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नई दिल्ली.साइंटिस्ट्स ने चेतावनी दी है कि अगले 48 घंटे में हमारी पृथ्वी से एक सोलर आंधी आने वाली है। इसकी वजह से कुछ समय के लिए ब्लैकआउट हो जाएगा। मोबाइल सिग्नल, केबल नेटवर्क, जीपीएस नैविगेशन, केबल नेटवर्क और सैटेलाइट बंद भी हो सकते हैं। साथ ही इससे रेडिएशन का खतरा होने की आशंका भी है। क्या कहते हैं साइंटिस्ट्स...
- स्पेस वेदर की रिपोर्ट के मुताबिक, ये सौर आंधी सूरज की वजह से आएगी। इसमें सूरज में एक कोरोनल होल खुलेगा, जिसकी वजह से भारी मात्रा में ऊर्जा निकलेगी।
- इसमें एनर्जी में कॉस्मिक कण भी मौजूद हैं। नासा की तरफ से भी कहा गया है कि सोलर डिस्क के करीब आधे हिस्से को काटते हुए एक बड़ा सा छेद बनेगा।
- इसके कारण सूरज के वातावरण से धरती की ओर गर्म हवा की आंधी आएगी। नासा ने इस आंधी को एक तस्वीर शेयर करते हुए दिखाया है।
- साइंटिस्ट्स के मुताबिक, धरती पर कुछ समय के लिए टेक ब्लैकआउट में स्थिति बन सकती है। हालांकि भारत से पहले इसका असर अमेरिका और ब्रिटेन में दिख सकता है।
- यह आंधी आएगी तो धरती के नॉर्थ और साउथ में तेज रोशनी नजर आएगी।
नहीं होगा नुकसान...
-नेशनल ओशन एंड अटमॉस्फियर एसोसिएशन के मुताबिक, ये जी-1 यानी हल्की सोलर आंधी होगी। आंधी तब आएगी, जब सोलर विंड चलेंगी। मैग्नेटिक तूफान को सोलर तूफान कहते हैं। जो सूरज की सतह पर आए बदलाव से उत्पन्न होते हैं।
नई दिल्ली.चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा पर महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस खारिज करने के खिलाफ सोमवार को कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। पार्टी के 2 राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा और अमी याग्निक ने याचिका दाखिल कर कहा कि उपराष्ट्रपति और सभापति वेंकैया नायडू के पास इसे खारिज करने का विकल्प नहीं है। उन्हें जस्टिस मिश्रा के खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए एक कमेटी बनाना चाहिए थी। बता दें कि 23 अप्रैल को उपराष्ट्रपति ने विपक्ष के सात दलों के सांसदों के हस्ताक्षर वाले नोटिस को खारिज कर दिया था।
- न्यूज एजेंसी के मुताबिक, दोनों सांसदों ने अपनी याचिका में कहा कि एक बार सांसदों की ओर से महाभियोग प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद उपराष्ट्रपति के पास अन्य कोई विकल्प नहीं रह जाता है। इसलिए उनका फैसला ठीक नहीं है।
- उधर, सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि नोटिस को खारिज करने की अपील की अर्जेंट लिस्टिंग होनी चाहिए। चूंकि, ये मामला चीफ जस्टिस के खिलाफ है, इसलिए सबसे वरिष्ठ जज को लिस्टिंग करने के निर्देश देना चाहिए।
- बता दें कि कांग्रेस समेत सात दलों ने 20 अप्रैल को राज्यसभा सभापति को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने का नोटिस दिया था। इस पर 71 सदस्यों के हस्ताक्षर थे। जिनमें से सात सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
पहले कांग्रेस ने क्या कहा था?
