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आसमान में रंग-बिरंगी उड़ती हुई पतंगें हर किसी का मन मोहती हैं। इसी के साथ पतंगें आपको कई तरह से जीवन जीने का तरीका भी सिखा देती हैं। आप पतंग से अनुसाशन, बैलेंस, कंट्रोल, सफलता की ऊंचाई तक पहुंचने के लिए जुनून, और अच्छी जिंदगी जीने के तरीके सीख सकते हैं। आज पतंगों की कई खासियतों को समेटे हुए अंतर्राष्ट्रीय पतंग दिवस भी है। जो हर साल 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर शुरू होता है। गुजरात में इस दिन सार्वजनिक अवकाश होता है, जिससे लोग बिना किसी टेंशन के पतंग उत्सव को अच्छे से सेलिब्रेट कर सकें। पतंगें भारत समेत कई देशों में काफी उत्साह के साथ उड़ाई जाती हैं, इसकी तैयारी के लिए लोग महीनों पहले से लग जाते हैं। भारत में पतंग उत्सव गुजरात समेत राजस्थान में मकर संक्रांति पर काफी हर्षोंउल्लास के साथ मनाते हैं। आज इंटरनेशनल काइट डे 2023 पर पतंगों के इतिहास और भारत में इसकी लोकप्रियता क्यों और कैसे इतनी ज्यादा हो गई, इन सब के बारें में जानते हैं
आइये जानते हैं इन रंग बिरंगीं पतंगों की शुरूआत कैसे हुई-
ऐसा माना जाता है कि पतंग का आविष्कार चीन में हुआ। अपने दुश्मनों को डराने के लिए चीन में डरावनी शक्लों वाली पतंगों को बनाकर उड़ाते थे, जिससे दिखकर दुश्मन डर कर भाग जाते थे, उनको लगता था कि आराश में राक्षस उड़ रहे हैं, जिनको देखकर कर युद्ध करने के लिए आने वाले दुश्मन देश की सेना भाग जाती थी। सबसे पहले 28वीं शताब्दी ई.पू. पहली पतंग बनी थी।
लखनऊ के नवाब और पतंगबाज़ी की लोकप्रियता
इसके बाद बाद भारत में पतंग उड़ाने का शौक भारत का चुका था। 1700 के दशक में भारत में पतंगबाजी की शुरुआत हुई। भारत में पतंगबाजी की लोकप्रियता सबसे ज्यादा लखनऊ में नवाबों के वक्त अपने चरम पर रही। नवाब वाजिद अली शाह पतंगबाजी के बेहद शौकीन थे। नवाब वाजिद अली के काल में बड़ा सूखा पड़ा, जिसमें उन्होंने लोगों की मदद के लिए, एक तरीका खोजा, नबाव साहब पतंग उड़ाने से पहले कुछ सोना, चांदी या फिर पैसे उसमें बंधवा देते थे, पतंग कटने के बाद जो उन्हें पा जाता, उसका एक दिन का अपने और अपने परिवार का गुजारा करने के लिए बंदोबस्त हो जाता था।
लखनऊ पतंगबाज़ी में पतंगों के अजीबोगरीब नाम
लखनऊ में एक पतंग इजाद हुई जिसका नाम ‘तिक्कल' था। लखनऊ में ही पतंगबाजी या कनकौवे बाजी, बड़ी पतंग यानि ‘कमकउवा जैसे नाम से जानी जाती थी। इन पतंगों का शौक जब लखनऊ के नवाबों को हुआ तब से पतंगों को नई दिशा ही मिल गई। अलग अलग देशों में सिर्फ पतंगे उड़ाई जाती थीं, लेकिन लखनऊ में में पतंगें लड़ाने की कला ईजाद हुई।
सन 1752 बेंजामिन फ्रैंकलिन ने पतंग की मदद से बिजली को बिजली साबित किया। बेंजामिन फ्रैंकलिन ने एक तूफानी रात को बरसात में पतंग को उड़ाया, जब बिजली कड़कती तो उन्हें एक ऊर्जा महसूस हुई, उन्होंने धागे में एक चाभी बांध दी,तब देखा कि उस जगह पर चमक उठ रही है जिस स्थान पर चाभी बंधी है । इस तरह उन्होंने ये पाया कि बिजली तो प्रकृति ने दी हुई है।
रात में उड़ाई जाती है 'तुक्कल' नाम की पतंग
अंतर्राष्ट्रीय पतंग दिवस की शुरुआत भारत में हुई, जहां यह सबसे लोकप्रिय गुजरात के अहमदाबाद शहर में मनाया जाता है। इस त्योहार को उत्तरायण के रूप में जानते हैं। दिन के दौरान, कलाबाज़ अपने पतंगों से प्रदर्शन करते हैं, जबकि रात में, 'तुक्कल' नाम की जगमगाती पतंगें आसमान में अटखेलियां खाती नजर आने लगती हैं।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने हाल ही में एक तस्वीर शेयर की है, जो एक दुर्लभ घटना को दर्शाती है. जिसमें हमारे सौर मंडल के सभी ग्रह पृथ्वी (Earth) से एक साथ देखे गए. 'ग्रह परेड' (Planet Parade) 'के रूप में जानी जाने वाली घटना लोगों को बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति और शनि को देखने की अनुमति देती है. ग्रह परेड एक खगोलीय घटना है जिसके दौरान आकाश में कई ग्रहों को नग्न आंखों से देखा जा सकता है.
