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भोपाल: मध्य प्रदेश में कई ऐसी ऐतिहासिक धरोहर मौजूद हैं जिनके ख्याति विश्व विख्यात है. इन्हीं में से राजधानी भोपाल से 32 किलो मीटर दूर स्तिथ भोजेश्वर मंदिर एक है. हा जाता है कि यहां पर मौजूद शिवलिंग दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग है. भोजपुर और इस शिव मंदिर का निर्माण परमार वंश के प्रसिद्ध राजा भोज (1010 ई–1055 ई) ने करवाया था. लोग इस मंदिर को अधूरा मंदिर के नाम से भी जानते हैं.
::/introtext::क्यों अधूरा है ये मंदिर
भोजपुर गांव में स्थित भोलेनाथ के इस मंदिर के अधूरे रहने के पीछे एक कहानी है. लेकिन इसके वास्तविक तथ्यों का पता किसी को नहीं है. पौराणिक किवदंतियों की मानें तो कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण कार्य एक रात में पूरा किया जाना था, लेकिन कारीगर यह काम पूरा नहीं कर सके. इसलिए यह मंदिर आज तक अधूरा ही है और इसका फिर से निर्माण नहीं करवाया गया. मंदिर से जुड़े कई सवाल भी अधूरे ही रह गए जिनका जवाब आजतक किसी के पास नहीं है.
एक ही पत्थर से बना है शिवलिंग
इस मंदिर का निर्माण परमार राजा भोज ने कराया था. मंदिर अपने विशाल शिवलिंग के लिए जाना जाता है. एक ही पत्थर पर खड़ा यह विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग है, जिसकी लंबाई 12 फीट बताई जाती है. पत्थर के साथ यह संपूर्ण शिवलिंग की लबाई 18 फीट है. राजा भोज के नाम पर ही इस मंदिर का नाम भोजेश्वर पड़ा. दूसरी किवदंतियों की मानें तो इस मंदिर का निर्माण पांडवों द्वारा किया गया था. मंदिर परिसर को देखने से पता चलता है कि यहां और कई कई छोटे-छोट मंदिर बनाए जाने थे.
साल में दो बार मेले का आयोजन
इस प्रसिद्ध मंदिर में साल में दो बार वार्षिक मेले का आयोजन किया जाता है. पहला मेला मकर संक्रांति पर और दूसरा महाशिवरात्रि के समय होता है. इस धार्मिक उत्सव में भाग लेने के लिए दूर-दूर से लोग यहां पहुंचते हैं. महाशिवरात्रि पर यहां तीन दिवसीय भोजपुर महोत्सव का आयोजन भी किया जाने लगा है.
इन जगहों पर भी जाएं
भोजेश्वर मंदिर के अलावा यहां स्थित पार्वती गुफा का भी अपना महत्व है. यह गुफा भोजेश्वर मंदिर के ठीक सामने पश्चिम दिशा की ओर है. इस गुफा में पौराणिक महत्व रखती कई मूर्तियां मौजूद हैं. इसके अलावा भगवान शिव के मंदिर की ही तरह ही यहां पर अधूरा जैन मंदिर भी मौजूद है. इस मंदिर में भगवान शांतिनाथ की 6 मीटर ऊंची प्रतिमा स्थापित है.
कैसे जाएं
भोजेश्ववर मंदिर भोपाल से लगभग 32 किमी की दूरी पर है. भोपाल से यहां स्थानीय परिवहन के माध्यमों से पहुंचा सकता है. भोपाल रेल और हवाई मार्ग के जरिए देश के मुख्य शहरों से जुड़ा हुआ है.