर श्री पुष्पेंद्र मीणा सहित वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सरकारी कर्मचारियों को शेयर व म्युचुअल फंड में निवेश की रहेगी अनुमति, इंट्राडे ट्रेडिंग पर रोक
रायपुर-सामान्य प्रशासन विभाग ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 में संशोधन अधिसूचित किया है, जिसके तहत भारत सरकार के प्रावधानों की तर्ज पर अब राज्य के शासकीय सेवकों को शेयर (Shares), प्रतिभूतियों (Securities), डिबेंचर्स (Debentures) और म्युचुअल फंड्स (Mutual Funds) में निवेश की अनुमति दी गई है। यह संशोधन नियम 19 में नया उप-खण्ड जोड़ते हुए लागू किया गया है, जिसका उद्देश्य वित्तीय लेनदेन में पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।
हालांकि, अधिसूचना में यह स्पष्ट प्रावधान किया गया है कि इंट्रा-डे ट्रेडिंग, बीटीएसटी (BTST), फ्यूचर एंड ऑप्शंस (F&O) तथा क्रिप्टोकरेंसी जैसे प्रकृति के निवेश गतिविधियों पर रोक लागू रहेगी।