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पटना : बिहार में विधानसभा का संक्षिप्त मानसून सत्र गुरुवार को संपन्न हुआ. इस सत्र की कुछ ख़ास बातें रहीं. एक नीतीश और भाजपा के संबंध तमाम दावों के बावजूद सामान्य नहीं चल रहे. इसका पहला प्रमाण हैं एनडीए विधायक दल के नेता होने के बाद भी नीतीश कुमार ने एनडीए विधायक दल की संयुक्त बैठक भी नहीं बुलाई. विधानसभा सत्र चलता रहे तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए अपने सहयोगी और अब बड़े भाई भाजपा के हाथों 'अपमानित' होना आम बात हो चला है. नीतीश की मनोस्थिति का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शायद वे देश के एकमात्र मुख्यमंत्री होंगे जिन्होंने सत्र के दौरान न एक बार खड़े होकर, न दोनों सदन के अंदर या बाहर एक भी शब्द बोला. मीडिया से उनकी दूरी इतनी बढ़ गई है कि बार-बार आग्रह के बाद भी वे इक्का-दुक्का मौकों को छोड़कर पत्रकारों से बात करने से बचते रहे.पिछले चार दिनों के विधानसभा सत्र का विश्लेषण करें तो सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष ने विधायकों को ज़िला मुख्यालय में कलेक्टोरेट परिसर और ब्लॉक कार्यालय में एक कमरे के बहाने, उनकी औकात दिखायी और जो फ़ैसला या आदेश मुख्यमंत्री की कलम से होता उसे ध्वनिमत के बजाय विधायकों को खड़ा कराके पास कराकर नीतीश के सामने श्रेय लेने की कोशिश की. नीतीश के समर्थक हों या विपक्षी, सब इस घटनाक्रम से हैरान थे लेकिन उन्हें शुरू में लगा कि ये सब नीतीश की सहमति से हो रहा है. दूसरी ओर नीतीश स्वयं को अपमानित महसूस करते हुए भी मौन रहे क्योंकि वे एक बार फिर अपनी नाराज़गी सार्वजनिक नहीं करना चाहते थे जिससे सबके सामने लोगों को फिर असामान्य संबंधों के बारे में अटकल लगाने का मौक़ा मिले .
हालांकि मंगलवार को जब अध्यक्ष ने जनता दल यूनाइटेड के विरोध के बावजूद सर्वश्रेष्ठ सदन और विधायक मुद्दे पर विमर्श शुरू किया तो इस बार नीतीश सतर्क दिखे. उन्होंने अपने विधायकों-मंत्रियों को सदन की कार्यवाही से अलग रहने का अलिखित संदेश भिजवा दिया था, इस कारण अध्यक्ष को 'बैकफ़ुट' पर आना पड़ा और भरे मन से विमर्श को स्थगित करना पड़ा. नीतीश कैबिनेट के वरिष्ठ सदस्यों ने अध्यक्ष को इस बहस को टालने के लिए मनाने की पूरी कोशिश की लेकिन उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष के आग्रह को आधार बनाकर विमर्श शुरू तो कराया लेकिन अपने ही सहयोगी के मौन बहिष्कार के बाद इसे स्थगित करने को मजबूर होना पड़ा. सत्तारूढ़ गठबंधन ख़ासकर मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी के मंत्री-विधायक सदन की कार्यवाही से अलग रहे, ऐसा पिछले तीन-चार दशक में किसी ने नहीं देखा था ।
इस सत्र के अलग-अलग घटनाक्रम से साफ़ है कि नीतीश भले मुख्यमंत्री हों लेकिन उनकी चलती नहीं और सब कुछ उनकी इच्छा के विपरीत होता है. इसका मुख्य कारण है भाजपा के साथ उनके संबंध दिन-प्रतिदिन बद से बदतर होते जा रहे हैं और वे अपनी गंभीरता खोते जा रहे हैं. हालांकि सीएम के समर्थक ये दावा कर रहे हैं कि विधानसभा के अंदर जो भी हुआ लेकिन भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने 'संकटमोचक' की भूमिका में अब केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पटना भेजा है. प्रधान ने पहले नीतीश से मुलाक़ात की फिर अपने पार्टी के बड़बोले उन नेताओं, जो नीतीश को हमेशा निशाने पर रखते हैं, की क्लास लगायी और 2025 तक नीतीश के सीएम की कुर्सी पर बने रहने का बात भी मीडिया के सामने कही.
