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वाशिंगटन: अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने सोमवार को कहा कि भारत के साथ साझेदारी अमेरिका के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण संबंधों में से एक है. साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिका, भारत से आर्थिक संबंधों को गहरा करने और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने की आशा कर रहा है. पटेल ने कहा, "हम इस महीने के अंत में पीएम मोदी की राजकीय अमेरिकी यात्रा की मेजबानी करने के लिए बेहद उत्सुक हैं." राष्ट्रपति जो बिडेन और प्रथम महिला जिल बिडेन के निमंत्रण के बाद पीएम मोदी 22 जून को अमेरिका जाने वाले हैं.
वेदांत पटेल ने कहा, "भारत के साथ हमारी साझेदारी हमारे सबसे महत्वपूर्ण संबंधों में से एक है और हम कई मुद्दों पर अपने सहयोग को गहरा करने के लिए तत्पर हैं. फिर चाहे वो सुरक्षा सहयोग को बढ़ाना हो, हमारे आर्थिक संबंधों को गहरा करना हो या फिर व्यापार को बढावा देना हो."
पीएम नरेंद्र मोदी 22 जून को संयुक्त राज्य अमेरिका की आधिकारिक राजकीय यात्रा पर जाएंगे. अपनी यात्रा के दौरान, पीएम मोदी की मेजबानी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन और प्रथम महिला जिल बिडेन द्वारा व्हाइट हाउस, विदेश मंत्रालय में राजकीय रात्रिभोज में की जाएगी. विदेश मंत्रालय ने बुधवार को एक प्रेस बयान के माध्यम से इसकी जानकारी दी. अमेरिकी कांग्रेस द्वारा जारी बयान के अनुसार, यूनाइटेड स्टेट्स कांग्रेस ने 22 जून को देश की अपनी यात्रा के दौरान प्रतिनिधि सभा और सीनेट की संयुक्त बैठक को संबोधित करने के लिए पीएम मोदी को भी आमंत्रित किया है.
हाउस स्पीकर केविन मैक्कार्थी, सीनेट में बहुमत के नेता चक शूमर, सीनेट रिपब्लिकन लीडर मिच मैककोनेल और हाउस डेमोक्रेटिक लीडर और हकीम जेफ्रीस ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा, "आपके संबोधन के दौरान, आपके पास भारत के भविष्य के लिए अपने दृष्टिकोण को साझा करने और दोनों देशों के सामने आने वाली वैश्विक चुनौतियों पर बात करने का अवसर होगा."
व्हाइट हाउस प्रवक्ता जॉन किरबी, पीएम मोदी के दौरे से जुड़े सवाल पर कहा कि भारत सिर्फ़ द्विपक्षीय संबंधों के तौर पर ही अहम नहीं, बल्कि कई मुद्दों पर अमेरिका का साझेदार है. क्वाड (QUAD) का सदस्य और पैसिफ़िक की सुरक्षा के लिहाज से एक अहम साझेदार दोस्त है. राष्ट्रपति बाइडेन को पीएम मोदी के दौरे का इंतज़ार है और दौरान तमाम मुद्दों पर बात होगी.
भारत में लोकतंत्र की हालत को लेकर पूछे गए सवाल पर व्हाइट हाउस प्रवक्ता जॉन किरबी ने कहा कि भारत का लोकतंत्र काफ़ी मज़बूत है. दिल्ली जा कर इसे देखा जा सकता है. मुझे उम्मीद है कि पीएम मोदी जब यहां आएंगे, तो लोकतांत्रिक संस्थाओं की मज़बूती और सेहत की बात चर्चा का हिस्सा होगा.
भारत के ओडिशा में ट्रेन दुर्घटना में मारे गए या घायल हुए किसी अमेरिकी नागरिक के होने के सवाल पर वेदांत पटेल ने कहा कि हमें इस समय भारत के ओडिशा में ट्रेन दुर्घटना में किसी भी अमेरिकी नागरिक के घायल होने या मारे जाने की जानकारी नहीं है. हम स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में हैं. हम भारत में अमेरिकी नागरिकों को स्थानीय समाचारों की निगरानी जारी रखने, स्थानीय अधिकारियों द्वारा प्रदान किए गए आपातकालीन निर्देशों का पालन करने और निश्चित रूप से कोई भी अतिरिक्त अपडेट प्राप्त करने के लिए हमारे स्मार्ट ट्रैवलर प्रोग्राम में नामांकन करने के लिए दृढ़ता से प्रोत्साहित करते हैं.
