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नई दिल्ली: रोज़ाना के कामकाज में आपकी कई आदतें स्पर्म की मात्रा को कम कर रही हैं. खाने-पीने, उठने-बैठने में कई ऐसी छोटी-छोटी बातें हैं जो आपकी सेहत तो खराब कर ही रही हैं, बल्कि इससे आपके पार्टनर को भी गर्भ धारण करने में दिक्कतों का सामना कर पड़ रहा है. धीरे-धीरे इसका असर आपके वैवाहिक जीवन पर भी पड़ता जा रहा है. अगर आप इस परेशानी से जूझ रहे हैं या फिर भविष्य में इससे बचना चाहते हैं तो नीचे दी गई 6 आदतों को आज से ही अपने जीवन से निकाल दें.
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1. कार्बोनेटिड ड्रिंक्स
अगर आप कार्बनडाई ऑक्साइड से भरी ड्रिंक्स का ज़रूरत से ज़्यादा सेवन कर रहे हैं तो इसे आज ही छोड़ दें. ये ड्रिंक्स आपके स्पर्म काउंट को कम कर रही हैं. सिर्फ ये ही नहीं बल्कि बीयर से भी इसकी मात्रा कम होती है. क्योंकि इन ड्रिंक्स में शुगर की मात्रा ज़्यादा होती है जो स्पर्म बनने की कार्यप्रणाली में रुकावट लाती है.
2. फोन को पैंट की जेब में रखना
ज़्यादातर लोग अपने मोबाइल को पैंट की जेब में ही रखते हैं. लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए. क्योंकि आपके फोन से निकलने वाली खतरनाक रेडिएशन स्पर्म के प्रजनन को कम करते हैं. स्टडी का दावा है कि फोन को पैंट की जेब में रखने से स्पर्म 9 प्रतिशत तक कम हो सकते हैं.
3. लैपटॉप को पैरों पर रखकर काम करना
टाइम्स में छपी एक खबर के मुताबिक 'टेस्टिकल्स यानी अंडकोष शरीर के तापमान से लगभग दो डिग्री ठंडे रहने चाहिए.' मतलब अगर आप अपनी गोद में लैपटॉप को रखते हैं तो इसकी गर्म हवा से आपके स्पर्म मर सकते हैं. इसीलिए लैपटॉप को टेबल पर रखकर ही काम करें.
4. गरम पानी से नहाना
अगर आप पूरे दिन की थकान शाम को घर पर गरम पानी से नहाकर निकालते हैं तो सावधान हो जाएं. ठीक लैपटॉप की ही तरह इससे भी आपके स्पर्म मर सकते हैं और इसका असर आपके जीवन में धीरे-धीरे दिखता है.
5. कम नींद
जिस तरह आपके शरीर और दिमाग दोनों को आराम चाहिए, ठीक उसी तरह आपके स्पर्म को भी रेस्ट की ज़रूरत होती है. सात से आठ घंटे की नींद आपके शरीर के स्पर्म काउंट को बढ़ा सकती है. अगर आप किसी भी कारण सात घंटे की नींद ना ले पाएं तो योगा करके जरिए स्पर्म को बढ़ा सकते हैं.
6. टाइट पैंट
इससे ना सिर्फ आपके प्राइवेट पार्ट्स में जलन और खुजली की परेशानी होती है बल्कि ये आपके स्पर्म के लिए भी अच्छा नहीं. टाइट कपड़े आपके टेस्टिकल्स यानी अंडकोष को टांगों के पास रखता है, जिससे वो पूरे दिन गरम बना रहता है और इसका नतीजा होता है स्पर्म का मरना.
सिर्फ इतना ही नहीं, इसके अलावा भी कई ऐसे फैक्टर जैसे स्मोकिंग, स्ट्रेस, शराब और अननैचुरल सेक्स से भी स्पर्म की मात्रा कम होती है.