इस दृश्य को नासा ने एस्ट्रोनॉमी पिक्चर ऑफ द डे (APOD) के रूप में शेयर किया. 2 जनवरी को पोस्ट की गई 'सूर्यास्त के बाद ग्रह परेड' की तस्वीर में, बृहस्पति, मंगल, शुक्र, शनि और बुध जैसे ग्रहों की एक विस्तृत श्रृंखला को देर शाम बैंगनी आकाश में चमकते हुए देखा जा सकता है.
मंगल, यूरेनस, बृहस्पति, नेप्च्यून, शनि, बुध और शुक्र को एक फ्रेम में चित्रित करते हुए, यह तस्वीर तेजी से वायरल हो गई, जब इंटरनेट यूजर्स ने चमकदार शाम के समय के दृश्य को देखा. दिसंबर 2022 में खगोलशास्त्री और फ़ोटोग्राफ़र Tunc Tezel द्वारा ली गई इस तस्वीर में Altair, Fomalhaut, और Aldebaran जैसे चमकीले सितारे भी दिखाई दिए.
APOD की 2023 की पहली तस्वीर में "हमारे सौर मंडल की सबसे बड़ी चट्टान" को दिखाया गया है, जिसे 1990 में NASA के वोयाजर 1 अंतरिक्ष यान द्वारा ली गई एक तस्वीर के माध्यम से प्रसिद्ध रूप से 'पेल ब्लू डॉट' कहा जाता है.
भारत में प्राचीन समय से लोगों ने आयुर्वेद पर अपना विश्वास दिखाया है। कोरोना काल के बाद से पूरी दुनिया में आयुर्वेद का इस्तेमाल बहुत ज्यादा बढ़ गया है। आयुर्वेद में जड़ी-बूटियों को बड़ी-बड़ी बीमारियों में रामबाण इलाज माना गया है। ऐसे में साल 2022 में कुछ जड़ी-बूटियों को गूगल पर बहुत ज्यादा सर्च किया गया है। आइए जानते हैं इस साल लोगों ने किन जड़ी बूटियों को गूगल पर सबसे ज्यादा सर्च किया।
1. नीम
नीम की करवाहट के बारे में तो हम सभी जानते हैं। लेकिन इसके लाखों फायदे भी हैं, आयुर्वेद में नीम की पत्तियों से लेकर उसके जड़ का भी यूज दवाई के रूप में किया जाता है। साल 2022 में गूगल पर नीम ने बहुत ट्रेंड किया है। नीम की पत्तियों को पीसकर पानी में मिलाकर पीने से पेट से जुड़ी कई समस्याएं दूर होती है। शरीर में निकलने वाले दाने और किसी भी तरह की खुजली को दूर करने के लिए भी नीम एक रामबाण इलाज है। ये स्किन संबंधित समस्याओं को भी दूर करने में मदद करता है।
दालचीनी एक ऐसी जड़ी बूटी है, जो कई बीमारियों के साथ आपके किचन में सब्जियों के स्वाद को भी बढ़ाता है। दालचीनी का यूज वजन घटाने से लेकर स्किन ने जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए भी किया जाता है। डायबिटीज के पेशेंट के लिए भी दालचीनी बहुत फायदेमंद है। इस साल भी लोगों ने गूगल पर दालचीनी के बारे में बहुत ज्यादा सर्च किया है।
3. गिलोय
किसी भी तरह के बुखार में गिलोय बहुत फायदेमंद होता है। गिलोय में एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी के गुण मौजूद होते हैं, जो हड्डियों में किसी भी तरह के दर्द और सूजन को कम करने में मदद करता है। गिलोय एक इम्युनिटी बूस्टर के रूप में भी काम करता है।
4. तुलसी
हर हिंदू परिवार के आंगन में तुलसी का पौधा आपको जरूर मिल जाएगा। तुलसी की पत्तियों में एंटीबैक्टीरियल, एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीफंगल गुण मौजूद होते हैं। ये आपके स्किन संबंधी समस्याओं को कम करने में भी मदद करता हैं।
5. शहद
वजन घटाने से लेकर ग्लोइंग स्किन के लिए शहद बहुत गुणकारी होता हैं। इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। सुबह खाली पेट पानी में शहद मिलाकर पीने से पेट संबंधित समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है।
