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नई दिल्ली: वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी पहली बार सत्तासीन हुए. इसके तुरंत बाद से ही विदेशों से भारत के संबंध और विदेशों में भारत की छवि को लेकर काम शुरू हो गया. कुछ ही समय में कई बड़े-बड़े मुल्कों के राष्ट्राध्यक्ष हिन्दुस्तान के दौरों पर आने लगे, ताकि समझौतों पर दस्तख़त हो सके. इसी दौरान पीएम नरेंद्र मोदी भी बीसियों देशों की यात्रा पर गए. परिणामस्वरूप आज स्थिति यह है कि विदेशों में बसे भारतीय ही पीएम मोदी के फैन नहीं हैं, बल्कि अमेरिका जैसे विकसित और सबसे ताकतवर कहे जाने वाले मुल्क के सर्वोच्च पद पर आसीन जो बाइडेन को भी सार्वजनिक रूप से कबूल करना पड़ा कि मोदी उनके मुल्क बेहद लोकप्रिय हैं. बाइडेन ने कहा कि मोदी इतने ज़्यादा लोकप्रिय हैं कि उन्हें परेशानी होने लगी है.
पीएम मोदी की लोकप्रियता के साथ-साथ इस तथ्य को भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता कि विदेश नीति के मामले में अब भारत की स्थिति पहले की तुलना में कहीं ज़्यादा सुदृढ़ हो गई है. हमारा मुल्क बहुत-से देशों के साथ अपनी इच्छा और शर्तों के साथ समझौते कर रहा है. बड़े-बड़े मुल्क चाहकर भी भारत का विरोध नहीं कर पा रहे हैं. इसी मुद्दे को लेकर NDTV-CSDS सर्वे में भी कई सवालों पर भारत की जनता से राय मांगी गई. अधिकतर के मुताबिक, पीएम मोदी के काल में हमारे मुल्क का मान दुनियाभर में काफी बढ़ा है.
मोदी राज में बढ़ा भारत का मान
हमारे सर्वे के मुताबिक, 63 फीसदी भारतीयों का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के दौरान दुनियाभर में भारत का मान बढ़ा है. 23 फीसदी लोगों के मुताबिक ऐसा नहीं हुआ है, जबकि सर्वे में शामिल 14 फीसदी लोगों ने इस सवाल को कोई जवाब नहीं दिया.
मोदी राज में भारत बना दुनिया का सरताज
बात सिर्फ देश का मान बढ़ने की नहीं है, बल्कि आधे से ज़्यादा लोग तो यह मानते हैं कि इस वक्त भारत ही दुनिया का सरताज है, क्योंकि सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में हमारा शुमार होने लगा है. बड़े-बड़े मुल्क भी हमारी शर्तों पर समझौते और सौदे करने के लिए सहमत हो जाते हैं. सर्वे में पूछे गए सवाल के जवाब में 54 फीसदी उत्तरदाताओं के मुताबिक यह कथन कतई सही है. इससे आधे, यानी 27 फीसदी का कहना है कि ऐसा नहीं हुआ है, जबकि 19 फीसदी लोगों ने इसके जवाब में कुछ भी नहीं कहा.
विदेशी निवेश के लिए आकर्षक डेस्टिनेशन है भारत
जब बात तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था की हो, तो विदेशी निवेश के बिना उसकी कल्पना करना मुश्किल होता है. इस मुद्दे पर सरकार के प्रदर्शन की समीक्षा करने वालों में से आधे से ज़्यादा यानी 55 फीसदी का कहना था कि विदेशी निवेश के लिए भारत सबसे आकर्षक देश है. 18 फीसदी लोगों ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया, जबकि 27 फीसदी के मुताबिक भारत विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए आकर्षक डेस्टिनेशन नहीं है.
