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विश्व में सबसे लंबे नाखूनों का रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज कराने वाले भारत के श्रीधर चिल्लाल ने आखिरकार अपने नाखूनों को कटवा लिया, लेकिन 31 फुट लंबे नाखून रखने के चलते उनका हाथ हमेशा के लिये बेजान हो गया है. विश्व में सबसे लंबे नाखूनों का रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज कराने वाले भारत के श्रीधर चिल्लाल ने आखिरकार अपने नाखूनों को कटवा लिया , लेकिन 31 फुट लंबे नाखून रखने के चलते उनका हाथ हमेशा के लिये बेजान हो गया है. 82 वर्षीय चिल्लाल 66 साल बाद अपने नाखून कटाने को राजी हुए थे. चिल्लाल टाइम्स स्क्वायर में रिप्लेज बिलीव इट ऑर नॉट ! संग्रहालय के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिये अमेरिका आये थे और इसी दौरान उन्होंने अपने नाखून कटवाये.
उनके नाखून को रिप्लेज के संग्रहालय में रखा गया है. रिप्लेज के बयान के अनुसार तीन मंजिली इमारत के बराबर लंबाई वाले 31 फुट से अधिक लंबे उनके नाखून को एक केस में रखा गया है. गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड धारक चिल्लाल ने 1952 से अपने बांये हाथ के नाखूनों को नहीं काटा था. स्कूल के दिनों में चिल्लाल से गलती से शिक्षक का लंबा नाखून टूटने पर उनके शिक्षक ने डांट लगाई थी तभी से उन्होंने नाखून नहीं काटने का फैसला किया. चिल्लाल ने कहा , ‘मैंने इसे एक चुनौती की तरह लिया.’बयान के अनुसार बरसों तक नाखून नहीं काटने के चलते अब उनका बायां हाथ हमेशा के लिये बेजान हो गया है.
विश्व में सबसे लंबे नाखूनों का रिकॉर्ड Video - https://youtu.be/gwoYzpesr4c
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वैसे तो हर काम में पुरुष आगे रहना पसंद करते है, लेकिन बात जब फैमिली प्लानिंग की आती है तो वे यह जिम्मेदारी अपनी पत्नी के कंधों पर डाल कर खिसक जाते है। पुरूष नसबन्दी, पुरूषों के लिए गर्भनिरोध का सबसे सरल, सुरक्षित और कम खर्चीला उपाय है। इसमें शुक्रवाहिका नामक दो ट्यूबों को काट दिया जाता है जिससे शुक्राणु वीर्य तक पहुंच ही नहीं पाते हैं। इसके अलावा पुरूष नसबन्दी करवाने में समय भी बहुत कम लगता है और यह गर्भनिरोधक के लिए महिला नसबन्दी जितना ही प्रभावशाली होता है।
लेकिन इसके बाद भी पुरुषों को लगता है कि फैमिली प्लानिंग और नसबंदी सिर्फ महिलाओं की जिम्मेदारी है। हमारे देश में आज भी ज्यादात्तर पुरुष गर्भनिरोध के नाम पर सिर्फ कंडोम का इस्तेमाल करते आ रहे हैं। कभी आपने सोचा है कि पुरुष नसबंदी करवाने से क्यूं बचते हैं?
