Owner/Director : Anita Khare
Contact No. : 9009991052
Sampadak : Shashank Khare
Contact No. : 7987354738
Raipur C.G. 492007
City Office : In Front of Raj Talkies, Block B1, 2nd Floor, Bombey Market GE Road, Raipur C.G. 492001
प्राचीन समय से भारत में बड़ी से बड़ी बीमारी के लिए आयुर्वेद का इलाज किया जाता रहा है। आयुर्वेद में हजारों सालों से कुछ बीमारियों के इलाज के लिए प्राकृतिक औषधियों का इस्तेमाल किया जाता है। पारंपरिक आधुनिक इलाज या एलोपैथी की तुलना में, आयुर्वेदिक इलाज को ज्यादा सुरक्षित माना जाता है।
मिथक 2.: आयुर्वेदिक इलाज प्राचीन मान्यताओं पर आधारित हैं और इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है!
तथ्य: आयुर्वेदिक इलाज प्राचीन ज्ञान और पारंपरिक प्रथाओं में शामिल है, आयुर्वेद के कई पहलुओं का वैज्ञानिकों ने रिसर्च किया है। सभी अध्ययनों में अच्छे परिणाम ही नजर आए हैं।
मिथक 4.: आयुर्वेदिक उपचार पूरी तरह से सुरक्षित हैं और इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है!
तथ्य: आयुर्वेदिक इलाज आम तौर पर प्राकृतिक उपचार का लक्ष्य रखते हैं और साइड इफेक्ट को कम करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं। आयुर्वेदिक उपचारों को सावधानी के साथ करना जरूरी है। इसलिए एक आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह लेना बहुत जरूरी है, जो आपको सही तरह से आयुर्वेदिक दवाइयों का इस्तेमाल करने के बारे में बता सकता है।
अकसर कुछ लोगो का पेट साफ न रहने की वजह से ब्लोटिंग और कब्ज की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसके चलते उनका किसी काम में मन भी नही लगता है और वे काफी चिड़चिड़े स्वभाव के हो जाते हैं. आज हम आपको ऐसे फलों के बारे में जानकारी देने वाले हैं जिनसे बिगड़े पेट की हालत में सुधार आएगा और पाचन तंत्र (digestive system) मजबूत होगा तो आइए जानते हैं उन सुपर फ्रूट्स के बारे में.
पेट की सेहत को दुरुस्त रखने वाले फल
1- अकसर लोगों को पेट साफ ना होने पर पपीता खाने की सलाह दी जाती है. यह पाचन क्रिया को तेज करने के साथ साथ आंतो की गतिविधि को बढ़ा देता है. तो इस फल को आज ही शामिल कर लीजिए डाइट में.
2- वहीं, कीवी में एक्टिनिडाईन एंजाइम पाया जाता है जो डाइजेसटिव एंजाइम को बढ़ावा देता है. इसको खाने से हमेशा पेट चुस्त दुरुस्त रहता है. तो इस लिहाज से ये फल भी बहुत लाभकारी है. इसको भी खाना शुरू कर दीजिए.
3- अमरूद भी खराब हाजमे को ठीक करने का काम बखूबी करता है. इसे लूज मोशन की परेशानी में खाने की सलाह जरूर दी जाती है. तो फल भी पेट के लिए रामबाण है.
4- सेब भी पेट के लिए अच्छा माना जाता है. इससे आपकी स्किन में निखार आता है, साथ ही पेट भी दुरुस्त रहता है. इसके खाने से मलमूत्र के सहारे शरीर में जमा टॉक्सिन बाहर आ जाते हैं आसानी से.
5- पेट के लिए संतरा को भी अच्छा माना जाता है. यह स्किन को भी हेल्दी रखता है. इसको खाने से पेट में गैस और अपच की प्रॉब्लम नहीं होती है. यह पाचन शक्ति को आसान बना देता है.
6- इस लिस्ट में स्ट्रॉबेरी भी शामिल है. अगर आप भी गैस कब्ज और अपच की प्रॉब्लम से परेशान हैं तो स्ट्रॉबेरी खाना शुरू कर दीजिए. इसके सेवन से ये सारी समस्याएं खत्म हो जाएंगी.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.
चाहे आप वजन कम करने की कोशिश कर रहे हों, पाचन में सुधार कर रहे हों या डायबिटीज को कंट्रोल कर रहे हों, पपीता हर डाइट में आपके आसानी से मिल जाता है। पपीता विटामिन ए, सी, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ चीजो के साथ ये फल खाने से आपके सेहत पर गलत असर भी पड़ सकता है। इसलिए आपको पपीता और इसके दुस्प्रभावों के बारे में जानने की जरूरत है।
1. दूध
कुछ लोगों का मानना है कि पपीते के साथ दूध का सेवन करने से पाचन संबंधी परेशानी या पेट खराब हो सकता है। यह विश्वास इस विचार पर आधारित है कि पपीते में एंजाइम पपैन दूध को फटा सकता है। हालांकि, इस दावे का समर्थन करने वाले वैज्ञानिक प्रमाण सीमित हैं।
3. कच्चा केला
कच्चे केले में उच्च मात्रा में स्टार्च होता है, जिसे कुछ लोगों के लिए पचाना मुश्किल हो सकता है। पपीते के साथ हरे केले को खाने से कई लोगों के पेट में सूजन और गैस की समस्या हो सकती है।
अक्सर हम लोगों को कहते हुए सुतने हैं कि खड़े होकर पानी मत पिओ, खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीने से परहेज करों। कभी आपने सोचा है इसके पीछे कारण क्या होगा। दरअसल पानी हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है। ऐसे में अगर आप गलत तरीके से पानी पिएंगे तो इसका असर आपके सेहत पर हो सकता है। ज्यादातर लोग पानी पीते वक्त कुछ ऐसी गलतियां कर देते हैं जिससे उनकी सेहत पर गलत असर पड़ता है।
खड़े होकर न पिएं पानी
अगर आप खड़े होकर पानी पी रहे है तो इससे आपकी पाचन क्रिया खराब हो सकती है और पोषक तत्वों के सही अवशोषण में बाधा आ सकती है। खड़े होकर पानी पीने के स्थान पर आप किसी भी स्थान पर बैठकर एक-एक घूंट में पानी पिएं।
प्यास लगने पर ही पिएं पानी
कई लोग पानी को अपने शेड्यूल के हिसाब से ही पीते हैं, फिर चाहे उन्हें प्यास लगे या न लगे। लेकिन आपको ऐसा करने से बचना चाहिए और प्यास लगने पर ही पानी पीना चाहिए। बिना प्यास महसूस किए पानी पीने से ओवरहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। ऐसे में आप अपने शरीर के संकेतों को सुनें और स्वस्थ संतुलन बनाए रखने के लिए जब जब प्यास लगे तभी पानी पिएं।
गर्मी में अक्सर हम सभी लोग फ्रिज का ठंडा-ठंडा पानी पीना पसंद करते हैं। लेकिन ठंडा पानी आपके पाचन क्रिया को बाधित कर सकती है। इतना ही नहीं आपके मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या भी हो सकती है। आप कमरे के तापमान या गुनगुने पानी का सेवन करने की कोशिश करें।