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को अल-कादिर ट्रस्ट केस में इस्लामाबाद हाईकोर्ट से 2 हफ्ते की जमानत मिल गई है. शुक्रवार को इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने इमरान खान को जमानत कुछ शर्तों पर दी है. सुनवाई के दौरान इमरान ने फिर से अपनी गिरफ्तारी का अंदेशा जताया. इमरान की सुरक्षा को देखते हुए कोर्ट के बाहर बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है.
पीटीआई के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर बताया गया कि इमरान खान शुक्रवार को इस्लामाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद श्रीनगर हाईवे से जनता को संबोधित करेंगे. हालांकि, इमरान खान और उनकी पार्टी PTI को इस्लामाबाद में रैली की इजाजत नहीं दी गई है. राजधानी में अब भी धारा 144 लागू है.
तोशाखाना केस में सुनवाई पर रोक
इमरान खान को शुक्रवार को ही तोशाखाना केस में इस्लामाबाद हाईकोर्ट से राहत मिल गई है. हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगा दी है. दरअसल, पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने मामले में क्रिमिनल ट्रायल की इजाजत मांगी थी. इमरान ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अर्जी लगाई थी. कोर्ट ने कहा- 'अगले ऑर्डर तक इस केस में सेशन कोर्ट कोई सुनवाई नहीं करेगा.'
शहबाज शरीफ ने सुप्रीम कोर्ट पर बोला हमला
प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने शुक्रवार को कैबिनेट मीटिंग की. इस दौरान उन्होंने सुप्रीम कोर्ट पर सवाल उठाए. पीएम शरीफ ने कहा- 'इमरान खान चाहता है कि पाकिस्तान हर सूरत में डिफॉल्ट हो जाए. 1971 में मुल्क के दो टुकड़े हुए. फिर बेनजीर का कत्ल हुआ. सबको मालूम था कि कौन गुनहगार है. इसके बावजूद फौज के ठिकानों पर हमले नहीं हुए. फिर हमने 9 मई को ये हमले भी देख लिए. चीफ जस्टिस ऑफ पाकिस्तान उमर अता बंदियाल ने उससे खुद उठकर कहा- 'आपको देखकर बहुत खुशी हो रही है. ये हिस्ट्री में कभी नहीं हुआ.'
9 मई को हुई थी गिरफ्तारी
इमरान खान को 9 मई को इस्लामाबाद हाईकोर्ट के बायोमैट्रिक रूम से नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (NAB) के वारंट पर पैरामिलिट्री फोर्स ने गिरफ्तार किया था. हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी को कानूनन सही ठहराते हुए NAB को 8 दिन के फिजिकल रिमांड पर सौंप दिया.
हिंसक झड़प में 8 लोगों की मौत, 1600 से ज्यादा गिरफ्तार
गिरफ्तारी के बाद पूरे देश में समर्थकों ने प्रदर्शन किया. पीटीआई कार्यकर्ताओं और इमरान खान के समर्थकों ने पाकिस्तान के सरकारी कार्यालयों, सेना के ऑफिस समेत कई जगहों पर आगजनी और तोड़फोड़ की. हिंसक झड़पों में 8 लोगों की मौत हो गई. 300 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए. पाकिस्तान में हिंसा फैलाने के आरोप में PTI के कई बड़े नेताओं सहित 1600 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
SC में एक घंटे में पेशी और फिर रिहाई
बुधवार शाम इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने सुप्रीम कोर्ट में गिरफ्तारी के खिलाफ पिटीशन दायर की. चीफ जस्टिस ने एक घंटे में खान को पेश करने का हुक्म दिया. पेशी के कुछ देर बाद इमरान खान को फौरन रिहा करने का आदेश आ गया. रिहाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट की सुनवाई होने तक इमरान खान को पुलिस लाइंस के गेस्टहाउस में रखने का आदेश दिया था.
रिहाई के बाद इमरान खान से मिलने पहुंचे थे राष्ट्रपति अल्वी
गुरुवार को इमरान खान की रिहाई के बाद राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने पुलिस लाइन के गेस्ट हाउस में उनसे मुलाकात की. 'जियो न्यूज' के मुताबिक-अल्वी ने खान को उनकी गिरफ्तारी के बाद देश में फैली हिंसा के बारे में बताया. इमरान खान की गिरफ्तारी के तरीके को लेकर राष्ट्रपति अल्वी ने प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ को चिट्ठी भी लिखी थी. अल्वी ने कहा था कि इस घटना से अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में पाकिस्तान का माखौल (मजाक) बना है.