चीन से रिश्तों में मोदी सरकार का प्रदर्शन
विकसित देशों के साथ भारत के रिश्तों और द्विपक्षीय रिश्तों में भारतीय स्थिति में सुधार अधिकतर लोगों को दिखाई दे रहा है, लेकिन अपने पड़ोसियों की तरफ से पेश की जा रही दिक्कतों से भारत किस तरह निपट पा रहा है. इसे लेकर किए गए सवाल पर भी मिली-जुली राय सामने आई. चीन के साथ रिश्तों को संभालने और निभाने के मामले में मोदी सरकार के प्रदर्शन को जहां 28 फीसदी लोग 'बुरा' कह रहे थे. वहीं, 29 फीसदी ने मोदी सरकार के प्रदर्शन को 'अच्छा' बताया. 13 फीसदी लोगों को चीन से रिश्तों में केंद्र सरकार का प्रदर्शन 'औसत' लगा. यानी 52 फीसदी लोग ऐसे रहे, जिन्हें चीन से रिश्ते निभाने के मामले में भारत सरकार का प्रदर्शन बुरा नहीं लगा.
पाकिस्तान से रिश्तों में मोदी सरकार का प्रदर्शन
भारत का चिर-प्रतिद्वंद्वी पड़ोसी पाकिस्तान हमेशा से दिक्कतें पैदा करता रहा है. बात चाहे कश्मीर घाटी में अलगाव फैलाने की हो या आतंकवादी हमले करवाने की, पाकिस्तान हमेशा से 'दुश्मन' देश सरीखा व्यवहार ही करता रहा है. यही नहीं, पाकिस्तान ही एकमात्र मुल्क है, जिसके साथ आज़ादी के बाद से अब तक हिन्दुस्तान को चार बार जंग भी लड़नी पड़ी है. चारों बार पाकिस्तान ने मुंह की खाई है. सो, पाकिस्तान से रिश्तों को लेकर मोदी सरकार के प्रदर्शन पर भी सर्वे में सवाल किया गया, जिसके जवाब में 28 फीसदी लोगों ने भारत सरकार के प्रदर्शन को 'अच्छा' बताया. जबकि 13 फीसदी को सरकार का प्रदर्शन 'औसत' लगा. 30 फीसदी लोग पाकिस्तान के मुद्दे पर मोदी सरकार के कामकाज से नाखुश दिखे, जबकि 29 फीसदी ने इस सवाल का कोई जवाब नहीं दिया.
मोदी राज में मिल रहा भारतीय कला-संस्कृति को सम्मान
इन्हीं सब सवालों के बीच सर्वे 'पब्लिक ओपिनियन' में यह भी पूछा गया था कि क्या मोदी सरकार के काल में दुनियाभर में भारतीय कला और संस्कृति को सम्मान मिल रहा है. इस पर भी 59 फीसदी जनता की राय सरकार के पक्ष में दिखी. 24 फीसदी ने कहा, भारतीय कला-संस्कृति को सम्मान नहीं मिल पा रहा है, जबकि 17 फीसदी लोगों ने इस सवाल का जवाब देने से परहेज़ किया.
कैसे किया गया सर्वे?
NDTV और लोकनीति - सेंटर फ़ॉर द स्टडी ऑफ़ डेवलपिंग सोसाइटीज़ (CSDS) ने यह सर्वे भारत के 19 राज्यों के 71 संसदीय क्षेत्रों में किया, जिसके तहत कुल 7,000 से ज़्यादा लोगों से विभिन्न मुद्दों पर सवाल-जवाब किए गए. 10 से 19 मई, 2023 के बीच किए गए इस सर्वे में शिरकत करने वालों में समाज के सभी वर्गों के रैन्डमली चुने गए लोग शामिल रहे.
खास बातें
नई दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने आज जम्मू कश्मीर के राजौरी में आर्मी बेस कैंप का दौरा किया. इस दौरान रक्षा मंत्री ने सीमा पर ऑपरेशनल क्षमताओं और सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की. अपने दौरे के दौरान रक्षा मंत्री ने सीमा पर तैनात जवानों से भी मुलाकात की. राजनाथ सिंह ने राजौरी जिले के कांडी वन क्षेत्र में शुक्रवार को सेना के आतंकवाद-विरोधी अभियान के दौरान आतंकवादियों द्वारा किए गए विस्फोट में पांच जवानों के शहीद होने के एक दिन बाद इलाके का दौरा किया है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक ट्वीट के जनिए यह जानकारी दी है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, "जम्मू-कश्मीर के राजौरी में आर्मी बेस कैंप का आज दौरा किया. सीमा पर ऑपरेशनल क्षमताओं और सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की. साथ ही भारतीय सेना के वीर जवानों से बातचीत की. भारत मातृभूमि की रक्षा के लिए उनकी श्रद्धा को सलाम करता है."
