Owner/Director : Anita Khare
Contact No. : 9009991052
Sampadak : Shashank Khare
Contact No. : 7987354738
Raipur C.G. 492007
City Office : In Front of Raj Talkies, Block B1, 2nd Floor, Bombey Market GE Road, Raipur C.G. 492001
एसेंशियल ऑयल आपके मूड को फ्रेस करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लोग अपने ऑफिस, घर, बेडरूम को खुशबू से महकाने के लिए एसेंशियल ऑयल यूज किया जाता है। आज कल लोग इसे गिफ्ट देने या होम पार्टी में अपने मेहमानों के सामने इम्प्रेशन डालने में भी मदद करता है। कई लोग अपना स्ट्रेस कम करने के लिए भी इसका इस्तेमाल करते हैं। इस कारण ये महिलाओं के लिए भी काफी लाभकारी है। एसेंशियल ऑयल फूल और पौधों से मिलता है, जिस कारण इसे काफी प्रभावी माना जाता है। ब्यूटी बेनिफिट्स से लेकर कई चीजों में एसेंशियल ऑयल मददगार है। ऐसे में पीरियड क्रैम्पस और मूड स्विंग में भी एसेंशियम ऑयल आपके लिए लाभकारी है। आइए जानते हैं कौन से एसेंशियल ऑयल महिलाओं के पीरियड्स में मददगार है, और इन्हें यूज करने का सही तरीका क्या है।
पुदीना आपके दिल और दिमाग को शांत करने का काम करता है। पुदीने का तेल नेचुरल पावर को तो बढ़ाता ही है, साथ ही आपकी मांसपेशियों को भी रिलेक्स करने में असरदार है। पुदीने का एसेंशियल ऑयल आपके मूड स्विंग पर भी कंट्रोल करता है।
रोज एसेंशियल ऑयल
गुलाब का फूल देखते ही खुद ही हमारा दिल खुश हो जाता है। इसकी खूबसूरत खुशबू के अलावा, गुलाब का तेल भी आपके स्किन और मूड को फ्रेस करने में फायदेमंद है। इसे अपने रूम में रखने से आपको काफी अच्छा फील होता है। पीरियड के दौरान होने वाले इरिटेशन से भी आपके मन को सुकून मिलता है।
तुलसी एसेंशियल ऑयल
तुलसी एसेंशियल ऑयल कई गुणों से भरपूर होता है। तुलसी एसेंशियल ऑयल आपकी थकावट को कम करने और आपके तनाव को कम करने का काम करता है। माइग्रेन की समस्या से भी राहत दिलाने में ये ऑयल काफी फायदेमंद है। पीरियड्स क्रैम्प्स से राहत दिलाने में भी तुलसी एसेंशियल ऑयल आपके लिए लाभकारी है।
टी ट्री एसेंशियल ऑयल स्किनकेयर के लिए काफी यूजफूल है। यह ऑयल आपके एलर्जी और सांस से जुड़ी समस्या से भी छुटकारा दिलाने में कारगर है।
आपके मूड को फ्रेस करने के लिए एसेंशियल ऑयल बहुत जरूरी है। लैवेंडर ऑयस आपके स्किन पर सूजन को कम करने के साथ स्किन को रिलेक्स करने में भी मददगार है। पीरियड्स में होने वाले मूड स्विग्स, फंगल इंफेक्शन और पेट में होने वाली ऐठन के इलाज में भी कारगर है।
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के अंदर कई तरह के बदलाव आते हैं। प्रेग्नेंसी के समय हर्मोन्स चेंज होने के कारण महिलाओं में अलग-अलग तरह की फूड क्रेविंग्स भी होती है। कई महिलाओं को मीठा खाने का मन होता है, तो कुछ महिलाओं को बहुत तीखा खाने का मन करता है। लेकिन प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ भी खाने से पहले महिलाओं को अपने हेल्थ का बहुत ध्यान रखना पड़ता है। प्रेग्नेंसी के दौरान आपकी डाइट गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास पर असर डालती है। अक्सर गर्भवती महिलाएं गन्ने के जूस को पीने को लेकर कंफ्यूज रहती हैं। डॉक्टर्स के मुताबिक प्रेग्नेंसी में गन्ने का गूस आपके हेल्थ के लिए फायदेमंद होता है। मीठे को लेकर आपकी क्रेविंग को खत्म करने के साथ आपके हेल्थ का भी ध्यान रखता है। गन्ने में विटामिंस, सॉल्युबल फाइबर, आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम और फाइटोन्यूट्रिएंट्स के गुणों से भरपूर होता है। प्रेग्नेंसी में गन्ने का जूस पीने के क्या फायदे हैं, आइए जानते हैं...