पहली पत्नी जेमिमा गोल्डस्मिथ ने रिहाई पर जताई थी खुशी
इमरान की रिहाई के बाद गुरुवार को जमान पार्क सहित देशभर में उनके समर्थकों ने जश्न मनाया. इमरान की पहली पत्नी जेमिमा गोल्डस्मिथ ने भी ट्विटर पर खुशी जाहिर की.
इस्लामाबाद: द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक, पाकिस्तान सेना की मीडिया विंग, इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने 9 मई को हुई घटनाओं को देश के इतिहास का एक "काला अध्याय" करार दिया है. आईएसपीआर ने बुधवार को उर्दू में जारी एक बयान में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों का जिक्र किया. आईएसपीआर ने कहा कि विरोध प्रदर्शनों ने विशेष रूप से सेना की संपत्ति और प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया.
सेना की मीडिया विंग ने सख्त शब्दों में बयान देते हुए कहा कि किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी. समाचार रिपोर्ट के अनुसार, एनएबी के बयान और कानून का हवाला देते हुए, आईएसपीआर ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान की गिरफ्तारी को सही ठहराया. आईएसपीआर ने कहा कि इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद सेना विरोधी नारे लगाए जाने के साथ सेना की संपत्तियों और प्रतिष्ठानों पर हमले किए गए.
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार सेना की मीडिया विंग ने कहा, "इमरान खान की गिरफ्तारी के तुरंत बाद, सेना की संपत्तियों और प्रतिष्ठानों पर हमले किए गए और सेना विरोधी नारे लगाए गए." ISPR ने प्रदर्शनकारियों की आलोचना की और उनके कार्यों को अपने सीमित और स्वार्थी उद्देश्यों के लिए देश की भावनाओं में हेरफेर करने का प्रयास करार दिया. सैन्य विंग ने कहा, "यह पाखंड का एक उदाहरण है.
इसमें आगे कहा गया, 'हम अच्छी तरह जानते हैं कि इसके पीछे पार्टी के कुछ नापाक नेताओं के कुछ आदेश, निर्देश और पूरी प्लानिंग थी.' आईएसपीआर ने कहा कि सुविधा देने, योजना बनाने और राजनीतिक उकसावे में शामिल लोगों की पहचान कर ली गई है और उनके खिलाफ कानून के मुताबिक सख्त कार्रवाई की जाएगी. आईएसपीआर ने चेतावनी दी कि सैन्य और राज्य के प्रतिष्ठानों पर किसी और हमले की स्थिति में "मजबूत और निर्णायक कार्रवाई" की जाएगी.
द पाकिस्तान डेली ने एक ट्वीट में बताया कि पीएएफएमएम आलम एयर बेस मियांवाली में पीटीआई कार्यकर्ताओं द्वारा हमले और तोड़फोड़ की सूचना मिली है. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मंगलवार दोपहर गिरफ्तारी के बाद रावलपिंडी में जनरल हेडक्वार्टर (जीएचक्यू) और लाहौर में कॉर्प्स कमांडर के आवास सहित पूरे पाकिस्तान में कई हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए.
लाहौर, रावलपिंडी, इस्लामाबाद, फैसलाबाद, कराची, क्वेटा सहित पूरे पाकिस्तान में पूर्व पाक पीएम और पीटीआई प्रमुख इमरान खान की गिरफ्तारी के खिलाफ लोगों ने सड़कों पर उतरकर हिंसा, आगजनी की और कई नारे भी लगाए. विरोध कर रही भीड़ ने घरों, कार्यालयों और वाहनों पर पथराव किया, बैनर और टायर जलाए और सड़कों को जाम कर दिया. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आने वाले कई वीडियो हिंसा करने वाले पुरुषों के समूह दिख रहे हैं, जिनमें से कुछ अपने चेहरे को ढंके हुए हैं.
ब्रिटेन के महाराज चार्ल्स तृतीय और क्वीन कैमिला की आज वेस्टमिंस्टर ऐबे चर्च में ताजपोशी होगी. बकिंघम पैलेस की ओर से बताया गया कि महाराज चार्ल्स तृतीय के राज्याभिषेक में 2,200 लोग शामिल होंगे, जिनमें शाही परिवार के सदस्य, विश्व के नेता और वेल्स के राजकुमार के तौर पर उनकी धर्मार्थ पहल से जुड़े रहे भारतीय समुदाय के कार्यकर्ता भी शामिल होंगे. ब्रिटेन में 70 साल बाद इस समारोह का आयोजन करने का अवसर आया है. इससे पहले 1953 में क्वीन एलिजाबेथ की ताजपोशी हुई थी, तब चार्ल्स की उम्र महज 4 साल थी.
