Monday, 14 July 2025

All Categories

2149::/cck::

 लंबे समय के इंतजार के बाद अखिरकार 36 इंच के दूल्हे को उसकी जीवन की हमसफर मिल गई.....

::/introtext::
::fulltext::
गोरखपुर। एक लंबे समय के इंतजार के बाद अखिरकार 36 इंच के दूल्हे को उसकी जीवन की हमसफर मिल गई। उत्तर प्रदेश के में गत सोमवार को हुई अनोखी शादी पूरे शहर में चर्चा का विषय रही। शादी के बाद 36 इंच का दूल्हा एवं 34 इंच की एक-दूसरे के हमसफर बने। शादी में आने वाले लोगों में दूल्‍हा-दुल्‍हन के साथ सेल्‍फी खिंचवाने का जुनून भी खूब दिखाई दिया। इस अनोखी शादी में कई ऐसे लोग भी पहुंचे थे, जिनको न तो वर पक्ष से न्‍योता मिला था और न ही वधू पक्ष से लेकिन, सभी के चेहरे पर खुशी साफ झलकती दिखाई दी।
 
गोरखपुर जिले में खजनी क्षेत्र के विशुनपुरा गांव निवासी 42 वर्षीय डॉ. सुनील पाठक जो 36 इंच के हैं और संस्कृत से पीएचडी किए हुए हैं। वह छह भाइयों में तीसरे नंबर के हैं। सभी की शादियां हो चुकी हैं। शिक्षा प्राप्त करने के दौरान भी सहपाठियों द्वारा उन्हें कद छोटा होने पर उपहास का विषय बनाया जाता था। सुनील ने अपने छोटे कद की वजह से धीरे-धीरे शादी की उम्मीद छोड़ दी थी। फिर अचानक एक दिन उसके लिए रानीबाग के प्रज्ञा कालोनी निवासी सारिका मिश्रा (32) का रिश्ता आया जो लगभग उसी के जैसी थी। सुनील ने झट से शादी के लिए हां कर दी। उसने स्नातक तक शिक्षा ग्रहण की है।
 
बेटी सारिका की उम्र बढ़ने के साथ ही उसके विवाह की चिंता भी घरवालों को सताने लगी थी। डॉ. पाठक का रिश्ता सारिका के लिए वरदान सरीखा रहा। दोनों को एक साथ देखकर ऐसा लग रहा था जैसे कि दोनों एक-दूसरे के लिए ही बने हैं।बढ़ती उम्र के चलते डॉ. सुनील ने शादी की उम्‍मीद खो दी थी, लेकिन आखिरकार उसे अपने सपनों की रानी मिल ही गई। दोनों की शादी गत सोमवार को धूमधाम से हुई। दोनों एक-दूसरे के हो गए। इस मौके पर जुटे परिवारीजन और परिचितों ने वर-वधू को आशीर्वाद देकर उनके सुखद वैवाहिक जीवन की मंगल कामना की।
 
वहीं शादी में ऐसे लोग भी जुटे जिन्हें बुलाया नहीं गया था, लेकिन विवाहित जोड़े के साथ सेल्फी लेने वालों की भीड़ जुट गई थी। दुल्हन बनी सारिका इस शादी से काफी खुश है। वहीं शादी से खुश उसके भाई प्रवीण कुमार मिश्र का कहना था कि उन्होंने बहन सारिका के शादी की उम्मीद ही छोड़ चुके थे।
::/fulltext::

2133::/cck::

पीपल के पेड़ के चारों तरफ उल्टी दिशा में धागा बांधकर मन्नत मांगी, ऐसी पत्नियां सात जन्म तो क्या सात सेकंड के लिए भी नहीं चाहिए.....

::/introtext::
::fulltext::

Maharashtra, Aurangabad: महाराष्ट्र की महिलाओं ने वट पूर्णिमा पर जहां अपने पतियों की लंबी आयु के लिए दुआ मांगी वहीं पुरुषों के एक समूह ने पत्नियों से ‘‘छुटकारा ’’ की दुआएं मांगीं.

महाराष्ट्र की महिलाओं ने वट पूर्णिमा पर जहां अपने पतियों की लंबी आयु के लिए दुआ मांगी वहीं पुरुषों के एक समूह ने पत्नियों से ‘‘छुटकारा ’’ की दुआएं मांगीं. बताया जाता है कि ये पुरुष अपनी पत्नियों से पीड़ित हैं. वट सावित्री पूजा के अवसर पर कुछ पुरुषों ने पीपल के पेड़ के चारों तरफ उल्टी दिशा में धागा बांधकर मन्नत मांगी की कि ऐसी पत्नियां सात जन्म तो क्या सात सेकंड के लिए भी नहीं चाहिए.

