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नई दिल्ली: भारत में 5जी सेवाओं की शुरुआत 1 अक्टूबर से हो जाएगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'इंडिया मोबाइल कांग्रेस' में 5G सेवाएं लॉन्च करेंगे. प्रगति मैदान में होने वाली 'इंडिया मोबाइल कांग्रेस' चार अक्टूबर तक चलेगी.
एशिया में सबसे बड़ा दूरसंचार, मीडिया और प्रौद्योगिकी मंच होने का दावा करने वाली इंडिया मोबाइल कांग्रेस (IMC) का आयोजन संयुक्त रूप से दूरसंचार विभाग (डीओटी) और सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) की ओर से किया जाता है.
केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पिछले सप्ताह कहा था कि सरकार ने कम समय सीमा में देश में 5जी दूरसंचार सेवाओं के 80 प्रतिशत कवरेज का लक्ष्य दिया है. पहले चरण में देशभर में लगभग 13 शहरों में 5जी दूरसंचार सेवाएं उपलब्ध कराए जाने की संभावना है.
मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था, '5जी से उपयोगकर्ताओं को 4जी के मुकाबले 10 गुना ज्यादा इंटरनेट स्पीड मिल सकेगी.'
साथ ही वैष्णव ने 5जी के विकिरण प्रभाव संबंधी आशंकाओं को भी खारिज किया था. उन्होंने कहा था, '5जी सेवा से पैदा होने वाली विकिरणों का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा अनुशंसित स्तर से बहुत नीचे है.'
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज विभिन्न राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों को संबोधित किया. यहां पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज का नया भारत नई सोच और नई अप्रोच के साथ आगे बढ़ रहा है. आज भारत तेजी से विकसित होती इकोनॉमी है और निरंतर अपनी इकोलॉजी को भी मजबूत कर रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि हमने देखा है कि Environment clearance के नाम पर देश में आधुनिक Infrastructure के निर्माण को कैसे उलझाया जाता था.
जहां आप बैठे हैं एकता नगर में यह आंखें खोलने वाला उदाहरण है. कैसे अर्बन नक्सलों ने, विकास विरोधियों ने इतने बड़े प्रकल्प सरदार सरोवर डैम को रोक कर रखा था. इसका शिलान्यास देश आज़ाद होने के तुरंत बाद किया गया था. सरदार पटेल ने देश के एकीकरण में बड़ी भूमिका निभाई.
देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने सरदार सरोवर बांध का
शिलान्यास किया, लेकिन सारे अर्बन नक्सल मैदान में आ गए. यह पर्यावरण विरोधी है ऐसा अभियान चलाया और बार- बार उसके रोका गया. पीएम ने कहा जिस काम की शुरुआत नेहरू जी ने की थी वो काम पूरा हुआ मेरे आने के बाद.
नई दिल्ली: एनडीए के प्रत्याशी और बंगाल के पूर्व गवर्नर जगदीप धनखड़ देश के अगले उप राष्ट्रपति होंगे. शनिवार को मतदान और फिर शाम 6 बजे शुरू हुई मतगणना के बाद 7.40 बजे धनखड़ को निर्वाचित घोषित किया गया. जगदीप धनखड़ ने पिछली बार हुए उप राष्ट्रपति चुनाव में वेंकैया नायडू से बड़ी जीत दर्ज की है. धनखड़ को 70 फीसदी से ज्यादा वोट मिले हैं. जबकि वेंकैया नायडू को 68 फीसदी के करीब वोट मिले थे. सूत्रों के हवाले से खबर है कि जगदीप धनखड़ को 528 वोट और मार्गरेट अल्वा को 182 वोट मिले. जबकि 15 वोट अवैध पाए गए. वहीं विपक्षी दलों में एकजुटता नहीं होने का खामियाजा मार्गरेट अल्वा को भुगतना पड़ा और उन्हें पराजय मिली. उप राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान शनिवार सुबह 10 बजे शुरू हुआ और शाम को 5 बजे तक चला. उपराष्ट्रपति के चुनाव में 725 सांसदो ने मतदान किया किया. शनिवार को वोटिंग में करीब 93 प्रतिशत सांसदों ने वोट डाला, जबकि 55 सांसदों ने मतदान नहीं किया.