70 साल पहले हुआ था ऐसा समारोह
इस भव्य समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भारत का प्रतिनिधित्व करने जा रहे हैं. ऐसा समारोह अंतिम बार करीब 70 साल पहले देखा गया था, जब चार्ल्स की दिवंगत मां महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की जून 1953 में ताजपोशी हुई थी. बकिंघम पैलेस ने बताया, 'समारोह में शामिल होने वाले मेहमानों में शाही परिवार के सदस्यों के साथ-साथ 203 देशों के अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि शामिल होंगे, जिनमें लगभग 100 राष्ट्राध्यक्ष होंगे.'
ये हस्तियां हो रही शामिल
चार्ल्स तृतीय की ताजपोशी समारोह में शामिल होने वालों में सौरभ फड़के भी होंगे, जो प्रिंस फाउंडेशन बिल्डिंग क्राफ्ट प्रोग्राम के स्नातक हैं और उन्होंने चार्ल्स द्वारा डम्फ़्रीज़ हाउस, स्कॉटलैंड में स्थापित प्रिंस फाउंडेशन स्कूल ऑफ ट्रेडिशनल आर्ट्स से अध्ययन किया है. इसके साथ ही समारोह में हिस्सा लेने वालों में गुलफ्शा भी शामिल हैं, जिन्हें 2022 में प्रिंस ट्रस्ट ग्लोबल अवार्ड से सम्मानित किया गया था. समारोह में आमंत्रित व्यक्तियों में कनाडा से, भारतीय मूल के जय पटेल भी शामिल हैं जिन्होंने मई 2022 में प्रिंस ट्रस्ट कनाडा का युवा रोजगार कार्यक्रम पूरा किया था. समारोह में शामिल होने जा रहे अतिथि सूची में संसद सदस्य, पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री, चर्च और अन्य धर्मों के प्रतिनिधि, देश की रक्षा सेवाओं के प्रतिनिधि, नोबेल पुरस्कार विजेता और ब्रिटिश साम्राज्य पदक (बीईएम) प्राप्तकर्ता भी शामिल हैं.
मुंबई के डब्बा वालों ने महाराजा चार्ल्स तृतीय के लिए ‘पुनेरी पगड़ी'भेजी
मुंबई के डब्बा वालों ने लंदन में होने वाले महाराजा चार्ल्स तृतीय के राज्याभिषेक से पहले उन्हें परंपरागत ‘पुनेरी पगड़ी' और ‘उपरने' उपहार स्वरूप भेजी हैं. ‘पुनेरी पगड़ी' 19वीं सदी से प्रचलित परंपरागत पगड़ी है जिसे महाराष्ट्र के पुणे क्षेत्र में गौरव और सम्मान का प्रतीक माना जाता है. वहीं ‘उपरने' पुरुषों द्वारा परंपरागत समारोहों में कंधे पर डाला जाने वाला दुपट्टा है. डब्बा वाले मुंबई में घरों और रेस्तरांओं से दफ्तर तक लोगों को गर्म खाना पहुंचाते हैं. समय पर खाना पहुंचाने की उनकी यह व्यवस्था दुनियाभर में प्रसिद्ध है. मुंबई के डब्बा वालों का ब्रिटिश शाही परिवार से पुराना नाता है. जब प्रिंस चार्ल्स 2003 में भारत आये थे, तो उन्होंने डब्बा वालों से मुलाकात की थी और उनकी कार्यशैली की प्रशंसा की थी.
महाराजा चार्ल्स राजकीय यात्रा पर भारत आने के इच्छुक!
भारतीय मूल के मशहूर कारोबारी लॉर्ड करन बिलिमोरिया ने हाल ही में कहा था कि ब्रिटेन के महाराजा चार्ल्स तृतीय राजकीय यात्रा पर भारत जाने की इच्छा रखते हैं और इसकी योजना शीघ्र बनाई जानी चाहिए.
ब्रिटेन के महाराजा चार्ल्स तृतीय और महारानी कैमिला के राज्याभिषेक समारोह से पहले बिलिमोरिया ने संसद परिसर में वेस्टमिन्टर हॉल में सांसदों के एक समूह से बातचीत के दौरान कहा कि उन्हें भारत-ब्रिटेन संबंधों का मुद्दा उठाने का अवसर मिला और उन्होंने महाराजा से भारत की यात्रा पर जाने के संबंध में विचार करने का अनुरोध किया. इससे पहले महाराजा चार्ल्स तृतीय नवंबर 2019 को भारत गए थे. उस वक्त वह प्रिंस ऑफ वेल्स थे और उन्होंने अपना 71वां जन्मदिन मुंबई में मनाया था.