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सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन चामलिंग भारत के इतिहास में किसी भी राज्य में सबसे अधिक समय तक मुख्यमंत्री पद पर रहने वाले पहले मुख्यमंत्री बन गये हैं. पवन चामलिंग ने 30 अप्रैल 2018 को बिना किसी बाधा के 25 साल का लंबा कार्यकाल पूरा कर लिया.
इससे पहले सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड ज्योति बसु का था. ज्योति बसु ने पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री के रूप में 23 साल तक पदभार संभाला था. इस अवधि में पवन चामलिंग को लगातार पांच बार मुख्यमंत्री बनाया गया.
चामलिंग ने इसका श्रेय अपने माता-पिता को दिया तथा उन्होंसने इसका श्रेय राज्य की जनता को भी दिया जिन्होंने उन पर विश्वास किया.
पवन चामलिंग के बारे में जानकारी
• सत्तारूढ़ सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के संस्थापक अध्यक्ष पवन चामलिंग दिसंबर 1994 में मुख्यमंत्री बने थे.
• पवन चामलिंग ने 23 साल 4 महीने और 17 दिन तक मुख्यमंत्री पद पर बने रहकर नया रिकॉर्ड बनाया है.
• उन्होंने 1 मई 2014 को पांचवीं बार सिक्कि1म के मुख्यतमंत्री पद को संभाला था.
• बतौर मुख्यमंत्री इस पद पर 29 अप्रैल को उनका 8,539वां कार्य दिवस था.
• वर्ष 1973 में जब वह केवल 22 वर्ष के थे, तब उन्होंने राजनीति में अपना कदम रखा.
• उस समय भारत के साथ सिक्किम साम्राज्य के विलय की बात हो रही थी.
• इसके उपरांत 1975 में चामलिंग युवा कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष बने और 1978 में प्रजातंत्र कांग्रेस के सचिव चुने गए.
• वर्ष 1983 में वह यांगांग ग्राम पंचायत इकाई के अध्यक्ष चुने गए.
• वे नेपाली भाषा के कवि और संगीतकार भी हैं.
पटना: बिहार के जहानाबाद जिले में ऐसा वीडियो वायरल हुआ है, जो न सिर्फ शर्मसार करने वाली है, बल्कि गुस्सा भी दिलाएगी. बिहार के जहानाबाद में एक नाबालिग़ बच्ची से छेड़छाड़ का वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें पांच-छह लड़के एक लड़की को घेरकर उससे छेड़छाड़ करते नजर आ रहे हैं और उसके साथ बदसलूकी कर रहे हैं. लड़की के लाख चिल्लाने के बाद भी लड़के उसके कपड़े उतारने की कोशिश कर रहे हैं, मगर कोई उसकी मदद नहीं कर रहा है. लड़की मनचलों से उसे छोड़ देने की गुहार लगा रही है. वह लाचार बेबस होकर अपनी इज्जत लूटने से बचाने की कोशिश कर रही है. हालांकि, पुलिस ने इस मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. हालांकि, इस वीडियो में दिखने वाले दो अन्य फरार बताए जा रहे हैं. सीनियर आईपीएस ऑफिसर नय्यर हुसैन खाने ने इस वीडियो की जांच के लिए स्पेशल टीम का गठन किया है. इस दिल दहला देने वाले वीडियो को सोशल मीडिया पर काफी शेयर किया गया. हालांकि, फरार आरोपियों की पहचान भी पुलिस ने कर ली है.
पुलिस ने पहली जांच रिपोर्ट के आधार पर पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है. पुलिस घर-घर जाकर छानबीन कर रही है और बाकी हमलावरों की पहचान के लिए गांव वालों और पड़ोसियों से बात कर रही है. बता दें कि अभी हाल ही में एक अध्यादेश को मंजूरी मिली है कि 12 साल से कम उम्र की बच्ची के साथ रेप पर फांसी की सजा होगी.