सेना भर्ती की अग्निपथ योजना के ऐलान के बाद शुरुआती दो दिनों के दौरान राज्य में हिंसा रोकने में नाकामी के बाद केंद्र सरकार ने उप मुख्यमंत्री रेणु देवी समेत 10 भाजपा के नेताओं, जिसमें सांसद-विधायक भी शामिल हैं, को Y श्रेणी की सुरक्षा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. केंद्र और पूरे देश में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के द्वारा इस फ़ैसले के माध्यम से साफ संदेश दिया गया कि उन्हें नीतीश के विधि व्यवस्था के दावों पर भरोसा नहीं है. भाजपा दफ़्तर के बाहर भी केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती ने यह भी साफ़ कर दिया कि अब विपक्ष तो छोड़िए, सत्ता में सहयोगी भाजपा को भी बिहार पुलिस पर भरोसा नहीं है. यह निश्चित रूप से नीतीश के लिए अपमानजनक क्षण रहा लेकिन भाजपा का कहना है कि ये भी सत्य है कि नीतीश, जिस पुलिस विभाग के मुखिया हैं, उसी के सामने भाजपा दफ़्तर हो या रेलवे की ट्रेन और स्टेशन, सबको आग के हवाले किया गया.
इसके बाद नीतीश मंत्रिमंडल में वरिष्ठ मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव दावा किया कि कि 1100 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है लेकिन सच्चाई यही हैं कि राष्ट्रीय जनता दल से अधिक नीतीश को खरी खोटी अब भाजपा सुनाती है. अग्निपथ मुद्दे के दौरान हिंसा के बाद नीतीश को नसीहत खुद बिहार भाजपा के अध्यक्ष डॉक्टर संजय जायसवाल ने दी. जब जनता दल यूनाइटेड के मंत्री और पार्टी कार्यकर्ताओं ने आभार यात्रा निकाली तो भाजपा नेताओं ने सोशल मीडिया के माध्यम से इस मुद्दे को अधिक तूल नहीं देने की सलाह दे डाली. भाजपा के रुख़ से साफ़ है कि वह फ़िलहाल नीतीश का साथ नहीं खोना चाहती लेकिन हफ़्ते में दो बार ऐसा बयान या अपने किसी न किसी कार्यक्रम से उनको अपमानित करने का मौक़ा भी नहीं गंवाती ताकि उनकी न सिर्फ प्रशासनिक बल्कि राजनीतिक स्थिति और कमजोर होती जाए. भाजपा जानती है कि नीतीश को मुख्यमंत्री की कुर्सी से इतना प्रेम है कि वो अपनी इज़्ज़त और आत्मसम्मान की परवाह नहीं करते क्योंकि उनको मालूम है कि भाजपा के साथ 'लौटकर' उन्होंने अपनी राजनीतिक विश्वसनीयता खोई जिसका ख़ामियाज़ा उन्हें अब उठाना पड़ रहा है.
नई दिल्ली: जर्मनी में चल रहे जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पहुंचे हैं. सोमवार को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से बात कर रहे थे उसी समय अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन खुद उनसे मिलने पहुंचे और उन्होंने गर्मजोशी के साथ पीएम नरेंद्र मोदी के साथ हाथ मिलाया. साथ ही उन्होंने पीछे से कंधे पर हाथ भी रखा. इस दौरान दुनिया के कई देशों के प्रमुख उस जगह पर मौजूद थे. पूरा घटनाक्रम कैमरे में कैद हो गया.
इससे पहले जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज ने सोमवार को जी-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया, जहां दुनिया के सात सबसे अमीर देशों के नेता यूक्रेन पर रूसी आक्रमण, खाद्य सुरक्षा और आतंकवाद से मुकाबला सहित विभिन्न महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं.
विदेश मंत्री के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, ‘‘न्यायसंगत दुनिया की ओर बढ़ने'' के लिए मिलकर काम कर रहे हैं. जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज़ ने श्लॉस इलमाउ में जी-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्वागत किया.'' शिखर सम्मेलन शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से हाथ मिलाया. सभी नेता ग्रुप फोटो के लिए इकट्टा हुए थे.
नई दिल्ली : अग्निपथ योजना को लेकर तीनों सेना के प्रमुख मंगलवार यानि आज पीएम मोदी से मिलेंगे. इस मुलाकात के दौरान तीनों सेनाध्यक्ष सेना की नई भर्ती योजना (Agnipath Scheme) को लेकर उन्हें ब्योरा देंगे. बता दें कि इस योजना की घोषणा के बाद से ही देशभर में कई जगह हिंसक प्रदर्शन हुए थे. बिहार में कई ट्रेनों में आग लगा दी गई थी. इसके साथ ही बीजेपी मुख्यालयों को भी निशाना बनाया गया था.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
अग्निपथ योजना के तहत जो युवा चुने जाएंगे उन्हें अग्निवीर बुलाया जाएगा. पीएम मोदी ने रविवार को इस योजना का सीधे तौर पर नाम लिए बगैर कहा था कि ये हमारे देश का दुर्भाग्य है कि यहां कई सारी अच्छी योजनाएं राजनीति के रंग में फंस कर रही जाती हैं. मीडिया भी सिर्फ टीआरपी के लिए किसी भी मुद्दे को लंबा खींचने लगती है.
