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गुरुग्राम: हरियाणा के कई हिस्सों में मंगलवार को भी हिंसा हुई. दिल्ली से सटे गुरुग्राम (Gurugram) में भी उपद्रवियों का तांडव देखने को मिला. गुरुग्राम के बादशाहपुर में भीड़ ने रेस्तरां और दुकानों में आग लगा दी. मंगलवार शाम गुरुग्राम के सेक्टर 70 में भी हिंसा की घटना हुई. सेक्टर 70 में दुकान, झुग्गियों में कुछ उपद्रवियों ने आग लगा दी. नूंह में कल एक धार्मिक जुलूस में विश्व हिंदू परिषद और मातृशक्ति दुर्गा वाहिनी की तरफ से निकाली जा रही ब्रजमंडल यात्रा के दौरान दो गुटों में टकराव के बाद पथराव और आगजनी हुई थी. इस घटना में 4 लोगों की जान चली गई थी और कम से कम 30 घायल हो गए थे.
हरियाणा के हिंसा प्रभावित नूंह जिले में अधिकारियों ने मंगलवार को कर्फ्यू लगा दिया और राज्य के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि राज्य में शांति भंग करने का इरादा रखने वालों ने नूंह में हिंसा की साजिश रची.
सीएम ने कहा- सख्त कार्रवाई की जाएगी
पुलिस ने बताया कि नूंह और सोहना में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं, लेकिन मंगलवार को ताजा हिंसा की कोई खबर नहीं आई. अधिकारी ने बताया कि नूंह और अन्य प्रभावित इलाकों में बड़ी संख्या में पुलिस और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सोमवार को कहा कि घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ ‘‘कड़ी कार्रवाई'' की जाएगी. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘आज की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. मैं सभी लोगों से प्रदेश में शांति बनाए रखने की अपील करता हूं. दोषी लोगों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.''
सोहना सब डिविजन में स्कूल बंद
इधर गुरुग्राम जिला प्रशासन ने सोहना सब डिविजन क्षेत्र में शिक्षण संस्थाओं को बुधवार को बंद रखने का फैसला लिया है. जिलाधीश एवं डीसी निशांत कुमार यादव की तरफ से जारी आदेश के अनुसार गुरुग्राम में सोहना सब डिविजन क्षेत्र को छोड़कर जिला की सभी शिक्षण संस्थाएं बुधवार दो अगस्त को सामान्य दिनों की तरह खुलेंगी.
अधिकारी ने लोगों से अफवाहों से बचने की अपील की
गुरुग्राम के एसीपी क्राइम वरुण कुमार दहिया ने लोगों से कहा है कि किसी भी तरह के अफवाह से बचे. अगर लोगों को कोई सूचना देनी है तो 112 नबंर पर पुलिस से संपर्क करें. साथ ही उन्होंने कहा कि शहर में इंटरनेट सेवा भी चल रही है. जिन जगहों पर हिंसा हुई है वहां अतिरिक्त पुलिस बल को तैनात किया गया है.
नूंह हिंसा में मारे गए होमगार्डों के परिवारों के लिए मुआवजे का ऐलान
रियाणा पुलिस ने नूंह में हुई हिंसा में जान गंवाने वाले दो होमगार्ड के परिवारों को 57-57 लाख रुपये का मुआवजा देने की मंगलवार को घोषणा की. एक आधिकारिक बयान के अनुसार हिंसा के मद्देनजर गुरुग्राम से नूंह में तैनात किए गए होमगार्ड नीरज और गुरसेव की ड्यूटी के दौरान मौत हो गई. बयान में कहा गया है, “हरियाणा पुलिस दुख की इस घड़ी में शोक संतप्त परिवारों के साथ खड़ी है. कोई भी राशि किसी प्रियजन को खोने से हुए नुकसान की भरपाई नहीं कर सकती, लेकिन फिर भी हरियाणा पुलिस की ओर से शोकाकुल परिवारों को 57-57 लाख रुपये और हर प्रकार की मदद प्रदान की जाएगी.”