1. एनर्जी बूस्टर
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं में एनर्जी काफी कम हो जाती है। ऐसे में गन्ने का जूस आपके लिए बेस्ट एनर्जी बूस्टर का काम करता है। प्रेग्नेंट महिलाओं को हाइड्रेट करने में भी गन्ने का जूस काफी फायदेमंद है। अगर आपको लो फिल हो रह हो, तो आप बस एक गिलास ताजे गन्ने का जूस पीकर खुद को बूस्ट कर सकती हैं।
2. इम्यून सिस्टम को बनाए स्ट्रॉन्ग
एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर गन्ने का जूस प्रेग्नेंसी में सर्दी, इन्फेक्शन और फ्लू जैसी समस्याओं से आपको बचाकर रखता है। गन्ने का जूस प्रेग्नेंट महिलाओं के लिवर को स्ट्रॉन्ग बनाने में मदद करता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं में कब्ज की समस्या काफी ज्यादा बढ़ जाती है। इस दौरान अधिकतर महिलाएं कॉन्स्टिपेशन और इनडाइजेशन की समस्या से परेशान रहती है। गन्ने का जूस पीने से महिलाओं को कब्ज से राहत मिलती है। प्रेग्नेंसी के समय पेट में होने वाले इंफेक्शन को भी दूर करने में गन्ने का रास काफी कारगर साबित हुआ है। गन्ने का जूस आपके पेट की समस्याओं को दूर कर उसे सही रखने में मदद करता है।
1. डायबिटीज पेशेंट के लिए हानिकारक
डायबिटीज पेशेंट के लिए गन्ने का रस काफी हानिकारक होता है। ऐसे में जो महिलाएं डायबिटीज की समस्या से जूझ रही हो, उन्हें गन्ने का रस पीने से पहले अपने डॉक्टर से एक बार सलाह जरूर लेनी चाहिए। लेकिन अगर हो सकें, तो गन्ने के रस का सेवन करने से बचना चाहिए।
2. ओवर लिमिट से बचें
प्रेग्नेंसी में गन्ने का जूस पीना सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। लेकिन अगर आप अधिक मात्रा में इसका सेवन करते हैं, तो ये आपके हेल्थ के लिए भी नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए प्रेग्नेंसी में आप गन्ने के रस का सेवन एक लिमिट में करने की कोशिश करें।
मेनोपॉज किसी महिला का वो समय होता है जब उसे एक उम्र के बाद मासिक धर्म नहीं आता है। महिलाओं को 50 साल की आसपास की उम्र में मासिक धर्म आना बंद हो जाता है। कुछ महिलाओं को मेनोपॉज होने के बाद भी ब्लीडिंग होने लगती है। इस कंडीशन को पोस्टमेनोपॉज़ल ब्लीडिंग कहा जाता है। इस स्थिति के कई कारण हो सकते हैं। साथ ही पोस्टमेनोपॉज़ल ब्लीडिंग की वजह से महिलाओं को कई तरह की बीमारियां भी घेरने लगती हैं, जिसमें एंडोमेट्रियल कैंसर भी शामिल है।
पोस्टमेनोपॉज़ल रक्तस्राव 55 से अधिक महिलाओं में से लगभग 10% में होता है।
स्मार्टफोन आपके लाइफ का एक बड़ा हिस्सा बन चुका है। इसके फायदे भी हैं और नुकसान भी काफी हैं। स्मार्टफोन से कई नई तरह तरह की बीमारियां भी पैदा हो रही हैं, विशेष रूप से मेंटल हेल्थ को लेकर। स्मार्टफोन ने एक तरफ दूनियों को कम किया हैं वहीं दूसरी तरफ करीबी लोगों में दूरियां बढ़ा दी हैं। चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो के एक नए स्टडी से पता चलता है 88 फीसदी मैरिड इंडियन कपल्स को लगता है कि स्मार्टफोन का अत्यधिक उपयोग उनके रिश्ते को खराब कर रहा है।
88 फीसदी यूजर्स अपने खाली समय को अपने स्मार्टफोन पर बिताते हैं। 89 प्रतिशत को खाली समय मिलते ही उनको मोबाइल यूज करने की इच्छा होती है।
स्मार्टफोन की लत आपस की बातचीत में बन रही रुकावट