 वट पूर्णिमा को वट सावित्री के नाम से भी जाना जाता है. यह एक ऐसा पर्व है जहां शादीशुदा महिलाएं बरगद के पेड़ के चारों तरफ धागा बांधकर अगले सात जन्मों तक अपने पति का साथ मांगती हैं. इस दिन हिंदू महिलाएं पूरे दिन उपवास रखती हैं. यह पर्व सावित्री और सत्यवान की कथा पर आधारित है जहां सावित्री ने मृत्यु देवता यम से अपने पति सत्यवान का जीवन ‘‘वापस हासिल’’ कर लिया था.

पत्नी पीड़ित पुरुष संगठन के सदस्यों ने वालुज इलाके में इस पर्व को आज दूसरे तरीके से मनाया. ये पुरुष अपनी पत्नियों से पीड़ित होने का दावा करते हैं. उन्होंने पीपल के पेड़ पर उल्टी दिशा में धागा बांधकर जाप किया, ‘‘अगले सात जन्मों तक ऐसी पत्नी मत देना.’’ संगठन के सदस्य तुषार वाखरे ने कहा, ‘‘हमारी पत्नियां कानूनी प्रावधानाओं का इस्तेमाल कर हमारा उत्पीड़न करती हैं.उन्होंने हमें इतनी दिक्कतें दी हैं कि हम उनके साथ सात सेकंड भी नहीं रहना चाहते, सात जन्म की बात ही छोड़ दीजिए.’’

संगठन के संस्थापक भरत फुलवारे और अन्य सदस्यों ने भादंसं की धारा 498-ए, 354 और घरेलू हिंसा कानून के ‘‘दुरुपयोग’’ को लेकर बैनर दिखाए. एक अन्य सदस्य ने कहा कि उनकी पत्नी ने उनके खिलाफ पुलिस में मामले दर्ज कराए जिस पर उन्हें चार लाख रुपये से ज्यादा खर्च करने पड़े. एक और सदस्य ने कहा कि उन्हें ऐसी पत्नी नहीं चाहिए क्योंकि वह अपना खाना खुद बनाते हैं और सारे घरेलू काम करते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘उसके कारण मेरी नौकरी चली गई. उसका चेहरा देखने के बजाए मैं मरना पसंद करूंगा.’’

::/fulltext::

2042::/cck::

रोज अचार खाने की आदत का आप पर होगा कैसा असर...

::/introtext::
::fulltext::
Highlights
  • भारतीय रसोई में अचार का अपना ही महत्व है
  • अक्सर जब आप रोज-रोज अचार खाते हैं
  • आपको बताते हैं कि रोज अचार खाना कितना सही है और कितना गलत..

भारतीय रसोई में अचार का अपना ही महत्व है. मौसम बदलते ही यहां रसोई में बदल-बदल कर अचार तैयार किए जाते हैं. हर सीजन की चीजों के अनुसार ही रसोई भी उस मौसम में मिलने वाली चीजों की खुशबू से महक उठती है और इस खुशबू और स्वाद को लंबे समय तक अपने पास बनाए रखने की चाह ही इन्हें बदल देती है अचार के रूप में... 

भारतीय रसोईयों में आम, नींबू, गाजर, लहसुन, शलगम, गोभी और भी जाने कितनी तरह के अचार मौजूद होते हैं. लेकिन अक्सर जब आप रोज-रोज अचार खाते हैं तो मां या कोई बड़ा आपका हाथ रोक लेता है ये कहते हुए कि रोज-रोज अचार खाना ठीक नहीं.. आज हम आपको बताते हैं कि रोज अचार खाना कितना सही है और कितना गलत... 

aam ka achaar or mango pickle

पहले नजर ड़ालते हैं इससे मिलने वाले फायदों पर- 

- अचार पाचन को दुरुस्‍त करता है. लेकिन यह अच्छा तब साबित होगा जब यह घर पर बना हुआ हो. 

- घर पर अचार बनाने की प्रक्रिया में इसे नमक डालकर उसे गलाया जाता है. इससे अचार में प्रोबायोटिक बैक्‍टीरिया बनते हैं, जो पाचन के लिए काफी अच्छे होते हैं... 

- अचार वास्तव में मौसमी सब्जियों या कच्चे फलों को संरक्षित करने की प्रक्रिया है. यही वजह है कि इसमें एंटीऑक्‍सीडेंट्स होते हैं. ये कई तरह की एलर्जी से आपको बचा सकता है.

- घर पर बनाए जाने वाले अचार के डिब्‍बों को धूप दिखाई जाती है. जिसके चलते इनमें कई विटामिन और मिनरल होते हैं.

- अचार को ज्यादा दिनों तक ठीक रखने के लिए इसमें सिरके का इस्तेमाल किया जाता है. सिरके में काफी मात्रा में एसिटिक एसिड होता है जो हीमोग्‍लोबिन बढ़ाता है. 