उप राष्ट्रपति चुनाव में रिटर्निंग अफसर ने आधिकारिक तौर पर नतीजे घोषित करते हुए कहा कि कुल 780 निर्वाचक थे और 725 ने अपना वोट डाला, जो कुल मतों का 92.45 फीसदी था. जबकि 55 ने वोट नहीं डाला.इन 55 गैरहाजिर सांसदों में 34 टीएमसी, बीजेपी-सपा और शिवसेना के 2-2 और बसपा के एक सांसद शामिल हैं. 36 सांसदों वाली तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने चुनाव में मतदान नहीं करने का फ़ैसला किया था. लेकिन शुभेंदु अधिकारी के पिता शिशिर अधिकारी और डिब्येन्दु अधिकारी ने मतदान किया,यानी टीएमसी 34 सांसदो ने मतदान नहीं किया. बीजेपी के दो सांसदों ने वोट नहीं डाला. सनी देओल और संजय धोत्रे ने वोट नहीं डाला. राष्ट्रपति चुनाव में भी ये वोट नहीं डाल सके थे.
देश का अगला उपराष्ट्रपति चुनने के लिए शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, कई केंद्रीय मंत्रियों और विभिन्न दलों के सांसदों ने मतदान किया. दोपहर तक 85 फीसदी से ज्यादा सांसदों ने मतदान कर दिया था. संसद के दोनों सदनों को मिलाकर कुल सदस्यों की संख्या 788 होती है. इनमें से राज्यसभा की 8 सीट फिलहाल खाली हैं. इन 780 में से करीब 90 फीसदी सांसद 4.30 बजे तक मतदान कर चुके थे. तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने पहले ही साफ कर दिया था कि वो मतदान से दूर रहेगी. दोनों सदनों में उसके कुल 39 सांसद थे. वाइस प्रेसिडेंट इलेक्शन के लिए वोटिंग 10 बजे प्रारंभ हुआ था और शाम 5 बजे समाप्त होगा. पीएम मोदी उप राष्ट्रपति चुनाव में सबसे पहले वोट डालने वाले सांसदों में शामिल रहे. उन्होंने वोटिंग से जुड़ी एक तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया. गृह मंत्री अमित शाह ने मतदान के बाद अपनी तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया.
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी मतदान किया. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व्हीलचेयर पर संसद भवन पहुंचे और उपराष्ट्रपति चुनाव में अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. मनमोहन सिंह ने पिछले महीने राष्ट्रपति चुनाव में भी व्हीलचेयर से संसद भवन पहुंचकर वोट डाला था. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने दोपहर में मतदान किया. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, पार्टी महासचिव जयराम रमेश और मुख्य विपक्षी दल के कई अन्य सांसदों ने भी वोट डाला. उपराष्ट्रपति चुनाव में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने भी मतदान किया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, राज्यसभा में नेता सदन पीयूष गोयल, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह, पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और कई अन्य केंद्रीय मंत्रियों ने मतदान किया.
लोकसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक राकेश सिंह, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के रघु राम कृष्ण राजू और तेलंगाना राष्ट्र समिति के सांसदों ने भी वोट डाला.उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए प्रत्याशी और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ (71) का मुकाबला विपक्ष की संयुक्त उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा (80) से है.बीजेपी के पास लोकसभा में पूर्ण बहुमत और राज्यसभा में 91 सांसदों को देखते हुए धनखड़ का चुना जाना पहले ही तय माना जा रहा था. मौजूदा उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को खत्म हो रहा है.
नई दिल्ली: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्र को संबोधित किया. पीएम ने आजादी के 75 साल के जश्न पर अगले 25 वर्षों के लिए कई लक्ष्य निर्धारित किए. उन्होंने कहा कि भारत को स्वतंत्रता की शताब्दी मनाने से पहले एक विकसित राष्ट्र का तमगा हासिल करना चाहिए.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
पीएम मोदी ने कहा, 'हम बापू, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, बाबासाहेब अंबेडकर, वीर सावरकर के शुक्रगुजार हैं, जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी.
अपने संबोधन में, पीएम मोदी ने लोगों से 2047 तक स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को पूरा करने के लिए पांच प्रतिज्ञाओं के साथ आगे बढ़ने का आह्वान किया.
पीएम मोदी की साल 2047 के लिए पांच प्रतिज्ञाएं हैं - विकसित भारत, गुलामी को दूर करना, विरासत में गर्व, एकता, नागरिकों का कर्तव्य.
समारोह की शुरुआत पीएम मोदी के राज घाट के दौरे से हुई थी जहां उन्होंने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी थी. इसके बाद पीएम ने लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया.
आजादी के 75 साल के जश्न को एक मेगा कार्यक्रम, आजादी का अमृत महोत्सव द्वारा चिह्नित किया जा रहा है, जो मार्च 2021 में शुरू हुआ था. देश भर में, राष्ट्रीय स्मारकों और प्रतिष्ठित इमारतों को तिरंगे की रोशनी से रोशन किया गया है.
