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नई दिल्ली: गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए सोमवार शाम मतदान संपन्न हो गया. अभी तक आए एग्जिट पोल्स के अनुसार गुजरात में BJP लगातार सातवीं बार सत्ता में आती दिख रही है. न्यूज एक्स के अनुसार बीजेपी को 182 सीटों के विधानसभा में 117 से 140 सीट मिलने की संभावना है. कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन को 34 से 51 और आम आदमी पार्टी को महज 6 से 13 सीट मिल सकते हैं.वहीं टीवी 9 गुजराती के अनुसार बीजेपी को 125 से 130 सीट मिल सकते हैं जबकि कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन को 40-50 सीट और आम आदमी पार्टी को 3 से 5 सीटों पर जीत मिल सकती है. रिपब्लिक टीवी के अनुसार बीजेपी को 128 से 148 कांग्रेस को 30 से 42 और आम आदमी पार्टी को 2 से 10 सीटों पर जीत मिल सकती है.
गौरतलब है कि गुजरात में 182 सीटों के विधानसभा के लिए 2 चरणों में मतदान हुए हैं. बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी े बीच मुकाबला इस चुनाव में देखने को मिल रहा है. भारतीय जनता पार्टी पिछले 27 साल से गुजरात में सत्ता में है.
गुजरात में वर्ष 1995 से लगातार सत्ता में BJP बनी हुई है, और वर्तमान भूपेंद्र पटेल सरकार कोशिश में है कि भारतीय जनता पार्टी को एक और कार्यकाल मिल जाए. उधर, कांग्रेस वर्ष 2017 के चुनाव नतीजों से उत्साहित है, और पिछले नतीजों को बेहतर करने की उम्मीद पाले हुए है. गुजरात में तीसरी पार्टी अरविंद केजरीवाल की AAP है, जिसे आशा है कि BJP के लगातार शासन के बाद जनता बदलाव चाहेगी और दिल्ली व पंजाब में उनका प्रदर्शन देखकर उन्हें चुन सकती है.
नई दिल्ली : गरूर में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के आवास की ओर कूच कर रहे मजदूर यूनियन के लोगों पर पंजाब पुलिस ने लाठीचार्ज किया. मजदूर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री के आवास की ओर जा रहे थे. मजदूर मुख्य रूप से वेतन में वृद्धि की मांग कर रहे थे. विरोध प्रदर्शन कर रहे मजदूरों और ट्रेड यूनियनों के सदस्यों की पुलिस से झड़प हुई. इसके बाद पुलिस ने भीड़ को काबू में करने के लिए लाठीचार्ज किया.
घटनास्थल के नाटकीय दृश्यों में झंडे लहराते और नारेबाजी करते प्रदर्शनकारियों को पुलिस रोकते हुए दिख रही है. पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान के संगरूर के आवास के बाहर सांझा मजदूर मोर्चा के किसानों ने आज विरोध प्रदर्शन किया. वे न्यूनतम दैनिक मजदूरी बढ़ाकर 700 रुपये करने की मांग कर रहे थे. प्रदर्शनकारी मनरेगा के तहत कृषि मजदूरों की न्यूनतम दैनिक मजदूरी में वृद्धि की मांग कर रहे थे. इस विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने मजदूरों पर लाठी चार्ज किया और उन्हें तितर बितर कर दिया.
पहले से घोषित विरोध प्रदर्शन की शुरुआत आज सुबह हुई थी. पटियाला बाईपास पर जमा हुए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के रोकने पर मुख्यमंत्री आवास की ओर मार्च करना शुरू कर दिया. इसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया.
इससे पहले इन कृषि मजदूरों ने अक्टूबर में 19 दिन तक विरोध प्रदर्शन किया था. सरकार द्वारा लिखित रूप में उनकी मांगों को स्वीकार करने के बाद मजदूर किसान आंदोलन वापस लेने पर सहमत हुए थे.
अपोलो हॉस्पिटल के सीनियर पीडीअट्रिशन और ग्रुप मेडिकल डायरेक्टर डॉ. अनुपम सिब्बल ने कहा कि एयर पॉल्यूशन से वयस्कों की तुलना में बच्चे अधिक प्रभावित होते हैं. इसलिए, उनकी शारीरिक गतिविधियों पर नियमित जांच रखना जरूरी है, बिना किसी रेस्प्रिटॉरी हिस्ट्री के भी बच्चे एयर पॉल्यूशन से गंभीर रूप से प्रभावित होते हैं: डॉ. अनुपम सिब्बल.............