आइए विश्व जनसंख्या दिवस पर जानते है कि आखिर नसबंदी न करवाने के पीछे पुरुषों की क्या मानसिकता रहती है।
दिल की बीमारी
हालांकि कई लोग मानते हैं कि नसबंदी के कारण पुरुषों के दिल पर बुरा असर पड़ता है, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है। अभी तक इस बात का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।
टांके का डर
पुरुषों को लगता है नसबंदी के दौरान उन्हें चीरा लगाया जाएगा, टांके और चीरे की नाम से वो डर जाते है। लेकिन वर्ष 1998-99 के दौरान एनएसवी (नो स्कैल्पल वसेक्टमी) के रूप में नसबंदी की नयी पद्धति का शुरु हुई थी। जिसमें बिना चीरा और टांके की नसबंदी का चलन शुरु हो गया है तो पुरुषों को इस चीज से भी नहीं घबराने की जरुरत है।
दर्द की वजह से
कई पुरुष दर्द के वजह से नहीं कराते है नसबंदी नसबंदी के दौरान पुरुषों को दर्द नहीं होता है। क्योंकि नसबंदी की पुरानी पद्धति में बहुत दर्द होता था। लेकिन एनएसवी सरीखी नयी पद्धति के चलते अब पुरुष झटपट नसबंदी कराके अपेक्षाकृत जल्दी अपने काम पर लौट सकते हैं और अब नई तकनीक में एनेस्थीसिया देते समय इंजेक्शन लगाने के दौरान, नाममात्र का ही दर्द होता है।
ज्यादात्तर पुरुषों को लगता है कि नसबंदी करवाने से उनकी सेक्सलाइफ पर असर पड़ता है, नसबंदी के बाद सेक्स प्लेजर नहीं मिलता है। नसबंदी के बाद कुछ महीनों तक टेस्टिकल में आपको हल्का दर्द हो सकता है। लेकिन सेक्स में रुचि, इरेक्शन क्षमता, या स्खलन पर कोई प्रभाव नहीं होता। विशेषज्ञों की माने तो नसबंदी कराने से किसी प्रकार की नपुसंकता या नामर्दी नहीं आती है बल्कि इससे शीघ्रपतन की शिकायत दूर हो जाती हे। अनचाहें गर्भ की चिंता दूर हो जाती है तो यौन संबंध बनाने में पहले से ज्यादा प्लेजर मिलता है।
पुरुषों के टेस्टोस्टेरोन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता
कई पुरुषों की गलत धारणा है कि नसबंदी के बाद पुरुषों के हार्मोन पर फर्क पड़ता है लेकिन ये गलत है। नसबंदी में शुक्राणु वाहिनी नालिकाओं को बांध दिया जाता है। जिससे शुक्राणु शरीर के बाहर नहीं जा पाते हैं ये शरीर में ही घुलकर रह जाते हैं। इस प्रकार शरीर के स्वस्थ रहने भी सहायक होते है। इससे पुरुषों के टेस्टोस्टेरोन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। अमेरिका के अनुसंधानकर्त्ताओं का कहना है कि नसबंदी कराए हुए व्यक्तिओं का स्वास्थ्य दूसरे व्यक्तियों की तुलना में अधिक अच्छा होता है वे अधिक दिन जीवित रहते हैं।
कमजोरी आ जाती है?
कई पुरुषों को लगता है कि नसबंदी कराने से पुरुषों में शारीरिक कमजोरी आ जाती है, लेकिन ये गलत धारणा है। डेली रुटीन के कामों पर लौटने के लिए पुरुषों को नसबंदी के बाद एक दो दिन का आराम बहुत जरुरी होता है। ज्यादातर पुरुष 2-3 दिन बाद काम पर जा सकते हैं। नार्मल फिजिकल एक्टिविटीज जैसे की भागना, वर्क आउट, भारी समान उठाना आदि एक सप्ताह रुक कर शुरु किए जा सकते है।