- अचार में विटामिन K के भरपूर होता है. जो ब्लड क्लॉटिंग में मददगार है. यह चोट लगने पर उस घाव को भरने और खून के बहाव को रोकने में मददगार है.

pickles 625

हो सकते हैं नुकसान भी...
- क्योंकि अचार में काफी मात्रा में सोडियम होता है यह कई तरह की समस्याएं पैदा कर सकता है. यह हाइपरटेंशन से परेशान लोगों के लिए ठीक साबित नहीं होता साथ ही ब्‍ल्‍ड प्रेशर के मरीजों के लिए भी अच्‍छा नही है.

- बाजार में मिलने वाले अचार में प्रिजेरवेटिव्‍स होते हैं, जो सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं.

- आचार में बहुत ज्यादा तेल, नमक और सिरके का इस्‍तेमाल होता है. यह सेहत के लिए नुकसानदेय साबित हो सकता है.
कई बार अचार में चीनी का इस्तेमाल भी किया जाता है. यह डायबिटीज के मरीजों के लिए ठीक नहीं.

::/fulltext::

2003::/cck::

70 साल के किसान ने 3 साल तक तोड़ा पहाड़ और बना डाली नहर.....

::/introtext::
::fulltext::

प्रशासन ने इस पहाड़ी इलाके में पानी के लिए कोई इंतजाम नहीं कराया था। अब जरूरी व्यवस्था करने की बात की है।

भुवनेश्वर.ओडिशा में एक किसान ने अपनी मेहनत से गांव के सैकड़ों लोगों की मुश्किलें दूर कर दीं। 70 साल के दैत्री नायक ने तीन साल कड़ी मेहनत करके गांव में एक किलोमीटर लंबी नहर खोद डाली। वो भी तब जबकि ये इलाका बहुत ही पथरीला था। इससे पानी की कमी से जूझ रहे गांव के लोगों को रोजमर्रा के काम और खेती के लिए भरपूर पानी मिल सकेगा।

70 साल के किसान ने 3 साल तक तोड़ा पहाड़ और बना डाली नहर, गांव में पानी लाने की ठानी थी, national news in hindi, national news

- मामला केन्दुझर जिले का है। यहां बांसपाल, तेलकोई और हरिचंदपुर ब्लॉक में सिंचाई के लिए कोई इंतजाम नहीं था। खेती के लिए लोगों को बारिश के पानी पर ही निर्भर रहना पड़ता था। रोजमर्रा के काम के लिए भी वो लोग तलाब के गंदे पानी का इस्तेमाल कर रहे थे।

70 साल के किसान ने 3 साल तक तोड़ा पहाड़ और बना डाली नहर, गांव में पानी लाने की ठानी थी, national news in hindi, national news

- प्रशासन ने इस पहाड़ी इलाके में पानी के लिए कोई इंतजाम नहीं कराया था। ऐसे में बैतरणी गांव के दैत्री नायक ने यहां पानी लाने की ठानी। दैत्री ने बताया, ''मैंने अपने परिवार के साथ नहर बनाने का काम शुरू किया। पानी के इंतजाम के लिए मैंने तीन साल तक पहाड़ों को तोड़ा और खुदाई की। मेरे परिवार वालों ने पत्थर हटाने में मेरी मदद की। नहर खुदने के बाद पिछले महीने गांव में पानी लाया जा सका है।''

70 साल के किसान ने 3 साल तक तोड़ा पहाड़ और बना डाली नहर, गांव में पानी लाने की ठानी थी, national news in hindi, national news

 अब नींद से जागा प्रशासन
केन्दुझर डिवीजन में माइनर इरिगेशन के इंजीनियर सुधाकर बेहरा ने बताया, ''हमें रिपोर्ट्स मिली हैं कि एक शख्स ने कर्नाटक नाला से पानी लाने के लिए नहर खोदी है, ताकि खेती में सुविधा हो सके। हम उस गांव का दौरा करेंगे और वहां सिंचाई की व्यवस्था के लिए जरूरी कदम उठाएंगे।''
::/fulltext::
R.O.NO.13286/4 Advertisement Carousel
R.O.NO.13286/4 Advertisement Carousel

 Divya Chhattisgarh

 

City Office :-  Infront of Raj Talkies, Block - B1, 2nd Floor,

                              Bombey Market, GE Road, Raipur 492001

Address     :-  Block - 03/40 Shankar Nagar, Sarhad colony, Raipur { C.G.} 492007

Contact      :- +91 90099-91052, +91 79873-54738

Email          :- Divyachhattisgarh@gmail.com

Visit Counter

Total893498

Visitor Info

  • IP: 216.73.217.4
  • Browser: Unknown
  • Browser Version:
  • Operating System: Unknown

Who Is Online

1
Online

2025-07-14