नई दिल्ली: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 303 होने के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी हुई है. साइंसडायरेक्ट में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार वायु प्रदूषण के हाई लेवल के संपर्क में आने से जन्म के समय कम वजन और समय से पहले जन्म का खतरा बढ़ जाता है. अध्ययन में कहा गया है कि इसके अलावा, प्रदूषण जन्मजात विकृतियों और नवजात मृत्यु दर के जोखिम को भी बढ़ाता है. बच्चों में वायु प्रदूषण के प्रभाव पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के 15 साल से कम उम्र के लगभग 93 प्रतिशत (1.8 अरब) बच्चे हर दिन जहरीली हवा में सांस लेते हैं. इसके अलावा, पांच साल से कम उम्र के बच्चों में हर दस में से एक मौत और साथ ही 20% नवजात मौतों के लिए भी वायु प्रदूषण जिम्मेदार है.
अपोलो अस्पताल में वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ और समूह चिकित्सा निदेशक डॉ. अनुपम सिब्बल ने NDTV-डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया टीम से एयर पॉल्यूशन के बढ़ते लेवल और बच्चों और गर्भवती माताओं की हेल्थ पर इसके प्रभाव के बारे में बात की.
एनडीटीवी: बच्चों और शिशुओं पर दिल्ली के मौजूदा एयर पॉल्यूशन के लेवल का प्रभाव क्या हैं?
डॉ. अनुपम सिब्बल: माता-पिता इस बात को लेकर काफी चिंतित हैं कि दिल्ली में प्रदूषण का मौजूदा स्तर उनके बच्चों के स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर रहा है. आइए समझते हैं कि कैसे एक बच्चे का शरीर एक वयस्क से अलग होता है. यदि हम एक बच्चे की सांस लेने की दर को देखें, तो यह एक एडल्ट की तुलना में बहुत अधिक होती है. वायु प्रदूषण के समान लेवल से वयस्कों की तुलना में बच्चे अधिक प्रभावित होंगे. दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि एक बच्चे और एक एडल्ट की बॉडी में वायुमार्ग के आकार में अंतर होता है और इसके कारण, प्रदूषण के संपर्क में आने के कारण उत्पन्न होने वाले स्राव वायु प्रवाह के संदर्भ में अधिक सिकुड़ जाते हैं. यही कारण है कि बिना सांस की बीमारी की हिस्ट्री वाले बच्चे भी गंभीर रूप से प्रभावित होते हैं. अस्थमा या ब्रोंकाइटिस के इतिहास वाले बच्चों के लक्षण अधिक स्पष्ट होते हैं.
एनडीटीवी: बच्चों पर एयर पॉल्यूशन के लॉन्ग टर्म इफेक्ट क्या हैं?
डॉ. अनुपम सिब्बल: कुछ ऐसे सर्वे हैं जिन्होंने वायु प्रदूषकों के लंबे समय तक संपर्क में रहने, बच्चे के संज्ञानात्मक विकास और समय से पहले जन्म में वृद्धि के बीच संबंध दिखाया है. लेकिन, हम अभी भी वायु प्रदूषण के निश्चित दीर्घकालिक प्रभावों के प्रति अतिसंवेदनशील हैं. सामान्य प्रभावों की बात करें तो वायु प्रदूषण नाक की एलर्जी को बदतर बना देता है. इससे आंखों में जलन, ब्रोंकाइटिस आदि हो जाते हैं.
NDTV: वायु प्रदूषण से बाधित हुई नॉर्मल रूटिन में बच्चे और माता-पिता कैसे वापस आ सकते हैं?
डॉ. अनुपम सिब्बल: जैसे ही COVID-19 कंट्रोल में आ रहा था, वायु प्रदूषण का मुद्दा उठा. बाल रोग विशेषज्ञ के रूप में, हम माता-पिता को सलाह दे रहे हैं कि वे अपने बच्चों की शारीरिक गतिविधियों पर ध्यान दें.
एनडीटीवी: गर्भवती माताओं और नवजात शिशुओं के लिए आपकी क्या सिफारिशें हैं?
डॉ. अनुपम सिब्बल: बाल रोग विशेषज्ञ के रूप में, हम नवजात शिशुओं की देखभाल करते हैं, अक्सर गर्भवती महिलाओं के साथ बातचीत करते हैं, और कभी-कभी उन महिलाओं के साथ परामर्श करते हैं जो अपने पहले बच्चे को जन्म देना चाहती हैं या देने वाली हैं. तो, नवजात शिशुओं को बढ़ते प्रदूषण के स्तर से दूर रखने के लिए हम क्या कर सकते हैं? खैर, वे वास्तव में ज्यादातर समय घर पर ही रहते हैं, लेकिन थोड़ा बाहर टहलना शिशु और मां के लिए फायदेमंद होता है, हालांकि, आज हम जिस वातावरण में रहते हैं, उसमें यह वांछनीय नहीं है. इसलिए, घर के अंदर रहें. जहां तक गर्भवती महिलाओं का संबंध है, हम हमेशा उन्हें प्रोत्साहित करते हैं कि वे एक्सरसाइज जारी रखें और एक दिनचर्या बनाए रखें, विशेष रूप से घर के अंदर.