- महाभियोग प्रस्ताव लाने का नोटिस खारिज होने के बाद कपिल सिब्बल ने इस पर कहा था- "उपराष्ट्रपति का फैसला अवैध है। इस फैसले से जनता का भरोसा टूटा है। हम इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।"
10 पेज के फैसले में उपराष्ट्रपति ने बताए थे नोटिस खारिज करने के आधार
- उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने अपने 10 पेज के फैसले में कहा था- "नोटिस में चीफ जस्टिस पर लगाए गए आरोपों को मीडिया के सामने उजागर किया गया, जो संसदीय गरिमा के खिलाफ है। साथ ही कहा गया है कि उन्होंने तमाम कानूनविदों से चर्चा के बाद पाया कि यह प्रस्ताव तर्कसंगत नहीं है।"
- "सभी पांच आरोपों पर गौर करने के बाद ये पाया गया कि ये सुप्रीम कोर्ट का अंदरूनी मसला है। ऐसे में महाभियोग के लिए ये आरोप स्वीकार नहीं किए जा सकते।"
- सभापति ने बताया कि विपक्षी दलों के नोटिस को अस्वीकार करने से पहले उन्होंने कानूनविदों, संविधान विशेषज्ञों, लोकसभा और राज्यसभा के पूर्व महासचिवों, पूर्व विधिक अधिकारियों, विधि आयोग के सदस्यों और न्यायविदों से सलाह-मशविरा किया।
- उन्होंने पूर्व अटॉर्नी जनरलों, संविधान विशेषज्ञों और प्रमुख अखबारों के संपादकों के विचारों को भी पढ़ा। (पूरी खबर यहां पढ़ें)
कांग्रेस ने सीजेआई पर 5 आरोप लगाए थे
- कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने सभापति को सौंपे सांसदों के नोटिस का हवाला देते हुए पांच आरोप बताए थे। इनके आधार पर ही चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस लाया गया था।
1) पहले आरोप के बारे में सिब्बल ने कहा था, ‘"हमने प्रसाद एजुकेशन ट्रस्ट मामले में उड़ीसा हाईकोर्ट के एक रिटायर्ड जज और एक दलाल के बीच बातचीत के टेप भी राज्यसभा के सभापति को सौंपे हैं। ये टेप सीबीआई को मिले थे। इस मामले में चीफ जस्टिस की भूमिका की जांच की जरूरत है।’’
2) "एक मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक जज के खिलाफ सीबीआई के पास सबूत थे, लेकिन चीफ जस्टिस ने सीबीआई को केस दर्ज करने की मंजूरी नहीं दी।’’
3) "जस्टिस चेलमेश्वर जब 9 नवंबर 2017 को एक याचिका की सुनवाई करने को राजी हुए, तब अचानक उनके पास सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री से बैक डेट का एक नोट भेजा गया और कहा गया कि आप इस याचिका पर सुनवाई नहीं करें।’’
4) "जब चीफ जस्टिस वकालत कर रहे थे तब उन्होंने झूठा हलफनामा दायर कर जमीन हासिल की थी। एडीएम ने हलफनामे को झूठा करार दिया था। 1985 में जमीन आवंटन रद्द हुआ, लेकिन 2012 में उन्होंने जमीन तब सरेंडर की जब वे सुप्रीम कोर्ट में जज बनाए गए।’’
5) "चीफ जस्टिस ने संवेदनशील मुकदमों को मनमाने तरीके से कुछ विशेष बेंचों में भेजा। ऐसा कर उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया।’’
बिजली पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री मोदी के ट्वीट ने मणिपुर के लेसंग गांव का नाम देश के हर शख्स की ज़ुबान तक पहुंचा दिया है गांव के लोगों तक कई बुनियादी सुविधाएं पहुंचना अब भी बाकी है वो नहीं चाहते हैं कि उनका गांव सड़क से जुड़ने वाला आखिरी गांव रहे.
चममचामते बिजली बल्वों से घरों की महिलाओं की खुशी का ठिकाना नहीं है, बिजली आने के बाद टेलीविजन ने उनके लिये दुनिया के दरवाज़े खोल दिये हैं लेकिन साफ पानी के लिये उनकी चिंता बरकरार है. झरना मौसम के हिसाब से बहता है, आजकल पानी गंदा मिल रहा है. लेसंग में बिजली आ गई है. हर गांव को बिजली पहुंचाने की प्रधानमंत्री की परियोजना में ये मील का पत्थर है. लेसंग 1972 में बसा और 40 परिवारों के साथ. अब यहां सिर्फ 14 परिवार हैं. बाकी परिवार नीचे की तरफ चले गये क्योंकि गांव तक सड़क नहीं है. पत्थर की जो सड़क है वो मॉनसून के दौरान चलने लायक नहीं रह जाती है.