इससे पहले सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना के देश के कई हिस्सों में हो रहे विरोध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि कई फैसले शुरुआत में अनुचित लग सकते हैं लेकिन बाद ये बाद में राष्ट्र निर्माण में मदद करते हैं.पीएम ने बेंगलुरू में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, "कई फैसले वर्तमान में अनुचित लगते हैं लेकिन यह देश के निर्माण में मदगार बनेंगे." हालांकि उन्होंने अग्निपथ योजना का सीधे तौर पर कोई संदर्भ नहीं दिया.
सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना के विरोध में कुछ संगठनों ने कल भारत बंद का आव्हान किया था. विरोध के चलते रेलवे को 500 से अधिक ट्रेनों को रद्द करना पड़ा था. अग्निपथ योजना के ऐलान के बाद से अब तक हुई आगजनी और तोड़फोड़ में देश की संपत्ति का काफी नुकसान हुआ है.
योजना के हो रहे विरोध के बीच, गृह मंत्रालय ने अग्निवीरों के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और असम राइफल्स में भी 10 फीसदी नौकरी आरक्षित करने का ऐलान किया है. सीएपीएफ और असम राइफल्स में अग्निवीरों को आयु सीमा में तीन साल की छूट दी गई है.
माना जा रहा है कि इस कदम से अर्धसैनिक बलों में अग्निवीरों को नौकरी देने की राह भी आसान होगी. भारतीय नौसेना के अग्निवीरों के लिए मर्चेंट नेवी में रोजगार के अवसर देगा. इसके लिए जहाज रानी मंत्रालय द्वारा छह सेवा मार्ग को भी शामिल किया है. इससे अग्निवीरों के लिए अनेक अवसर खुले हैं.
इससे पहले राज्य सरकार ने बीते दो साल में कोई भर्ती न किए जाने को ध्यान में रखते हुए अग्निपथ योजना में शामिल होने की उम्र सीमा को 21 से बढ़ाकर 23 साल किया था. इस घोषणा के बाद कई राज्य सरकारों ने कहा है कि वो अपने राज्य में होने वाले पुलिस भर्तियों में भी अग्निवीरों को वरीयता देंगी.
अग्निपथ योजना के विरोध में हिंसा के बीच केंद्र सरकार ने तनाव कम करने और आक्रोशित युवाओं को शांत करने के लिए कई कदम उठाए हैं. रक्षा मंत्रालय ने अग्निवीरों के लिए कोस्ट गार्ड और राज्यों द्वारा चलाई जाने वाली सुरक्षा एजेंसियों में 10 फीसदी नौकरी आरक्षित करने का फैसला किया है.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए केंद्र की ‘अग्निपथ' योजना को ‘दिशाहीन' करार देते हुए कहा कि उनकी पार्टी इसे वापस करवाने के लिए संघर्ष का वादा करती है.
प्रदर्शनकारी युवाओं का आरोप है कि योजना के तहत चार साल के अनुबंध की समाप्ति के बाद उनके पास कोई सेवानिवृत्ति लाभ नहीं होगा और वे अधर में होंगे. युवाओं की आशंकाओं के निराकरण के लिये गृह और रक्षा मंत्रालय ने कई रियायतों और प्रोत्साहनों की घोषणा की जिससे सेवानिवृत्ति के बाद उनके पुन: रोजगार प्राप्त करने में सहायता मिलेगी.
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी अग्निपथ भर्ती योजना को वापस लेने की मांग की और कहा कि पिछले दो वर्ष में जिन उम्मीदवारों ने शारीरिक परीक्षण उत्तीर्ण कर ली है, उन्हें सेना में शामिल होने के लिए लिखित परीक्षा में भाग लेने का मौका अवश्य मिलना चाहिए.
नई दिल्ली: दुनिया भर में आज ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ मनाया जा रहा है. इस मौके पर देश के अलग-अलग हिस्सों में योग से जुड़े कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है. पीएम मोदी आज 8वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर कर्नाटक के मैसूर पैलेस मैदान पहुंचे हैं. इस दौरान उन्होंने वहां मौजूद 15000 लोगों के साथ योगाभ्यास किया. पीएम मोदी के साथ केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, सीएम बसवराज बोम्मई सहित अन्य गणमान्य भी मौजूद हैं.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर मंगलवार को देश व दुनिया के लोगों को बधाई दी और कहा कि भारतीय सभ्यता व संस्कृति की अद्भुत धरोहर योग आज दुनिया के लोगों के लिए जीवन का हिस्सा ही नहीं है बल्कि अब वह जीवन जीने की पद्धति बन रहा है.