मुंबई: महाराष्ट्र की सियासत का आज बेहद अहम दिन है. एनसीपी में टूट के बाद शरद पवार गुट और अजित पवार गुट दोनों ने अपनी ताकत दिखाने के लिए आज बैठक बुलाई है. एनसीपी के शरद पवार गुट की तरफ से पार्टी के चीफ व्हिप जितेंद्र आह्वाड ने सभी विधायकों को आज की मीटिंग में शामिल होने के लिए आदेश निकाला है. इस बीच शरद पवार के घर सिल्वर ओक पर उनके समर्थन में पोस्टर लगाए गए हैं, जिसमें लिखा है कि 83 साल का योद्धा अकेला निकला है.
इधर चर्चा ये भी है कि अजित पवार गुट के सरकार में शमिल होने के बाद एकनाथ शिंदे की शिवसेना में हलचल तेज हो गई है. मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की अगवानी करने नागपुर गए मुख्यमंत्री देर रात मुंबई वापस आ गए. खबर है कि मीटिंग कर फिर वो वापस चले गए.
अजित पवार गुट का 40 विधायकों के समर्थन का दावा
अजित पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के 53 में से 40 विधायकों के समर्थन का दावा किया है. राज्यपाल को लिखी चिट्ठी में 40 से ज्यादा विधायकों के समर्थन और उनके साइन की बात कही गई है. वहीं कई विधायकों का आरोप है कि उन्होंने उद्देश्य जाने बिना अनजाने में चिट्ठी पर अपने साइन कर दिए.
कई NCP नेताओं ने किया शरद पवार का समर्थन
अभी तक न तो अजित पवार और न ही शरद पवार ने अपने समर्थन में विधायक पेश किए हैं. लेकिन कई एनसीपी नेता ने शरद पवार के प्रति अपनी वफादारी का ऐलान किया हैं. अनिल देशमुख, जीतेंद्र आह्वाड, जयंत पाटिल, रोहित पवार, संदीप क्षीरसागर और प्राजक्त प्रसादराव तनपुरे ने शरद पवार के साथ अपनी तस्वीरें शेयर की है और समर्थन की बात कही है.
दल-बदलुओं की अयोग्यता पर कानूनी सलाह ले रहे हैं शरद पवार
फिलहाल अजित पवार के पास एनसीपी पार्टी को विभाजित करने और दल-बदल विरोधी कानून के तहत कार्रवाई से बचने के लिए जरूरी दो-तिहाई बहुमत नहीं है. अगर उनके पास पर्याप्त नंबर हैं, तो वह पार्टी के नाम और प्रतीक पर दावा ठोंक सकते हैं. इस बीच 82 वर्षीय शरद पवार ने सोमवार से एनसीपी को जमीनी स्तर से फिर से खड़ा करने का अपना मिशन शुरू किया है. टीम शरद पवार दल-बदलुओं की अयोग्यता पर कानूनी विशेषज्ञों से सलाह ले रही है.
मुंबई: महाराष्ट्र में अजित पवार और आठ अन्य विधायकों के शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल होने के एक दिन बाद प्रतिद्वंद्वी गुटों द्वारा बर्खास्तगी की होड़ शुरू होने से एनसीपी में खींचतान शुरू हो गई. इस बीच कांग्रेस और उद्धव ठाकरे टीम भी महाराष्ट्र के बदले सियासी समीकरण के बाद आगे की रणनीति बनाने में जुट गई है.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
शरद पवार ने जैसे ही पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे को राकांपा से हटाया, अजित पवार खेमे ने पलटवार करते हुए जयंत पाटिल की जगह सुनील तटकरे को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया.