हेल्दी नाश्ते की बात हो और अंडे का जिक्र न हो, ऐसा होना मुश्किल ही है. जिन घरों में अंडा खाया जाता है, वहां एक साथ ढेर सारे अंडे लाकर रख दिए जाते हैं. अंडों पर कोई एक्सपायरी डेट तो होती नहीं है, ऐसे में कई बार अंडे खराब हो जाते हैं और ऐन वक्त पर पता चलता है. हम आपको बता रहे हैं कुछ टिप्स, जिनसे आप तुरंत पता लगा सकते हैं कि अंडा खराब है या नहीं.
हेल्दी नाश्ते की बात हो और अंडे का जिक्र न हो, ऐसा होना मुश्किल ही है. जिन घरों में अंडा खाया जाता है, वहां एक साथ ढेर सारे अंडे लाकर रख दिए जाते हैं. अंडों पर कोई एक्सपायरी डेट नहीं होती है. ऐसे में कई बार अंडे खराब हो जाते हैं. हम आपको बता रहे हैं कुछ टिप्स, जिनसे आप तुरंत पता लगा सकते हैं कि अंडा खाने लायक है या नहीं.
अंडे को दोगुनी मात्रा में पानी लेकर उसमें डुबोएं. ताजा अंडा डूबकर बर्तन की दीवार से सट जाता है. जो अंडा लगभग सप्ताहभर पुराना हो जाता है, वो अधडूबा रहता है. पानी की सतह पर तैरता दिखे तो समझ जाएं कि अंडे की क्वालिटी एकदम खराब हो चुकी है. उसे न ही खाएं तो अच्छा है.
तोड़कर भी अंडे की क्वालिटी जांची जा सकती है. अगर प्लेट में रखने पर अंडे का योक (पीला हिस्सा) ग्लोब शेप में दिखे और सफेद हिस्सा उससे सटा नजर आए तो अंडा ताजा है. अगर योक सपाट दिखे और सफेद हिस्सा पानी की तरह नजर आए तो अंडा खराब हो चुका है.
अगर बेक करने वाली चीजें बना रहे हों और अंडा डालना हो तो सारे अंडे एक के बाद एक ध्यान से तोड़ें. देख लें कि सभी अंडे खाने लायक हों. कई बार अंडों में खून का धब्बा दिखाई देता है. इससे परेशान न हों. ये खराब अंडे का लक्षण नहीं. इसे खाया जा सकता है. चाहें तो चम्मच के कोने से इस स्पॉट को हटा दें.
::/fulltext::जिन लोगों को साबुत फल खाने की आदत नहीं होती है वे इनका जूस निकालकर पीना पसंद करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि साबुत फल खाना आपकी सेहत के लिए ज्यादा बेहतर विकल्प है. ज़ुखाम और बुख़ार के समय में अगर आप ताज़ा कटे फल का सेवन करते हैं, तो इससे आपको विटामिन्स और पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा मिलती है.लेकिन यह स्टोरी आपकी बीमारियों से जुड़ी बिलकुल नहीं है, बल्कि इससे जुड़ी है कि क्या सच में खाने के साथ फलों का जूस पीने से आपकी सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है या नहीं. कहते हैं कि ताज़े फलों के रस में कोई प्रिज़र्वेटिव नहीं होते हैं अगर आप इसे घर पर निकालकर पी रहे हैं.लेकिन फलों के रस को किसी भी नमकीन डिश या खाद्य पदार्थ के साथ लेने से बचना चाहिए, वरना आपको इससे त्वचा से संबंधित कई बीमारियां लगने का खतरा हो सकता है. ऐसा हम नहीं, बल्कि आयुर्वेद कहता है. इसके साथ आपको मोटापे और ओबेसिटी की भी तकलीफ हो सकती है. चीनी और नमक आपस में मेल नहीं खाते हैं.
