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How To Prevent Pregnancy: अगर आप फैमिली प्लानिंग कर रही हैं तो अनचाही प्रेगनेंसी से बचने के लिए सेक्स करने से पहले कॉन्ट्रासेप्टिव या बर्थ कंट्रोल का इस्तेमाल जरुर करती होंगी, जैसे पिल्स या कंडोम। लेकिन कई बार होता है कि कुछ कारणवश प्रोटेक्शन या कॉन्ट्रासेप्टिव बर्थ कंट्रोल का इस्तेमाल करना भूल जाते हैं।
इस मेथड में पुरुष साथी को इस बात का खास ख्याल रखना पड़ता है कि वो सेक्स के दौरानयोनि के आसपास एजैक्यूलेट न करें। इसके लिए थोड़ी प्रैक्टिस की ज़रूरत होती है। लेकिन इस तरीके में रिस्क रहता है शुक्राणु प्रीएजैक्यूलेशन के साथ योनि में प्रवेश कर सकता है। इसलिए इस तरीके को अपनाने से पहले सोच लें। इसे अन्य गर्भनिरोधक तरीकों के साथ करना प्रेगनेंसी की सिचुएशन को टालता है।
अगर प्रोटेक्शन का इस्तेमाल नहीं कर रही हैं, तो अनचाही प्रेगनेंसी से खुद को सेफ रखने के लिए ओव्यूलेशन के दिनों में सेक्स करने से बचें, जो आमतौर पर पीरियड से दो सप्ताह पहले का होता है। इसके लिए ओवुलेशन को ट्रैक करने के लिए फर्टिलिटी एप्स की मदद ले सकती हैं। अगर आप ओवुलेशन को ट्रैक करने में विफल रही तो प्रेगनेंसी होने की संभावना बढ़ जाती है।
एक बार पीरियड खत्म हो जाने पर, आप अपने शरीर के तापमान को ट्रैक करना शुरू कर सकती हैं। जब ओव्यूलेशन शुरू होता है, तो तापमान बढ़ना शुरू हो जाता है और ओव्यूलेशन के दिन में चरम पर होता है। यदि आप इस पीरियड के दौरान सेक्स से बचती हैं, तो आप गर्भधारण से बच सकती हैं। और जहां तक हो सके इस दौरान प्रोटेक्शन जरुर यूज करें।
पपीता
अगर आपने असुरक्षित सेक्स किया है, तो अगले 3 से 4 दिनों तक दिन में दो बार पपीता खाएं। पपीता निषेचन को रोकता है और ये नेचुरल बर्थ कंट्रोल की तरह काम करता है।
अदरक
अदरक की तासीर गर्म होती है। यह पीरियड को जल्दी लाने के साथ ही प्रेगनेंसी को भी टालता है। बस उबलते पानी में कद्दूकस किया हुआ अदरक डालें। 5 मिनट के बाद मिश्रण को छान लें और पिएं। अदरक की चाय आपको या आपके शरीर को किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाएगी और न ही इसका कोई साइड इफेक्ट है।
अनानास
अनानास में मौजूद गुण सेक्स के बाद गर्भधारण से बचाता है। असुरक्षित सेक्स करने के बाद 2-3 दिनों तक रोजाना एक पका हुआ अनानास खाने से गर्भधारण से बचने में मदद मिल सकती है
नेचुरल बर्थ कंट्रोल के फायदे और नुकसान
फायदे:
- नेचुरल बर्थ कंट्रोल के ज्यादातर तरीके फ्री होते है।
- नेचुरल बर्थ कंट्रोल के तरीके अपनाने से किसी तरह का हार्मोनल डिस्डर्ब नहीं होता है।
- इस तरीकों को अपनाने से जन्म नियंत्रण उपकरणों या नुस्खे के लिए डॉक्टर की जरूरत नहीं पड़ती है।
नेचुरल बर्थ कंट्रोल से कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है जो लोग हार्मोनल गर्भनिरोधक के साथ अनुभव कर सकते हैं, जैसे मूड स्विंग, वजन बढ़ना, सिरदर्द और मतली.
