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कहते है ना "जाकों राखें साईयां, मार सकें ना कोई.. ब्राजील में ही ऐसा चमत्कारी किस्सा सामने आया है जिसमें एक परिवार ने नवजात बच्ची को जिंदा जमीन में दफन कर दिया। पुलिस को अज्ञात सूत्रों से जब इस घटना की खबर मिली, तब वो मौके पर पहुंची। घटना के सात घंटे बाद पुलिस ने जब गड्ढा खुदवाया, तो बच्ची जिंदा मिली। जी हां, सुनकर रोंगटे खड़े हो गए ना लेकिन ये मामला ब्राजील के कैनाराना टाउन का है और यहां के शिन्गू नेशनल पार्क में रहने वाली कामयाउरा जनजाति के एक परिवार से जुड़ा है। इस फैमिली ने अपनी नवजात बच्ची को जिंदा गाड़ दिया था। आइए जानते है इस पूरे मामले के बारे में।
परिवार ने बताई अलग ही काहानी
बच्ची की फैमिली का कहना है कि जन्म के समय बच्ची फर्श पर गिर गई थी और उसका सिर सीधा जमीन पर टकराया था। इसके बाद से वो रिस्पॉन्स नहीं कर रही थी, तो हमें लगा बच्ची मर गई है। वे कहते हैं कि उन्हें लगा कि बच्ची की मौत हो गई जब उसमें कोई भी हलचल नहीं दिखी और अपने रीति-रिवाज के अनुसार दफना दिया। लेकिन पुलिस को उस बच्ची की 15 साल की मां की उम्र को लेकर शंका है। समाज में बदनामी के भय से शायद इस परिवार ने यह कदम उठाया क्योंकि बच्ची के पिता ने उस लड़की और उस बच्ची को पहचानने से इंकार कर दिया था।
50 सेमी गहरे गड्ढे में दफनाया
उन्हें बच्ची 50 सेमी गहरे एक गड्ढे में मिली। बच्ची की 57 साल की नानी को गिरफ्तार किया गया है और उस पर हत्या की कोशिश आरोप लगाया गया है। बच्ची को बचाने वाली पुलिस का कहना है कि हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि ये हत्या का मामला है या फिर असल में उन्हें लगा कि बच्ची की मौत हो चुकी है।
अस्पताल में है बच्ची भर्ती
बच्ची को बचाने के बाद उसे तुरंत हाइपोथर्मिया और श्वसन संबंधी समस्याओं के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसे राज्य सरकार द्वारा देखभाल में लिया गया है। बच्ची की मां और नानी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था लेकिन उन्हें बाद में रिहा कर दिया गया।
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लाई डिटेक्टर टेस्ट पास कर सुर्खियों में आए तथाकथित टाइम ट्रेवलर की एक और बात ने सनसनी मचा दी है। जेम्स ओलिवीयर जो खुद को टाइम ट्रेवलर बताता है, अंतरिक्ष को लेकर चौंकाने वाले खुलासे कर चुका है। उसके वायरल वीडियो के अंत में उसने कहा कि अंतरिक्ष में एक 'सत्ता' है, जो पूरे ब्रह्मांड को चला रही है। इस सत्ता को वो 'फेडरेशन' कहता है। अंतरिक्ष में कई बार इनके बीच तकरार होती है, लेकिन ' फेडरेशन' सबकुछ संभाल लेता है। 'स्टार ट्रैक' की तरह लगती है कहानी...