योग दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि योग आज ना सिर्फ विश्व स्वास्थ्य को दिशा दे रहा है, बल्कि संपूर्ण मानवता के लिए एक वैश्विक पर्व बन गया है. कोरोना महामारी का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि द्वीप, महाद्वीप की सीमाओं के ऊपर योग दिवस का उत्साह अब एक वैश्विक पर्व बन गया है.
इस साल के अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम ‘मानवता के लिए योग' है.
केंद्र ने आजादी का अमृत महोत्सव के तहत देशभर के 75 ऐतिहासिक स्थानों पर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का फैसला किया है.
75 केंद्रीय मंत्री देश भर के 75 प्रतिष्ठित स्थानों पर आयोजित कार्यक्रमों का हिस्सा बने हैं.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 8वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर मंगलवार को देश भर में 75,000 स्थानों पर योग से जुड़े कार्यक्रमों का आयोजन किया. भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा से लेकर पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री इन कार्यक्रमों का हिस्सा है.
केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने तिरुवनंतपुरम और कोच्चि में होने वाले आठवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रमों की अगुवाई की गई.
मंत्री किरेन रिजिजू अरुणाचल प्रदेश में देश की सबसे पूर्वी सीमा पर स्थित एक गांव से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन का नेतृत्व कर रहे हैं.भारत की सबसे पूर्वी सीमा पर स्थित यह गांव भारत-चीन और म्यांमा की सीमाओं के करीब स्थित है.
सशस्त्र बलों ने भी आज योगासन कर ये दिवस मनाया है. बीएसएफ उत्तर बंगाल फ्रंटियर ने सिलीगुड़ी में अपने परिसर में योग सत्र का आयोजन किया. वहीं भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के हिमवीरों ने लद्दाख में 17,000 फीट की ऊंचाई पर योग किया.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर कहा था कि नीति निर्माताओं को सुरक्षित एवं प्रभावी पारंपरिक चिकित्सा की क्षमता का लाभ उठाने के प्रयासों को बढ़ावा देते हुए योग को समुदाय आधारित मानसिक स्वास्थ्य एवं कल्याण पहलों से जोड़ने पर विचार करना चाहिए.
नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण के मामलों में तेज उछाल आया है और पिछले 24 घंटों में 12,213 नए केस दर्ज किए गए हैं और 11 लोगों की मौत हुई है. पिछले 24 घंटों में 7,624 लोग कोरोना से ठीक हुए हैं. जिसके साथ ही देश में अब तक इस वायरस से सही होने वालों की संख्या 4,26,74,712 पहुंच गई है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार कोरोना के सक्रिया मामलों की संख्या वर्तमान में 58,215 है. रिकवरी दर वर्तमान 98.65% है, दैनिक सकारात्मकता दर 2.35% और साप्ताहिक सकारात्मकता दर 2.38% है.
राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक 195.67 करोड़ टीके की खुराक दी जा चुकी है. अब तक कुल 85.63 करोड़ परीक्षण किए गए हैं. पिछले 24 घंटों में 5,19,419 परीक्षण हुए हैं.
दिल्ली में भी बढ़ रहे हैं मामले
दिल्ली में बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 1,375 नए मामले सामने आए और संक्रमण दर 7.01 प्रतिशत रही है. हालांकि संक्रमण से मौत का कोई मामला सामने नहीं आया. विभाग ने अपने नए बुलेटिन में कहा है कि बुधवार को नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 19,15,905 हो गई. मृतकों की कुल तादाद 26,223 है. मंगलवार को दिल्ली में संक्रमण के 1,118 मामले सामने आए थे और संक्रमण दर 6.50 प्रतिशत रही थी.
वहीं मुंबई में बुधवार को कोरोना वायरस से संक्रमण के 2,293 नये मामले दर्ज किये गए, जबकि एक संक्रमित की मौत हो गई. मुंबई में 23 जनवरी के बाद से एक दिन में आये ये सर्वाधिक मामले हैं. नगर निकाय ने ये जानकारी दी. बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के बुलेटिन के अनुसार, इन अतिरिक्त मामलों के साथ मुंबई में कोविड-19 अबतक आए मामलों की संख्या बढ़कर 10,85,882 हो गयी. महानगर में अबतक 19,576 मरीजों की महामारी से जान गयी है. मुंबई में लगभग पांच महीने के बाद दैनिक मामलों की संख्या दो हज़ार के पार गयी है.