नुकसान
- प्राकृतिक जन्म नियंत्रण में 23% तक विफलता दर हो सकती है।
-नेचुरल बर्थ कंट्रोल यौन संचारित संक्रमणों (एसटीआई) से रक्षा नहीं कर सकता है.
- लोगों को या तो यौन संबंध से दूर रहना होगा या अपनी ओवुलेशन विंडो के दौरान किसी अन्य प्रकार के बर्थ कंट्रोल का उपयोग करना होगा.
मेनोपॉज के दौरान महिलाओं में फूड क्रेविंग होने का क्या कारण है?
मैनोपॉज ट्रांजिटिशन हार्मोन के कारण होने वाली स्थिति है। पेरिमनोपॉज़ल पीरियड के दौरान, आपके हार्मोन में उतार-चढ़ाव हो सकता है और आपको भूख लग सकती है। दरअसल एक रिसर्च में ये बात सामने आई कि आपके दिमाग में पीरियडस को कंट्रोल करने वाले मुख्य हार्मोन एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के लिए रिसेप्टर्स होते हैं।
- खाने की इस क्रेविंग को लेकर किसी तरह का स्ट्रेस ना लें। इससे समस्या और बढ़ सकती है। इसलिए, मेडिटेशन को अपने डेली शेडयूल में शामिल करें।
- खाने का रेगुलर पैटर्न फॉलो करें, इससे आपको ट्रेक पर बने रहने में मदद मिलेगी।
- खाने में फाइबर वाली चीजें जैसे दाल, पत्तेदार साग, अजवाइन और दलिया शामिल करें।
- अपनी डाइट में प्रोटीन और डेयरी प्रोडक्टस आवश्यक रूप से शामिल करें।
- जितना हो सकें बॉडी को हाइड्रेट रखें। जिसके लिए भरपूर पानी पीए। दरअसल, हाइड्रेटेड रहने से खाने की लालसा को कम करने में मदद मिल सकती है।
- अनहेल्दी स्नैक्स खाने के बजाय हेल्दी स्नैक्स खाए, इससे बॉडी को अंदरूनी मजबूत मिलेगी।
- च्यूइंग गम खाए, इससे आपको भूख का एहसास कम होगा।
शादी के बाद अक्सर देखा जाता है कि लड़कियां मोटी होने लग जाती हैं, लोग यही कहते हैं कि ससुराल में बहुत प्यार मिल रहा है, जिसकी वजह से लड़की खुशी के कारण मोटी हो रही है। लेकिन असली वजह कुछ और ही होती है, शादी के बाद लड़कियां अपने ऊपर उतना ध्यान नहीं दे पा रही होती हैं, जितना वो शादी से पहले देती थी।
उनका खान-पान,लाइफस्टाइल सब बदल जाता है। उनके सोने और उठने की स्लीप साइकिल भी बदल जाती है। साथी ही वो जिस तरह से वर्कआउट करती थी वो अब नहीं हो पा रहा होता है। लेकिन शादी के बाद लड़कियों को अपने ऊपर ध्यान देने की काफी जरूरत होती है। अगर वो अपना ध्यान नहीं रखेगी तो उनको कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में यहां बताए जा रहे तरीकों को फॉलो करते हुए अपनी फिटनेस पर जरूर ध्यान दें।
अपनी स्लीप साइकिल सेट करे
ये काफी अहम है कि शादी के बाद अक्सर लड़कियों की नींद खराब हो जाती है। सोने और उठने के वक्त में बदलाव आ जाता है। ऐसे में आपको अपनी स्लीप साइकिल को सही करना होगा। वर्ना आपको नींद ना आने की समस्या के साथ ही और भी कई तरह की प्रॉब्लम्स हो सकती है।
अपने खान-पान का रूटीन सही करें