राजौरी और पुंछ जिलों में आतंकवादियों द्वारा अक्टूबर 2021 से लेकर अब तक किए गए आठ हमलों में 26 सैनिकों सहित कुल 35 लोगों की जान गई है.
राजौरी जिले के कांडी वन क्षेत्र में शुक्रवार को सेना के आतंकवाद-विरोधी अभियान ‘ऑपरेशन त्रिनेत्र' के दौरान आतंकवादियों द्वारा किए गए विस्फोट में पांच जवान शहीद हो गए थे और एक शीर्ष अधिकारी घायल हो गया था. शनिवार सुबह अभियान के दौरान क्षेत्र में छिपे हुए एक आतंकवादी के मारे जाने और एक अन्य के घायल होने की खबर है.
अधिकारियों के मुताबिक, जनरल मनोज पांडे रक्षा मंत्री से कुछ देर पहले दिल्ली से जम्मू पहुंचे.
उन्होंने बताया कि उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, व्हाइट नाइट कॉर्प्स के कॉर्प्स कमांडर और जम्मू के मंडल आयुक्त ने भी राजनाथ के साथ राजौरी का दौरा किया.
रक्षा मंत्री ने की उच्चस्तरीय बैठक
अधिकारियों के अनुसार, जम्मू लौटने से पहले रक्षा मंत्री को कांडी वन क्षेत्र में चलाए जा रहे अभियान के बारे में जानकारी दी गई, जिसके बाद उन्होंने जम्मू-कश्मीर, खासकर राजौरी और पुंछ में समग्र सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. इससे पहले, उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने मुठभेड़ स्थल का दौरा किया. इस दौरान, उन्हें कमांडरों द्वारा चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन त्रिनेत्र' के ताजा घटनाक्रमों की जानकारी दी गई.
पिछले 18 महीनों में कई आतंकी हमले
जम्मू के राजौरी और पुंछ को एक दशक से अधिक समय पहले आतंकवाद-मुक्त घोषित कर दिया गया था. हालांकि, पिछले 18 महीनों में इन दोनों ही जिलों में कई आतंकवादी हमले हुए हैं.
तीसरा बड़ा आतंकवादी हमला
कांडी वन क्षेत्र में शुक्रवार को सुरक्षाबलों पर हुआ हमला इस साल केंद्र-शासित प्रदेश में हुआ तीसरा बड़ा आतंकवादी हमला था. यह हमला ऐसे समय में हुआ था, जब पुंछ के भाटा धुरियां में सेना के एक ट्रक पर घात लगाकर किए गए हमले के बाद सुरक्षाबल पिछले 15 दिनों से क्षेत्र में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चला रहे हैं.
250 से अधिक लोग हिरासत में
अधिकारियों के अनुसार, तलाशी अभियान के दौरान 250 से अधिक लोगों को वारदात के सिलसिले में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. उन्होंने बताया कि इस दौरान आतंकवादियों का सहयोग करने वाले छह सक्रिय कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार भी किया गया है.
खास बातें
बेंगलुरु : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर जोर-शोर से प्रचार अभियान में जुटे हैं. इसी प्रचार अभियान के दौरान पीएम मोदी ने शनिवार को बेंगलुरु में रोड शो किया. पीएम के रोड शो को लेकर बेंगलुरु के आम लोगों में जबरदस्त उत्साह देखा गया. कर्नाटक में विधानसभा चुनाव कुछ ही दिन दूर है, ऐसे में बीजेपी प्रचार अभियान को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ रही है. यही कारण है कि बीजेपी की नैया पार लगाने के लिए पीएम मोदी कर्नाटक में लगातार चुनावी जनसभाएं और रोड शो कर रहे हैं.
बेंगलुरु में रोड शो के दौरान पीएम मोदी की एक झलक पाने के लिए बड़ी संख्या में लोग उमड़े. इस दौरान लोगों ने पीएम मोदी पर फूल भी बरसाए. साथ ही बहुत से लोग अपने कैमरे में इस पल को कैद करते नजर आए. रोड के दूसरी ओर बहुत से लोग ऐसे थे जो पीएम मोदी के वाहन के साथ आगे बढ़ते दिखे. इस दौरान पीएम मोदी ने हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन किया. हालांकि पीएम मोदी इस रोड शो के दौरान अपनी गाड़ी की जगह एक ट्रक पर सवार थे, जिसे प्रचार अभियान के लिए विशेष तौर पर तैयार किया गया था.