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बेंगलुरु.देश के जानेमाने वकील राम जेठमलानी ने कालेधन के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया। बेंगलुरु में सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने कालाधन वापस लाने का भरोसा दिलाया था, इसीलिए 2014 के चुनाव में मैंने प्रधानमंत्री के लिए उनका समर्थन किया। जेठमलानी ने कहा कि मुझे बाद में अहसास हुआ कि कालेधन पर प्रधानमंत्री का वादा पूरी तरह खोखला था और मैं मूर्ख बन गया।
विदेशी बैंकों में 90 लाख करोड़ कालाधन
- बेंगलुरु प्रेस क्लब के कार्यक्रम में जेठमलानी ने कहा, ''देश के 1400 अमीरों का 90 लाख करोड़ कालाधन विदेशी बैंकों में जमा है। मैं इसके खिलाफ 2009 से लड़ाई लड़ रहा हूं। कुछ साल पहले नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मदद मांगी थी, तब दोनों नेता मुझसे मिलने घर भी आए।
- ''उन्होंने कालेधन के खिलाफ लड़ाई में मेरा साथ देने की बात कही थी। क्योंकि दोनों नेताओं पर हत्या के मुकदमे चल रहे थे और वे चाहते थे कि मैं उनकी मदद करूं और उन्हें इन मामलों से निकालूं।''
जीत के बाद मुझसे लड़ाई रोकने के लिए कहा
- जेठमलानी ने दावा किया, ''2014 में भाजपा की सरकार बनी और दोनों नेताओं ने परोक्ष रूप से मुझसे कहना शुरू कर दिया था कि आप कालेधन के खिलाफ जारी लड़ाई को बंद कर दीजिए। तब मुझे अहसास हुआ कि नरेंद्र मोदी और भाजपा का समर्थन कर मैंने मूखतापूर्ण फैसला लिया।''
- ''मैं कालेधन के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखूंगा। सुप्रीम कोर्ट में मेरी ओर से लगाए गए केस की सुनवाई की तारीख 15 जुलाई तक हो चुकी है। जर्मनी और स्विट्जरलैंड कालाधन रखने वालों की लिस्ट देने के लिए तैयार हैं। पर मौजूदा सरकार इस पर सही फैसला नहीं ले पा रही है।''
जनता चुनाव में भाजपा को सबक सिखाएगी
गौरतलब है कि इस समय कर्नाटक में चुनाव प्रचार चरम पर है. 224 सीटों वाली विधानसभा के चुनाव के लिए 12 मई को वोट डाले जायेंगे और नतीजे 15 मई को आएंगे.
नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कर्नाटक में 'भ्रष्टाचार और आपराधिक मामलों का सामना कर रहे' भाजपा उम्मीदवारों को लेकर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि ‘कर्नाटक के इन मोस्ट वांटेड लोगों के एपिसोड' के बारे वह कब बोलेंगे. राहुल ने आज ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा, 'प्रिय मोदीजी, आप बहुत बातें करते हैं. समस्या यह है कि आपकी कथनी और करनी में मेल नहीं है.
वीडियो का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, 'कर्नाटक में उम्मीदवारों के आपके चयन की एक बानगी प्रस्तुत है. यह 'कर्नाटक के मोस्ट वांटेड' लोगों के एपिसोड जैसा लगता है.' राहुल की ओर से पोस्ट वीडियो में रेड्डी बन्धुओं, भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा सहित कुल 11 नेताओं का जिक्र किया गया है 'जिन पर भ्रष्टाचार और अपराध के मामले दर्ज हैं.' इसमें सवाल किया गया है कि क्या प्रधानमंत्री मोदी इन लोगों को उम्मीदवार बनाये जाने पर बोलेंगे?
गौरतलब है कि इस समय कर्नाटक में चुनाव प्रचार चरम पर है. 224 सीटों वाली विधानसभा के चुनाव के लिए 12 मई को वोट डाले जायेंगे और नतीजे 15 मई को आएंगे. कांग्रेस के सामने जहां सत्ता बचाने की चुनौती वहीं बीजेपी कर्नाटक में एक बार फिर से सरकार बनाने की जुगत में है.