डॉ. अनुपम सिब्बल: माता-पिता, बच्चों, और गर्भवती और नई माताओं के लिए पहली सिफारिश मुख्य रूप से उस वातावरण के बारे में जागरूकता है जिसमें वे रह रहे हैं और जब संभव हो तो बाहर जा रहे हैं. वयस्क एक मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग कर सकते हैं जो शहर का सटीक वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) प्रदान करता है. जब बाहर टहलने और बाहर व्यायाम करने की बात आती है, तो हमें दिन का ऐसा समय चुनना चाहिए जब AQI का स्तर कम हो. मास्क लगाना एक अन्य महत्वपूर्ण कारक है, और अच्छे N95 की सलाह दी जाती है. कोविड-19 महामारी ने एक अच्छी बात यह की है कि मास्क लगाना हमारी दिनचर्या का हिस्सा बन गया है. कोई भी अपने घरों में इनडोर पौधों जैसे चीनी सदाबहार, स्नैक प्लांट आदि रखने पर विचार कर सकता है, क्योंकि यह हवा की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करता है. जिन लोगों के पास संसाधन हैं, वे एयर प्यूरिफायर खरीद सकते हैं क्योंकि वे काम में आते हैं.
डॉ. सिब्बल ने अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए निर्णय लेने के लिए परिवार में वयस्कों के महत्व पर बल दिया. उन्होंने कहा,
हमें यह समझने की जरूरत है कि हम उनकी आवाज हैं. हमें अपनी आने वाली पीढ़ी की रक्षा करनी है और प्रदूषण पर काबू पाने के लिए हमें अपनी शक्ति में सब कुछ करना चाहिए.
भोपाल: राहुल गांधी 'भारत जोड़ो यात्रा' के लिए 20 नवंबर को मध्यप्रदेश में बुरहानपुर के रास्ते प्रवेश करेंगे. 3 नवंबर तक को खंडवा, खरगोन, इंदौर, उज्जैन, आगरा-मालवा जैसे जिलों से होते हुए राजस्थान निकल जाएंगे, लेकिन उनके आने से पहले सत्तारूढ़ बीजेपी और कांग्रेस के बीच तोड़ो-जोड़ो की बयानबाज़ी तेज हो गई है. सूत्रों की मानें तो बीजेपी की नजर कांग्रेस के उन विधायकों पर है, जिन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग की थी.
पीसीसी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ खुद तैयारी में जुटे हैं. निमाड़ के कुछ जिलों में पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण यादव की जगह कमान निर्दलीय विधायक शेरा को सौंपी गई है. इस बीच चर्चा है कि बीजेपी ऑपरेशन लोटस-2 की तैयारी में है, मालवा-निमाड़ से 6, महाकौशल और बुंदेलखंड से दो-दो और ग्वालियर-चंबल अंचल से एक विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं. वहीं कांग्रेस कह रही है उसके संपर्क में भी बीजेपी के कई विधायक हैं.
मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी के बहुत सारे विधायक हमारे संपर्क में हैं, जो सोचते हैं कि उन्हें टिकट नहीं मिलेगी. लेकिन हम अपने संगठन को प्राथमिकता देंगे.
वहीं मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्र ने कहा कि कमलनाथ जब-जब बोलते हैं, कांग्रेस टूट जाती है. पहली बार किया तो सरकार चली गई. उपचुनाव में बोला तो पार्टी बैठ गई, वहीं राष्ट्रपति चुनाव के पहले बोला तो कांग्रेस के 17 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर दी.
कैबिनेट मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि अभी भी अनेक नेता कांग्रेस छोड़ने के लिए संपर्क कर रहे हैं, इस भय से कांग्रेस अपने विधायकों को बंधक बनाने की कोशिश कर रही है. कोई स्वेच्छा से भाजपा में आना चाहता है, तो पार्टी उस पर विचार करेगी.
कांग्रेस ने 114 विधायकों के साथ सरकार बनाई थी, लेकिन अब वो 95 के साथ खड़ी है. सूत्रों के मुताबिक 'भारत जोड़ो यात्रा' के पहले दिन सबको बुरहानपुर के गांव में मौजूद रहने की हिदायत मिली है, यानी उसी दिन एक और परीक्षा हो जाएगी.
मध्यप्रदेश आकर राहुल गांधी यात्रा को थोड़ा विराम देंगे. गुजरात में प्रचार के लिए जाएंगे. फिर यहां 23 नवंबर से यात्रा शुरू होकर 5 दिसंबर तक चलेगी. लेकिन बीजेपी के बयानों में अगर जरा भी दम है तो शायद कांग्रेस को अपने विधायकों को और मजबूती से जोड़ने की जरूरत होगी.