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मुंबई 21 जून 2018. पनामा पेपर्स के पहले लीक में कई भारतीय कारोबारियों के टैक्स हैवन देशों में कंपनी बनाकर धन छुपाने की बात सामने आई थी, जिसका ज्यादातर कारोबारियों ने खंडन किया था. लेकिन अब नए लीक हुए दस्तावेजों से पुराने लगे आरोप पुख्ता हो रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार, टैक्स हैवन देशों की कंपनी से ताल्लुक रखने वाले अन्य भारतीय दिग्गजो में सुपरस्टार अमिताभ बच्चन भी शामिल है. दो साल पहले लीक हुए पेपर्स में अमिताभ बच्चन का नाम तीन कंपनियों लेडी शिपिंग, ट्रेजर शिपिंग और सी बल्क शिपिंग से जोड़ा गया था, लेकिन तब उन्होंने इन कंपनियों या टैक्स हैवन देश में जुड़ाव से इंकार करते हुए आरोपों का पहले भी खंडन किया है। पेपर्स खुलासे से एक दिन पहले भी अमिताभ ने ब्लॉग लिखकर बताया था कि पनामा पेपर्स के वक्त मेरा नाम आया था और मुझसे स्पष्टीकरण मांगा गया था। अमिताभ ने कहा वो हमेशा जिम्मेदार नागरिक रहे हैं और जो भी जांच होती है उसमें मैं हमेशा सहयोग करता हूं आगे भी करता रहूंगा।
इस दफा लीक हुए दस्तावेजों की संख्या भले ही कम हो। लेकिन जो नाम सामने आए है उसले उद्योग जगत की साख खतरे में है। कुछ ऐसे नाम हैं जिनपर यकीन कर पाना मुश्किल है, हालांकि लीक हुए दस्तावेजों को एकबारगी सच पाने से यकीन न करने की कोई पुख्ता कारण भी नहीं है। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक पनामा पेपर्स में पीवीआर सिनेमा के मालिक, एयरटेल के प्रमुख सुनील मित्तल के बेटे केविन मित्तल, शिव विक्रम खेमका-सन ग्रुप के प्रमुख नंदलाल खेमका के बेटे, सुपरस्टार एक्टर अमिताभ बच्चन, जहांगीर सोराबजी-पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी के बेटे, केपी सिंह-डीएलएफ समूह के प्रमुख, अनुराग केजरीवाल- लोकसत्ता पार्टी के पूर्व नेता, नवीन मेहरा- मेहरासन्स ज्यूलर्स के मालिक, हाजरा इकबाल मेमन- अंडरवर्ल्ड डॉन इकबाल मिर्ची की पत्नी का नाम सामने आया है.
पनामा पेपर में मिली जानकारी के मुताबिक पीवीआर सिनेमा के मालिक बिजली परिवार शामिल है। 2016 में भी पनामा पेपर्स से ही जानकारी मिली थी जिसके मुताबिक बिजली परिवार की दो ऑफशोर कंपनियों के नाम भी सामने आए थे। इसके साथ ही एयरटेल के मालिक सुनील भारती मित्तल के बेटे केविन भारती मित्तल की कंपनी भी शामिल थी। बता दें कि केविन मित्तल हाइक मैसेंजर के कर्ताधर्ता हैं। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक नए लीक की साइज 443 जीबी है। इस दफा करीब 1.2 मिलियन फाइल लीक हुई हैं। 2016 में पनामा पेपर लीक से जो जानकारियां मिलीं उसके बाद वैश्विक स्तर पर खलबली मच गई थी। ऐसे कई लोगों के नाम उन दस्तावेजों पर अंकित थे जिसपर विश्वास करना मुश्किल था।
भारत में 426 लोगों के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियां जांच में जुटी हुई हैं। अब तक भारत में 58 से अधिक जांच और संपत्ति जब्ती की कार्रवाई हुई है। भारत की अलग अलग अदालतों में 15 से ज्यादा मामले दर्ज भी किये गये है। 2016 में करीब 11.5 मिलियन दस्तावेज लीक हुए थे। 12 लाख से ज्यादा लीक हुए पेपर्स में करीब 12 हजार भारतीयों की कुंडली खंगालने की कोशिश की गई। 2016 में इंडियन एक्सप्रेस और अंतरराष्ट्रीय खोजी पत्रकारों के संगठन आईसीजे मे पनामा पेपर्स को खंगाला जिसमें रूस के राष्ट्रपति पुतिन, पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ और भारतीय अभिनेता अमिताभ बच्चन के साथ कई राजनीतिक हस्तियां भी शामिल थीं।