उम्मीदवारों में उत्साह
कांग्रेस पर बरसे पीएम मोदी
बता दें कि आज ही पीएम मोदी ने कर्नाटक के हुमनाबाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस और जेडीएस पर जमकर निशाना साधा था. पीएम मोदी ने कहा कि यह कर्नाटक को देश में नंबर वन बनाने वाला चुनाव है. कांग्रेस और जेडीएस किसान विरोधी हैं. पहले कर्ज माफी के नाम पर धोखा हुआ है. इसलिए राज्य में डबल इंजन की सरकार जरूरी है. इस साल फरवरी के बाद से पीएम मोदी का यह नौंवा कर्नाटक दौरा है.
कर्नाटक में 10 मई को मतदान होना है और चुनाव परिणाम 13 मई को घोषित किए जाएंगे.
नई दिल्ली: राहुल गांधी (Rahul Gandhi) मोदी सरनेम (Rahul Gandhi) को लेकर आपराधिक मानहानि केस में दो साल की सजा के बाद संसद की सदस्यता गंवा चुके हैं. हालांकि, सूरत की अदालत ने उन्हें आगे अपील के लिए 30 दिनों का वक्त दिया. इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस (Congress) समेत पूरा विपक्ष लामबंद हो चुका है. सोमवार को कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष ने संसद के दोनों सदनों में ब्लैक प्रोटेस्ट किया. कांग्रेस ने संसद में सरकार को घेरने के लिए रणनीति तैयार की है. इसके साथ ही पार्टी 28 और 29 मार्च को देश के 35 शहरों में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके केंद्र सरकार और बीदेपी को घेरने की कोशिश करेगी. सीनियर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्विटर पर इसकी जानकारी दी.
जयराम रमेश ने ट्वीट किया, 'कांग्रेस के वरिष्ठ नेता 28 और 29 मार्च को 35 शहरों में 'डेमोक्रेसी डिसक्वालिफाइड' पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. इसके तरह अन्य मुद्दों के अलावा मोदी सरकार की वास्तविकता, नीरव मोदी और ललित मोदी को सरकार की क्लीन चिट पर भी प्रकाश डाला जाएगा.'
खरगे के घर हुई 16 दलों की बैठक
इससे पहले राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर सोमवार की शाम विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक हुई. इसमें करीब 16 दलों के नेता शामिल हुए. हालांकि, उद्धव ठाकरे नहीं पहुंचे. ठाकरे विनायक दामोदर सावरकर पर दिए बयान को लेकर राहुल गांधी से नाराज हैं. मीटिंग का बॉयकॉट करके उन्हें अपनी नाराजगी जाहिर की.
जेडीयू अध्यक्ष लल्लन सिंह का बड़ा ऐलान
खरगे के घर हुई बैठक में जेडीयू अध्यक्ष लल्लन सिंह ने बड़ा ऐलान किया. उन्होंने कहा कि आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष एक होकर लड़ेगा.
खुद कार ड्राइव कर पहुंचे राहुल गांधी
इस बैठक में सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी पहुंचे. राहुल गांधी गाड़ी खुद ड्राइव करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष के आवास पर आए थे. बगल की सीट पर सोनिया गांधी थीं. बैठक में जयराम रमेश, अधीर रंजन चौधरी, केसी वेणुगोपाल, प्रमोद तिवारी, रजनी पाटिल जैसे बड़े नेता भी शामिल थे.
विपक्ष से कौन-कौन आया?
सपा से रामगोपाल यादव और एसटी हसन, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ लल्लन सिंह मीटिंग में शामिल हुए. इनके अलावा बीआरएस, सीपीएम, आरजेडी, सीपीआई, आईयूएमएल, एमडीएमके, केसी, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, जम्मू-कश्मीर नेशनल कांग्रेस, वीसीके, जेएमएम और एसएस के नेता भी बैठक में पहुंचे थे. कांग्रेस ने समान विचारधारा वाले नेताओं को आमंत्रित किया था.