प्रफुल्ल पटेल और सांसद सुनील तटकरे के साथ, राकांपा ने रविवार को राजभवन में शपथ समारोह में भाग लेने के लिए पार्टी के तीन नेताओं- नरेंद्र राठौड़, विजय देशमुख और शिवाजीराव गर्जे को भी बर्खास्त कर दिया. वहीं प्रफुल्ल पटेल ने घोषणा की कि अजित पवार को पार्टी का "ग्रुप लीडर" नियुक्त किया गया है.
शरद पवार गुट ने महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को एक याचिका सौंपी है, जिसमें अजित पवार और उनके आठ वफादारों को अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है. पार्टी ने भारतीय चुनाव आयोग (ईसी) को भी पत्र लिखकर बताया है कि 1999 में एनसीपी की स्थापना करने वाले शरद पवार पार्टी के प्रमुख बने रहेंगे और नेतृत्व में कोई बदलाव नहीं होगा.
अजित पवार ने घोषणा की कि अयोग्यता नोटिस का "कोई मूल्य नहीं" है. उन्होंने कहा, "हममें से 9 के खिलाफ नोटिस हैं, मुझे नहीं लगता कि नोटिस का कोई महत्व है...पार्टी हमारे साथ है." जवाबी कार्रवाई में, विद्रोहियों ने भी जयंत पाटिल और जितेंद्र अवहाद के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की.
अजित पवार खेमे का नया कार्यालय राज्य सचिवालय के पास होगा. सूत्रों ने बताया कि अजित पवार और उनके समर्थक विधायक आज नये 'राष्ट्रवादी भवन' का उद्घाटन करेंगे. वर्तमान पार्टी कार्यालय बैलार्ड एस्टेट में स्थित है. अजित पवार और उनके सहयोगी, जिनमें सांसद प्रफुल्ल पटेल भी शामिल हैं, इस बात पर जोर दे रहे हैं कि वे पार्टी हैं, कोई अलग हुआ गुट नहीं.
भविष्य की रणनीति पर चर्चा के लिए कांग्रेस आज एक महत्वपूर्ण बैठक करेगी. पार्टी विपक्ष के नेता का पद चाहती है, क्योंकि महाराष्ट्र विधानसभा में उसके विधायकों की संख्या सबसे अधिक है. इस मांग को एनसीपी संस्थापक शरद पवार का समर्थन प्राप्त है. सीनियर पवार ने कहा, ''जिस पार्टी के पास सबसे ज्यादा विधायक हों, वो इस पद की मांग कर सकती है, यह एक वैध मांग है.''
राज्य में हालिया राजनीतिक घटनाक्रम पर चर्चा के लिए टीम उद्धव ठाकरे आज एक बैठक भी करेगी. शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में दावा किया गया है कि अजित पवार, एकनाथ शिंदे की जगह मुख्यमंत्री बनेंगे.
इस बीच शरद पवार ने सोमवार को सतारा जिले में अपने गुरु और महाराष्ट्र के पहले मुख्यमंत्री यशवंतराव चव्हाण के स्मारक का दौरा किया और पार्टी के पुनर्निर्माण की कसम खाई. उन्होंने कहा कि भाजपा सभी विपक्षी दलों को ''नष्ट'' करने की कोशिश कर रही है। सीनियर पवार ने कहा, "सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ मेरी लड़ाई आज से शुरू हो रही है. ऐसे विद्रोह होते रहते हैं. मैं पार्टी का पुनर्निर्माण करूंगा."
यह पूछे जाने पर कि क्या रविवार को अजित पवार के विद्रोह को उनका आशीर्वाद प्राप्त था, राकांपा प्रमुख ने कहा, "यह कहना एक तुच्छ बात है. केवल तुच्छ और कम बुद्धि वाले लोग ही ऐसा कह सकते हैं."
अजित पवार के महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के रूप में शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल होने के बाद रविवार को राकांपा में विभाजन हो गया और आठ अन्य राकांपा विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली.