शादी के बाद भले ही आपके घर वाले सुबह 10 बजे नाश्ता करते हों, लेकिन अगर आपकी सुबह 8 बजे नाश्ता करने की आदत से उसे वैसे ही रखें। आप जल्दी उठकर अपने लिए हेल्दी नाश्ता बना लें। किसी की इंतजार ना करें। साथ ही वक्त पर खाना जरूर खाएं। अक्सर होता है कि घर के कामों के चक्कर में आप टाइम पर लंच और डिनर नहीं कर पाती है। खाने का रूटीन सेट करें।
वर्कआउट जरूर करें
शादी से आपका वर्कआउट को लेकर जो प्लान था वो शादी के बाद भी जारी रखें। अगर आप जिम नहीं जा पा रही हैं तो घर में ही वर्कआउट करना शुरू करें और अपनी फिटनेस का ध्यान रखें।
Lust Stories 2: नेटफिलिक्स पर जल्द ही 'लस्ट स्टोरी 2' रिलीज होने वाली है। फिल्म रिलीज होने से पहले एक इंटरव्यू के दौरान एक्ट्रेस काजोल ने फिमेल प्लेजर को लेकर बेबाकी से अपनी राय रखते हुए कहा कि इसे नॉर्मल समझना चाहिए जैसे हमारे समाज में खाने-पीने की चीज को नार्मल समझा जाता है।
उन्होंने कहा कि पुराने समय से ही हम इन चीजों के बारे में खुले थे। हमारे ग्रंथों में, किताबों में इन चीजों के बारे में खुलकर लिखा गया है, ये हमारी शिक्षा का भी अहम हिस्सा है लेकिन कुछ दशकों से हमने इसे अपने से दूर रख दिया है। हमें इसे सामान्य करने की जरूरत है क्योंकि ये हमारे जीवन का जरूरी हिस्सा है। बिल्कुल वैसे ही जैसे हम खाना-पीना खाते है। खाना-पीना एक सामान्य प्रक्रिया है, वैसे ही ये भी बिल्कुल सामान्य है। इन मुद्दों पर बात करने के लिए हमें लोगों को प्रेरित करना चाहिए, बचना नहीं चाहिए।
हमारे यहां पीरियड, सेक्स और ऑर्गेज्म को लेकर आज भी खुलकर बात नहीं की जाती है। इसके पीछे कई वजह शामिल है, जैसे सेक्स एजुकेशन की कमी और संकीर्ण मानसिकता। आज भी कई महिलाओं को ऑगेज्म या प्लेजर जैसी चीज का कोई ज्ञान नहीं है।
- महिलाएं एक इंटरकोर्स के दौरान कई बार ऑर्गेज्म तक पहुंच सकती हैं।
- इसके बाद भी ज्यादातर महिलाओं को ऑर्गेज्म की कोई जानकारी नहीं
- लगभग 70% महिलाएं सेक्स के दौरान क्लाइमेक्स तक नहीं पहुंच पाती हैं। ऐसे में अपने साथी को खुश करने के लिए वे ऑर्गेज्म का दिखावा करती हैं।
- क्लिटोरल स्टिमुलेशन ऑर्गेज्म में सबसे प्रचलित स्टेज है, इसके लिए महिला को क्लाइमेक्स तक पहुंचने के लिए वुमन ऑन टॉप पॉजिशन
- ये भी एक साइंटिफिक फैक्ट है कि महिलाओं को ऑर्गेज्म ज्यादा देर से होता है और पुरुषों को ये जल्दी हो सकता है। पुरुषों के लिए ये 5-7 मिनट ही होता है और महिलाओं के लिए ये समय 13.41 मिनट तक का समय ले सकता है।
- रिपोर्ट्स के अनुसार, बढ़ती उम्र में महिलाओं को ऑर्गेज्म मिलने में आसानी और जल्दी होती है, जो कि कम उम्र में उतनी जल्दी नहीं मिलता। 18 से 24 साल की युवतियों में मात्र 61 प्रतिशत को ऑर्गेज्म मिलता है, तो 30 की उम्र में लगभग 65 प्रतिशत महिलाओं को, जबकि 40 से 50 की उम्र की 70 प्रतिशत महिलाओं को ऑर्गेज्म मिलता है।पर होना चाहिए।
- एक स्टडी बताती है कि क्लिटोरिस का साइज ओव्यूलेशन की तारीख के समय 15-20 प्रतिशत बढ़ जाता है और इसलिए ये गुंजाइश है कि इस दौरान आपको और दिनों के तुलना बेहतर ऑर्गेज्म महसूस हो।