- अपने दावों के बाद जेम्स सुर्खियों में है। सोशल मीडिया पर उनका वीडियो वायरल होने के बाद कुछ लोग उनकी बात पर भरोसा कर रहे हैं, तो कुछ उन्हें सनकी करार दे रहे हैं। जब उन्होंने ब्रह्मांड की सत्ता की बात की, तो लोगों ने कहा कि ये कहानी साइंस फिक्शन 'स्टार ट्रैक' की तरह लगती है। स्टार ट्रैक 1996 में शुरू हुई एक अमेरिकन टेलीविजन सीरीज थी, जो अंतरिक्ष में युद्ध पर आधारित थी।
ओलिवीयर के चौंकाने वाले दावे
उसका कहना है कि एलियंस का वजूद है। कुछ इंसानों से कम बुद्धिमान हैं तो कुछ बहुत ज्यादा। ओलिवीयर ने ये भी कहा है कि एलियंस और इंसानों की लड़ाई होकर रहेगी। ओलिवीयर ने ये दावा भी किया कि वो जानता है कि धरती के लिए सबसे बड़ा खतरा क्या होगा। उसके मुताबिक ग्लोबल वार्मिंग ही धऱती के लिए सबसे बड़ा खतरा है
बहुत दूर से आया हूं
जेम्स कहता है, मैं सन् 6491 में दूसरे प्लैनेट में रहता हूं। वो सूरज से बहुत ज्यादा दूर है। इसी वजह से हमारे यहां के साल और तुम्हारे यहां के सालों में बहुत अंतर है। सारी बातचीत के बाद लाई डिटेक्टर मशीन ग्रीन सिग्नल देती है, जिसका मतलब ये है कि ये शख्स सही कह रहा है।
ऐसे चर्चा में आया जेम्स
पिछले दिनों सोशल मीडिया पर इस शख्स का वीडियो सामने आया, जिसमें उसने बताया कि वो सन् 6491 में रहता है, लेकिन टाइम ट्रैवल के दौरान 2018 में अटक गया। हैरानी की बात ये है कि इस शख्स ने लाई डिटेक्टर टेस्ट भी पास कर लिया है। यूट्यूब पर पैरानॉर्मल वीडियो डालने वाले चैनल एपेक्स टीवी ने एक वीडियो जारी किया है। इसमें ओलीवियर लाई डिटेक्टर टेस्ट में बैठा नजर आता है।
::/fulltext::पूर्व राष्ट्रपति और कांग्रेस के कद्दावर नेता प्रणब मुखर्जी गुरुवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दीक्षांत समारोह का हिस्सा बन रहे हैं। कांग्रेस नेताओं में इस फैसले को लेकर नाखुशी देखने को मिल रही है। हालांकि, ये कोई पहली बार नहीं हो रहा है। राजनीति में ऐसे मौके कई बार देखने को मिलते हैं, जब नेता कट्टर विरोधी विचारधारा वाले लोगों के भी साथ खड़े दिखे। शायद यही वजह रही कि नरेंद्र मोदी पर भी सरदार वल्लभभाई पटेल की विचारधारा को कांग्रेस से छीनने के आरोप लगे। जबकि पटेल वही लीडर हैं, जिन्होंने कभी संघ पर रोक लगाई थी।सरदार पटेल आजादी के आंदोलन का बड़ा चेहरा थे। इन्होंने देश को एक करने में अहम भूमिका निभाई थी। पर उन्हें आरएसएस की देशभक्ति ठीक नहीं लगती थी। वो संघ के विरोधी तो नहीं थे, लेकिन उसकी हिन्दू राष्ट्र या मुस्लिम विरोधी विचारधारा पटेल को आकर्षित भी नहीं करती थी। कई मौकों पर इसे लेकर उनके विचार भी दुनिया ने देखे थे।
संघ पर प्रतिबंध
महात्मा गांधी की हत्या के बाद तो ये मौका भी आया था कि पटेल ने 4 फरवरी 1948 को आरएसएस पर प्रतिंबध लगा दिया था। उस वक्त वो देश के गृह मंत्री थे। उन्होंने प्रतिबंध लगाते हुए चिट्ठी में कहा था, ''इसमें कोई दो राय नहीं कि आरएसएस ने हिन्दू समाज की सेवा की है। जहां भी समाज को जरूरत महसूस हुई, वहां संघ ने बढ़-चढ़कर सेवा की। ये सच मानने में कोई हर्ज नहीं है। पर इसका एक चेहरा और भी है, जो मुसलमानों से बदला लेने के लिए उन पर हमले करता है। हिन्दुओं की मदद करना एक बात है, लेकिन गरीब, असहाय, महिला और बच्चों पर हमला असहनीय है।''
हत्या में सीधा हाथ होने से किया था इनकार
हालांकि, महात्मा गांधी की हत्या और संघ पर प्रतिबंध लगाए जाने के करीब महीने भर बाद पटेल ने नेहरू को 27 फरवरी, 1948 को एक चिट्ठी लिखी थी। इस चिट्ठी में पटेल ने लिखा कि संघ का गांधी की हत्या में सीधा हाथ तो नहीं है लेकिन ये जरूर है कि गांधी की हत्या का ये लोग जश्न मना रहे थे। पटेल के मुताबिक गांधी की हत्या में हिंदू महासभा के उग्रपंथी गुट का हाथ था।
मुखर्जी को दिया था करारा जवाब
- जनसंघ की स्थापना करने वाले श्यामा प्रसाद मुखर्दी ने जुलाई 1948 में पटेल को एक चिट्ठी लिखी। इसमें आरएसएस से प्रतिबंध हटाने की मांग की गई थी।
- इस पर पटेल ने 18 जुलाई 1948 को जवाब दिया कि महात्मा गांधी की हत्या का मामला कोर्ट में है इसलिए वो इसपर कुछ नहीं कहेंगे। हालांकि, पटेल ने अपने पहले के बयानों का हवाला देते हुए साफ कर दिया कि भले ही गांधी हत्या में संघ का सीधा हाथ नहीं था लेकिन संघ के कारण ऐसा माहौल बना जिससे गांधी की हत्या हुई। पटेल ने आगे लिखा कि संघ की गतिविधियां सरकार और राज्य के अस्तित्व के लिए जोखिम भरी थीं।
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