::/fulltext::रायपुर.पीडब्लूडी मंत्री राजेश मूणत की कथित सीडी के मामले फंसे लवली खनूजा की पूरे मामले में अहम भूमिका सामने आ रही है। सीबीआई की जांच में ऐसे क्लू मिले है कि पोर्न साइट से जिस अश्लील फिल्म की क्लिपिंग निकालकर उसमें मंत्री का चेहरा लगाया गया,उसकी ओरिजिनिल क्लिपिंग लवली खनूजा के पास थी। सीडी वायरल होने के बाद जब बवाल मचा, तब अगले दिन खनूजा ने ही असली क्लिपिंग उजागर कर दी लेकिन दावा यह किया गया कि असली क्लिपिंग उसी ने ढूंढी थी।
कारोबारी खनूजा को असली क्लिपिंग कहां से मिली थी, अब तक नहीं हो पाया स्पष्ट
- सीडी की टेंपरिंग करने के मामले में सीबीआई के शक के दायरे में आने वाले संदेही अब एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। सीडी कांड के अलावा उनके पुराने मामलों की जानकारी सीबीआई को दी जा रही है। संदेहियों के बयान से ही सीबीआई को कई अहम जानकारियां मिल रही हैं।
- उनके बयान के आधार पर पुष्टि के लिए तकनीकी जांच करवायी जा रही है। उसमें उनके बयानों की पुष्टि हो रही है। सूत्रों के अनुसार 27 अक्टूबर की सुबह जब मंत्री की कथित अश्लील वीडियो क्लिपिंग वायरल हुई तो प्रदेश की राजनीति में खलबली मच गई।
- सभी वायरल हुए अश्लील वीडियो को ही असली मान रहे थे। उसे लेकर राजनीति भी शुरू हो गई। सीडी वायरल होने के कुछ घंटे पहले पुलिस दिल्ली में पत्रकार विनोद वर्मा को सीडी के साथ गिरफ्तार कर चुकी थी।
- इससे मामला और गरमा गया था, लेकिन सीडी उजागर होने के 24 घंटे के भीतर सीडी का सच सामने आ गया। उसके बाद लगभग ये स्पष्ट हो गया कि पोर्न साइट से फिल्म निकालकर उसकी तीन क्लिपिंग में चेहरा बदला गया है।
- उस समय अचानक असली सीडी सामने आने से सब भौंचक्क थे। अब ये खुलासा हो रहा है कि असली सीडी लवली खनूजा ने उपलब्ध कराई थी। हालांकि अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कारोबारी खनूजा को असली क्लिपिंग कहां से मिली थी। उसने इसकी जानकारी सीबीआई काे दे दी है।
दो संदेहियों ने सरकारी गवाह बनने की इच्छा जताई
- सीबीआई के सामने दो संदेहियों ने सरकारी गवाह बनाने की पेशकश की है। उनकी पेशकश पर अब तक सीबीआई ने कोई जवाब नहीं दिया है। भाजपा नेता कैलाश मुरारका भी सरकारी गवाह बनने की पेशकश कर चुके हैं।
- ऐसी चर्चा है कि उन्हें सीबीआई सरकारी गवाह बनाने से इनकार कर दिया हैं। सूत्रों के अनुसार सीबीआई किसी एक को सरकारी गवाह बना सकती है ताकि मामले में बाकी आरोपियों पर सख्त कार्रवाई हो सके।
- चर्चा है कि सीबीआई ने रिंकू से राज उगलवाने के लिए सरकारी गवाह बनने का ऑफर दिया था। वह पूरे मामले में मुख्य कड़ी था, लेकिन उसके खुदकुशी करने से कई राज दफ्न हो गए।
पंडरी में दर्ज केस में बदलेगी धारा
- सीबीआई पुलिस द्वारा दर्ज धाराओं के तहत ही आरोपियों की गिरफ्तारी करेगी, हालांकि कोर्ट में इसमें से कुछ धाराएं बदल जाएगी। पुलिस ने भाजपा नेता प्रकाश बजाज की शिकायत पर धारा 384 और 506 के तहत केस दर्ज किया था, लेकिन जांच में धारा 506 का अपराध नहीं पाया गया है।
- उसकी जगह धारा 507 यानी फोन पर धमकी देने का केस दर्ज होगा। रायपुर पुलिस ने पत्रकार विनोद वर्मा की गिरफ्तारी के लिए दिल्ली में तीन और धारा बढ़ाई थी। जांच के बाद साजिश रचने के लिए धारा 120बी, अश्लील सामाग्री रखने के लिए 252 और 66 आईटी एक्ट का केस दर्ज किया था।
- इसी धाराओं के तहत सीडी की टेंपरिंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उनकी गिरफ्तारी भी इसी के तहत होगी। सीबीआई की आगे की कार्रवाई दिल्ली में तय होगी। वहां वरिष्ठ अफसरों से कार्रवाई को लेकर चर्चा किया जाए रहा है।
संदेहियों को दिखाया गया वीडियो फुटेज