::/fulltext::पुडुेचरी: पुडुचेरी की लेफ्टिनेंट गवर्नर यानी उपराज्यपाल किरण बेदी ने बढ़ते विवाद को देखते हुए अपना वह आदेश वापस ले लिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि पुडुचेरी के जिन गांवों में लोग खुले में शौच करेंगे और कूड़ा फेकेंगे, उन्हें अगले महीने से सरकार की ओर से मफ्त चालन नहीं दिया जाएगा, जब तक वह गांव प्रमाण नहीं देगा कि उनका गांव पूरी तरह से शौच मुक्त और स्वच्छ नहीं हो जाता. बता दें कि पुडुचेरी में जरूरतमंद लोगों को सरकारी योजना के तहत मुफ्त में राशन देती है. बता दें कि किरण बेदी के इस कदम के बाद कांग्रेस ने अपने हमले तेज कर दिये थे और इसे 'तानाशाही' करार दिया था.
यह विवादित आदेश उस बयान के कुछ महीने बाद आया है, जब संयुक्त राष्ट्र स्वच्छता विशेषज्ञ लियो हेलर ने कहा था कि स्वच्छ भारत मिशन के खुले शौचालय मुक्त कार्यक्रम मानवाधिकार मुक्त नहीं होना चाहिए. किरण बेदी ने प्रशासन से बताया कि ग्रामीण इलाकों में समुदाय के नेता सरकार से बेहतर सुविधाएं मांगने के लिए मुखर और सक्रिय दिखते हैं, मगर स्वच्छ भारत कार्यक्रम के तहत स्वच्छता अभियानों के लिए उत्साह नहीं दिखाते हैं. किरण बेदी को इस आदेश का ख्याल तब आया, जब वह सुबह-सुबह गांव के दौरे पर गई थीं. वहां उन्होंने पाया कि गांव बहुत गंदा था. यही वजह है कि उन्होंने इसे बदलने के लिए चाबुक चलाने के फैसला लिया था.
एक छोटे कार्यक्रम के दौरान गांववालों को फटकार लगाती हुईं किरण बेदी ने कहा कि अस्पताल मशीन चाहता है, आप मुफ्त में चावल चाहते हैं, वृद्धा पेंशन चाहते हैं, विधवा पेंशन चाहते हैं, आप सबकुछ चाहते हैं, मगर आप अपने गांव को साफ और स्वच्छ नहीं रख सकते, जिसे आपको करना चाहिए.बेदी ने कहा कि 'यदि आप स्थानीय राज्य संचालित अस्पताल में डायलिसिस मशीन चाहते हैं, तो अपने गांव को स्वच्छ बनाएं. आप मुफ्त चावल चाहते हैं, अपने गांव को साफ करें ... पुरुष, महिला बच्चे, हर कोई आपके गांव को साफ करो. आपके पास एक महीने का है समय है. ये सब आपको केवल इसी शर्त पर दिया जाएगा कि आपका गांव स्वच्छ और साफ है.
उसके कुछ देर बाद किरण बेदी ने मुख्यमंत्री वी नारायणसामी को पत्र लिख बताया कि उन्होंने सभी सीविल सप्लाइई कमिश्नर को आदेश दिया है कि वे सभी गांव को नोटिस जारी करें और 31 मई तक अपने गांव को स्वच्छ बनाने के लिए कहें. इसके बाद कांग्रेस हमलावर हो गई और ऐसे आदेश को तानाशाही बताया. कांग्रेस ने पीएम मोदी से भी सवाल किया कि क्या इस आदेश में उनकी मंजूरी है? क्या पीएम मोदी ने किरण बेदी से कहा है? क्या किरण बेदी जो कर रही हैं वह पीएम मोदी को पता है?मगर इस आदेश के बाद चारो ओर हो रही आलोचनाों को देखते हुए किरण बेदी ने अपने आदेस को वापस ले लिया और शाम में एक पत्र जारी किया और इस आदेश के पीछे के इरादे को गलत तरीके से लेने की बात कही. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा की गई आगामी प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए कि पुडुचेरी के गांव जून के अंत तक ओडीएफ प्राप्त करेंगे, मुझे उन्हें कुछ और समय देने में खुशी होगी. इसलिए मैं अपने पूराने आदेश वापस लेती हूं.