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के जवानों ने आज मिशन 'अमृतरोहण' के रूप में एक साथ 75 चोटियों पर चढ़ाई की है और एक विशिष्ट रिकॉर्ड के रूप में उन 75 चोटियों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया है.
पहली बार में, सरकार ने लोगों को तीन दिनों के लिए अपने घरों में झंडा प्रदर्शित करने की भी अनुमति दी है. "हर घर तिरंगा" अभियान के लिए ध्वज कानूनों को भी बदलना पड़ा.
21 तोपों की औपचारिक सलामी में पहली बार स्वदेश निर्मित होवित्जर तोपों का इस्तेमाल किया गया. रक्षा अनुसंधान संगठन डीआरडीओ द्वारा विकसित एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (एटीएजीएस) पीएम मोदी के मेक इन इंडिया अभियान का प्रमुख उत्पाद है.
राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं. लाल किले की सुरक्षा के लिए बहुस्तरीय सुरक्षा घेरे में 10,000 से अधिक जवानों को तैनात किया गया है. एंट्री प्वाइंट पर फेशियल रिकग्निशन सिस्टम कैमरे लगाए गए.
इस वर्ष, विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सांस्कृतिक, प्राकृतिक और धार्मिक विरासत को दर्शाने वाली इमारतों और लाल किले की दीवारों को प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों के पोस्टर से सजाया गया.
कानपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को विपक्ष पर विकास कार्यों में अड़ंगा डालने का आरोप लगाते हुए कहा कि हर राजनीतिक दल का दायित्व है कि वह किसी पार्टी और व्यक्ति के विरोध को देश की मुखालफत में न बदले. प्रधानमंत्री ने समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व राज्यसभा सदस्य हरमोहन सिंह यादव की 10वीं पुण्यतिथि पर कानपुर में आयोजित गोष्ठी में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दिए संबोधन में कहा, “हाल के समय में विचारधारा या राजनीतिक स्वार्थ को समाज और देश के हित से भी ऊपर रखने का चलन शुरू हो गया है. विपक्षी दल कई बार तो सरकार के कामकाज में सिर्फ इसलिए अड़ंगा डालते हैं, क्योंकि जब वे सत्ता में थे, तब अपने द्वारा लिए गए फैसलों को लागू नहीं कर पाए. अब अगर इन फैसलों का क्रियान्वयन होता है तो वे उसका विरोध करते हैं. देश के लोग इसे पसंद नहीं करते.”
मोदी ने कहा, “यह हर राजनीतिक दल का दायित्व है कि वह किसी पार्टी और व्यक्ति के विरोध को देश की मुखालफत में न बदले. विचारधाराओं का अपना स्थान है और होना भी चाहिए. राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं भी हो सकती हैं, लेकिन देश सबसे पहले है.” उन्होंने कहा, “लोहिया जी का मानना था कि समाजवाद समानता का सिद्धांत है. वह सतर्क करते थे कि समाजवाद का पतन उसे असमानता में बदल सकता है. हमने भारत में इन दोनों परिस्थितियों को देखा है.” मोदी ने कहा, “हमने देखा है कि भारत के मूल विचारों में समाज वाद-विवाद का विषय नहीं है. हमारे लिए समाज हमारी सामूहिकता और सहकारिता की संरचना है. समाज हमारा संस्कार है, संस्कृति है, स्वभाव है. इसलिए लोहिया जी भारत के सांस्कृतिक सामर्थ्य की बात कहते थे. उन्होंने रामायण मेला शुरू कर हमारी विरासत और भावनात्मक एकता के लिए जमीन तैयार की थी.”
प्रधानमंत्री ने कहा, “हरमोहन सिंह यादव लंबे समय तक राजनीति में सक्रिय रहे और उन्होंने विधान परिषद सदस्य, विधायक, राज्यसभा सदस्य और अखिल भारतीय यादव महासभा के अध्यक्ष के रूप में विभिन्न पदों पर कार्य किया. हरमोहन सिंह यादव के चौधरी चरण सिंह और राम मनोहर लोहिया के साथ घनिष्ठ संबंध थे.” उन्होंने कहा कि हरमोहन सिंह यादव ने अपने बेटे एवं विधान परिषद के पूर्व सभापति सुखराम सिंह के साथ कानपुर और उसके आसपास कई शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
मोदी ने कहा कि वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान कई सिखों के जीवन की रक्षा करने में वीरता के प्रदर्शन के लिए हरमोहन सिंह यादव को 1991 में शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था.राजनीतिक विश्लेषक सपा के पूर्व राज्यसभा सदस्य के पुण्यतिथि कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन को यादव वोटबैंक में सेंध लगाने की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कोशिश के तौर पर देख रहे हैं.