- सीबीआई ने पूछताछ के दौरान चार संदेहियों का पहले अलग-अलग बयान लिया। उसके बाद सभी को आमने-सामने कराया गया। इस दौरान उन्हें होटल, एयरपोर्ट और दुकानों से जब्त कुछ वीडियो फुटेज दिखाए गए। उन्हें कॉल डिटेल की मोटी फाइल भी दिखाई, ताकि संदेही सीबीआई को गुमराह न कर सके।
खनूजा के फोन का लोकेशन दुकान पर ही
- पुलिस ने रिंकू के 4 जून के मोबाइल लोकेशन निकाल लिया है। कारोबारी सुबह 8:15 घर से कछुआ देने के लिए घर से निकला था। उसने 8:42 को अपने फैमिली ग्रुप में एक मैसेज डाला। उसके बाद से वह गायब हो गया। उसका मोबाइल का लोकेशन दुकान ही दिखा रहा है।
- पुलिस को शक है कि उसने दिन में ही खुदकुशी कर ली थी। साइबर एक्सपर्ट उसके मोबाइल को खंगाल रहे है। जांच के दौरान पुलिस को उसके हैंडसेट में एक सिम मिला है, जिसका नंबर उसके परिजनों के पास नहीं था। उसने उस नंबर से कुछ ही लोगों से संपर्क किया है। चर्चा है सीडी कांड के खुलासे के बाद उसने नया नंबर खरीदा था। इसमें सीडी कांड से जुड़े लोगों से वह बातचीत करता था। पुलिस उस नंबर का कॉल डिटेल खंगाल रही है।
::/fulltext::रायगढ़.शहर की दवा दुकान से सैंपल लेकर जांच कराने पर एबॉट हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की एंटी डायरियल फ्लेजिल टेबलेट घटिया क्वालिटी की मिली। इसके बाद प्रदेश के सभी जगहों से दवा वापस बुलाई गई है। कंपनी को पत्र लिखकर देशभर के थोक विक्रेता और दवा दुकानों से यह दवा रिकॉल करने के लिए कहा गया है। रायपुर की सरकारी लैब में FLA7050 बैच नंबर की दवा को अमानक पाए जाने के बाद इसकी बिक्री रोकी गई है। पत्र मिलते ही कंपनी सकते में आ गई, कंपनी के क्वालिटी कंट्रोलर और बड़े अफसर रायगढ़ पहुंचे। उन्होंने प्राइवेट लैब की रिपोर्ट सौंपकर इस बैच नंबर की दवा को सही बताया लेकिन खाद्य व औषधि प्रशासन विभाग ने सरकारी लैब से जांच कराने के लिए कहा है।
- ड्रग इंस्पेक्टर अमित राठौर ने बताया कि उन्होंने दिसंबर 2017 में गांधी चौक स्थित प्रगति इंटरप्राइजेस से फ्लेजिल-400 टेबलेट के सैंपल लिए थे। सैंपल को रायपुर कालीबाड़ी चौक स्थित लैब में जांच के लिए भेजा।
- लैब ने जांच के बाद 28 फरवरी 2018 को रिपोर्ट रायगढ़ भेजी। जिस टैबलेट का सैंपल भेजा गया वह टूटी हुई थी, इसकी गुणवत्ता खराब होने की शंका जताई गई थी। डीआई ने इसे गंभीरता से लेते हुए तत्काल दवा विक्रेता को नोटिस जारी कर खरीदे गए व बेचे गए दुकानों के नाम पूछे और दवा वापस मंगाने के निर्देश दिए गए। जांच में पता चला कि प्रगति इंटरप्राइजेस को टेबलेट रायपुर एबॉट के डिपो से ही भेजी गई थी।
- यहां से रायगढ़ के 15 रिटेल काउंटरों को बेची गई थी। डीआई ने रायपुर ड्रग विभाग को पत्र लिखा, जिसके बाद पूरे प्रदेश से यह दवा वापस मंगा ली गई। मामले में छत्तीसगढ़ डिप्टी ड्रग कंट्रोलर ने कंपनी और ड्रग कंट्रोलर आफ इंडिया को पत्र लिख कर टेबलेट की पूरी बैच पर प्रतिबंध लगाने के लिए कहा।
एमडी निजी लैब की रिपोर्ट लेकर आए थे रायगढ़
- डीआई अमित राठौर ने बताया कि कंपनी की दवा पूरे छत्तीसगढ़ से वापस मंगाने के बाद 5 अप्रैल को कंपनी के एमडी रंजीत वर्मा हिमाचल प्रदेश से अपने क्वालिटी कंट्रोलर के साथ रायगढ़ डीआई ऑफिस आए थे। यहां उन्होंने निजी लैब रिपोर्ट दिखा कर दवा को सही बताया, चूंकि शासन निजी लैब रिपोर्ट की रिपोर्ट को मान्य नहीं करता इसलिए उनकी कोई सुनवाई नहीं हो सकी।
कंपनी ने देशभर से मंगाई दवा की खेप
- छत्तीसगढ़ में कार्रवाई के बाद बाजार में अपनी विश्वसनीयता बनाए रखने कंपनी ने देश के दूसरे प्रदेशों से भी दवा की खेप वापस मंगा ली है। इस बात की जानकारी कंपनी के एमडी ने रायगढ़ डीआई को दी है। दरअसल यह देश की नामचीन फार्मा कंपनियों में से एक है, ऐसे में गुणवत्ता पर सवाल उठते ही कंपनी ने यह निर्णय लिया है।