आजकल नसबंदी असफल होने की कई मामले सामने आते रहते है तो ऐसे में पुरुषों के मन में एक भय ये भी होता है कि अगर नसबंदी फेल हो गई तो? ये बात सही है कि नसबंदी करवाते ही एक तुरंत प्रभावी न हीं हो जाती है। यह तरीका प्रभावी होने में कई महीनों ले सकता है। क्योंकि ट्यूब्स में स्पर्म्स रह सकते हैं जो वीर्य के साथ निकलते हैं। इस समय के दौरान, कोई और प्रोटेक्शन की जानी चाहिए नहीं तो महिला गर्भवती हो सकती है। कम से कम तीन महीने के बाद यह तरीका प्रभाव हो सकता है। तीन महीने के बाद स्पर्म काउंट के लिए किए जाने वाले टेस्ट से पता किया जा सकता हैं की नसबंदी सफल हुई है या नहीं।
::/fulltext::पिता बनना गर्व की बात होती है और यहां आपकी ज़िम्मेदारियां खत्म नहीं बल्कि शुरू होती हैं। जैसे ही आप अपने परिवार को आगे बढ़ाने का निर्णय लेते हैं अर्थात बच्चे की प्लानिंग शुरू करते हैं तो इसके साथ ही आपको अपने जीवन और जीवनशैली में बहुत सारे बदलाव लाने पड़ते हैं। अच्छा पिता बनने के लिए आपको छोटे छोटे बलिदान देने पड़ते हैं। साथ ही अपनी सेहत का भी खास ध्यान रखना होता है ताकि आप अपने होने वाले बच्चे के साथ खुशियों के पल जी सकें और उसे एक बेहतर भविष्य दे पाएं। कई बार हम जल्दबाज़ी में कुछ गलत फैसले ले लेते हैं जिसका परिणाम हमें सारी उम्र भुगतना पड़ता है। इसी प्रकार जब आप पिता बनने का निर्णय लेते हैं तो कुछ बातें ऐसी होती हैं जिन पर आपको गौर करने की वाक़ई में ज़रुरत होती है। तो आइए ऐसी ही कुछ ज़रूरी बातें हम आपको बताते हैं जिन्हें एक पिता को ध्यान में रखनी चाहिए।
आर्थिक योजना बनाएं
इस महंगाई के ज़माने में बच्चे का पालन पोषण करना आसान नहीं होता इसलिये आप बच्चे की प्लानिंग तभी करें जब आप आर्थिक रूप से इसके लिए तैयार हों। आज के इस दौर में बच्चों की पढ़ाई लिखाई से लेकर अन्य सभी चीज़ें इतनी महंगी हो गयी है कि माता पिता के लिए ये सब करना बहुत ही मुश्किल हो जाता है। अगर आप अपने बच्चे को एक खुशहाल और अच्छा भविष्य देना चाहते हैं तो पहले स्वयं को आर्थिक तौर पर मज़बूत बनाएं।
स्वस्थ जीवनशैली
यदि आप स्वस्थ नहीं रहेंगे तो आपके शुक्राणु भी ठीक नहीं रहेंगे। अगर आप बच्चे की प्लानिंग कर रहे हैं तो बेहतर होगा आप अपने स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखें। रोज़ाना व्यायाम के साथ अपने खाने पीने पर भी ध्यान दें। साथ ही समय समय पर डॉक्टर से अपना चेकअप भी करवाते रहें ताकि आप यह जान सकें कि कहीं आपको कोई सेहत संबंधी समस्या तो नहीं है।
शराब, सिगरेट आदि जैसी बुरी आदतें ना सिर्फ आपके स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती हैं बल्कि आपके शुक्राणु और डीएनए को भी नुकसान पहुंचाती है। बेहतर होगा आप अपने बच्चे के लिए इस तरह की बुरी आदतों से दूर ही रहें।
अपने बर्ताव में बदलाव लाएं
अपने बच्चों के लालन पालन के दौरान माता पिता को कई सारे समझौते करने पड़ते हैं। एक अच्छे पिता होने के नाते आपको हमेशा अपने बुरे पहलू को छिपाकर रखना चाहिए ताकि उसका असर आपके बच्चे पर न पड़े। अपने बच्चे के सामने अच्छा व्यवहार करें। साथ ही अपने गुस्से पर भी काबू रखना, धैर्य आदि जैसी चीज़ें आपको अपने अंदर रखनी चाहिए। अपने बच्चों के साथ हमेशा शान्ति और प्यार से पेश आएं।
बच्चे के लिए एक उदाहरण बनें
जैसा की हम सब जानते हैं बच्चे बड़ों को देखकर बहुत कुछ सीखते हैं इसलिए आप स्वयं को ऐसा बनाए कि आप अपने बच्चे के लिए एक उदाहरण बन जाएं। एक अच्छा पिता बनने से पहले एक अच्छा इंसान बनना भी आपके लिए उतना ही ज़रूरी है।
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