आयुर्वेद के हिसाब से अगर देखा जाए, तो कई खाद्य पदार्थों का कॉम्बिनेशन आपके शरीर के साधारण बैलेंस को खराब करता है. सिर्फ यह नहीं यह आपके शरीर के दोष (वात, पित, कफ़) को भी असामान्य कर देता है. इससे आपको गैस रहने और ब्लोटिंग की दिक्कतें रहने लगती हैं.खाना बनाते समय हमें दो चीजों का ध्यान रखना चाहिए, जिसमें पहला है ‘संस्कार विरुध’. कोई भी ऐसे दो खाद्य पदार्थ जिनकी प्रकृति अलग है जैसे की एक चीज ठंडी तासीर की और दूसरी गर्म तासीर की तो उन्हें साथ में नहीं पकाना चाहिए.दूसरा खाना खाते समय ‘सहयोग विरुध’, जिसमें आपको नमकीन खाने के साथ चीनी वाला फलों का रस नहीं पीना चाहिए. कहते हैं कि दूध और नमक (जैसे परांठे) को एक साथ खाने से स्किन की समस्याएं पैदा होती हैं. सिर्फ यही नहीं इससे आपके पाचन तंत्र पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है.इसके अलावा रात में सोने से पहले भी फलों के रस का सेवन नहीं करना चाहिए. साथ ही अगर आप ताज़ा कटे फल का सेवन कर रहे हैं, तो इससे आपके शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ेगी, जिससे आपके शरीर में एनर्जी का लेवल कम होगा. आप दिन मॆं अगर फलों का सेवन करते हैं, तो यह आपके शरीर को भरपूर मात्रा में विटामिन्स, मिनरल्स और एंटी-ऑक्सीडेंट्स देंगे.
::/fulltext::रोज एक्सरसाइज करना हमारे लिए बहुत अच्छा होता है, लेकिन हफ्ते के सात दिनों में से एक दिन एक्सरसाइज से आराम लेना भी बहुत ज़रूरी है. हम रोज ऑफिस की भाग-दौड़ वाली लाइफ जीते हैं. ऐसे में हमारे शरीर को आराम नहीं मिल पाता है. साथ ही अगर एक्सरसाइज भी करनी हो तो थोड़ा मुश्किल हो जाता है. शरीर हर समय थका हुआ महसूस करता है.
अगर आप जिम में या पार्क में टहलने के लिए रोज जा रहे हैं, तो हफ्ते में एक दिन शरीर को जरूर आराम दें. इससे आपके शरीर से थकावट तो दूर होगी ही, साथ ही इसमें एक्सरसाइज से होने वाले दर्द में भी काफी आराम मिलेगा.हालांकि एक्सरसाइज करने से हमारी मांसपेशियां सही ढंग से काम कर पाती हैं और हमारी पाचन क्रिया भी बेहतर होती हैं. कहते हैं कि व्यक्ति को हेल्दी लाइफस्टाइल जीने के लिए एक्सरसाइज के साथ दिन में 5 बार खाना लेना चाहिए. मतलब 5 मील, जो एकदम हेल्दी हों और उसमें बाहर का ऑयली फूड बिलकुल न हो.पूरे हफ्ते में क्यों एक्सरसाइज़ से रेस्ट लेना जरूरी है आपके लिए ये तीन पॉइंट्स जानने काफी हैं. शरीर में होने वाले दर्द से छुटकारा मिलता है. पाचन क्रिया ढंग से काम कर पाती है और मांसपेसियों को रिलेक्स होने का मौका मिलता है. अगर आपको बाहर खाना खाने का मन है, तो इस एक दिन चीट-डे में खा लें, जिससे अगले दिन एक्सरसाइज करके उसकी कैलोरी बर्न कर पाएं.
अगर आप एक्सरसाइज़ फ्रीक हैं, तो शरीर के साथ दिमाग को भी एक दिन का रेस्ट देना बनता है. एक्सरसाइज़ करते-करते हमारी मांसपेशियां भी काफी कमजोर हो जाती हैं जिन्हें अगर आराम न दिया गया तो उनमें खिंचाव की समस्या पैदा हो सकती है. मांसपेशियों में खिंचाव की समस्या होना मतलब एक्सरसाइज से करीब एक से दो महीने के लिए छुट्टी मिलना
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