6. ग्रीन टी की पत्तियां
वजन घटाने के लिए इस साल लोगों ने ग्रीन टी की पत्तियों को गूगल पर बहुत सर्च किया है। ग्रीन टी की पत्तियों से बनी चाय पीने से आपका शरीर डिटॉक्स होता है। कई तरह के स्किन प्रॉब्लम से भी आपको बचाने में मदद करता है।
किचन की जान हल्दी कई हेल्थ बेनिफिट्स के लिए भी जाना जाता है। हल्दी में एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी के गुण मौजूद होते हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और शरीर को कई बीमारियों से बचा कर रखते हैं।
8. सौंफ
सौंफ को एक माउथ फ्रेशनर के रूप में भी जाना जाता है। सांसों से आने वाली बदबू और पेट से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने में भी सौंफ काफी कारगर है। वजन घटाने के लिए भी सौंफ का यूज किया जाता है।
भारत में 5G सर्विस लॉन्च होने के बाद से यूजर्स को पहले से तेज इंटरनेट मिलेगा यह बात तो कंफर्म थी। मगर अब हाल ही में आई एक रिपोर्ट से पता चला है कि यूजर्स सुपर फास्ट इंटरनेट स्पीड का आनंद ले रहे हैं। जी हां भारत में 4G की तुलना में 5G यूजर्स तेज स्पीड से इंटरनेट इस्तेमाल कर रहे हैं। आपको बता दें कि 5G पहले ही कई शहरों में पहुंच चुका है और लाखों यूजर्स इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।
Airtel को भारत में 5G को लॉन्च किए सिर्फ कुछ ही समय हुआ है। वहीं Reliance Jio बीटा टेस्टिंग कर रहा है और देश में कुछ चुनिंदा यूजर्स 5G नेटवर्क का लाभ उठा पा रहे हैं। नेटवर्क इंटेलिजेंस और इनसाइट्स फर्म Opensignal ने डाटा शेयर किया है कि 1 अक्टूबर से 30 अक्टूबर, 2022 की अवधि के बीच भारत में यूजर्स का 5G एक्सपीरियंस कैसा रहा है।
Opensignal के मुताबिक, 5G नेटवर्क की बदौलत भारत में यूजर्स ने अपने मोबाइल एक्सपीरियंस में जमकर बढ़ोतरी देखी है। ऐसी जानकारी मिली है कि 4G यूजर्स के मुकाबले में 5G यूजर्स को मोबाइल पर औसतन 16.5 गुना तेज स्पीड का लाभ उठा पाए हैं। 5G यूजर्स औसतन 242.1 Mbps की डाउनलोड स्पीड और 4G यूजर्स 14.7 Mbps की स्पीड इस्तेमाल कर पाएं हैं।
अगर अधिकतम 5G और 4G डाउनलोड स्पीड की बात करें तो 4G की 59.5 Mbps स्पीड के मुकाबले में 690.6 Mbps डाउनलोड स्पीड के साथ 5G इंटरनेट 11.6 गुना तेज था। अपलोड स्पीड के मामले में भी 5G, 4G से काफी तेज था। रिपोर्ट में डाटा के मुताबिक, औसत 4G अपलोड स्पीड 3.9 Mbps की तुलना में औसत 5G अपलोड स्पीड 21.2 Mbps थी जो कि 5.4 गुना तेज थी।
इन भारतीय शहरों में उपलब्ध है 5G
Airtel ने भारत के 12 शहरों चेन्नई, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, सिलीगुड़ी, दिल्ली, गुवाहाटी, पटना, नागपुर, पानीपत, वाराणसी और गुरुग्राम में 5G लॉन्च किया है। पुणे के एयरपोर्ट पर भी 5G उपलब्ध था, लेकिन अब टेलीकॉम डिपार्टमेंट के एक आदेश के चलते इसे रोक दिया गया है। Jio का 5G बीटा मुंबई, वाराणसी, दिल्ली-एनसीआर, गुजरात (33 डिस्ट्रिक्ट हेडक्वार्टर), बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद, पुणे और नाथद्वारा जैसे शहरों में उपलब्ध है। आने वाले हफ्तों और महीनों में अपनी 5G नेटवर्क सर्विस ज्यादा शहरों तक पहुंचने की उम्मीद है।