चेन्नई: तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने जेल में बंद मंत्री वी. सेंथिल बालाजी की बर्खास्तगी वापस ले ली है. राजभवन के सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि राज्यपाल ने दूसरा पत्र लिखा है और कहा है कि अभी अटॉर्नी जनरल से क़ानूनी सलाह ले रहा हूं. तब तक सेंथिल बालाजी को बर्खास्त करने का फ़ैसला नहीं लिया गया है. अभी बालाजी मंत्री बने रहेंगे.
इससे पहले खबर थी कि राज्यपाल आरएन रवि ने राज्य के बिजली और आबकारी मंत्री वी. सेंथिल बालाजी को बर्खास्त कर दिया है. बताया गया कि इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री से भी कोई परामर्श नहीं लिया था. राज्यपाल के इस कदम से प्रदेश की द्रमुक सरकार और राज्यपाल के बीच चल रहे गतिरोध को और बढ़ावा मिल सकता है.
राजभवन ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया कि सेंथिल बालाजी "नौकरी के बदले में नकदी लेने और धन शोधन समेत भ्रष्टाचार के कई मामलों में गंभीर आपराधिक कार्रवाई का सामना कर रहे हैं."
अभी वह एक आपराधिक मामले में न्यायिक हिरासत में हैं, जिसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहा है.
विज्ञप्ति में कहा गया है, "इन परिस्थितियों के तहत राज्यपाल ने सेंथिल बालाजी को तत्काल प्रभाव से मंत्रिपरिषद से बर्खास्त कर दिया है."
सूत्रों ने बताया है कि तमिलनाडु सरकार इस कदम को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की योजना बना रही है.
चेन्नई की एक अदालत ने बुधवार को बालाजी की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी. बालाजी को इस महीने की शुरुआत में प्रवर्तन निदेशालय ने 12 जुलाई तक के लिए गिरफ्तार किया था.
इससे कुछ घंटे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें एक निजी अस्पताल में ले जाने की अनुमति दी थी, जहां उनकी दिल की सर्जरी हुई थी. इससे पहले बेचैनी और सीने में दर्द की शिकायत के चलते उनका सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा था.
बालाजी और उनके सहयोगियों के खिलाफ मामला 2011-15 के दौरान अन्नाद्रमुक सरकार में राज्य के परिवहन मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल से संबंधित है, जब उन्होंने अपने भाई आर वी अशोक कुमार सहित अपने सहयोगियों के साथ सभी राज्य परिवहन उपक्रमों के प्रबंध निदेशकों और परिवहन निगमों के अन्य अधिकारियों के साथ कथित रूप से आपराधिक साजिश रची थी.
साल 2014-15 के दौरान परिवहन निगम में चालक, परिचालक, जूनियर ट्रेड्समैन, जूनियर इंजीनियर और सहायक इंजीनियर के रूप में भर्ती के लिए अभ्यर्थियों से रिश्वत प्राप्त करने के लिए कथित रूप से साजिश रची गयी थी. ईडी ने आरोप लगाया कि ‘‘पूरी नियुक्ति प्रक्रिया धोखाधड़ी पूर्व और बेईमानी पूर्ण तरीके से की गयी'' और बालाजी के निर्देशानुसार शनमुगम, अशोक कुमार तथा कार्तिकेयन द्वारा उपलब्ध कराई गयी सूची के अनुरूप ही इसे अंजाम दिया गया.
आरोप हैं कि इन चारों ने नियुक्ति आदेश जारी करने के लिए बालाजी की ओर से उम्मीदवारों से पैसे वसूले. उम्मीदवारों ने आरोप लगाया था कि जिन्होंने पैसा दिया था, उन्हें न तो नियुक्ति आदेश जारी किये गये और न ही पैसा वापस मिला जैसा कि बालाजी और तीन अन्य ने वादा किया था.
ईडी ने इन आरोपों की जांच के लिए 2021 में धनशोधन का मामला दर्ज किया था और उसकी शिकायत 2018 में और बाद के सालों में दर्ज तमिलनाडु पुलिस की तीन प्राथमिकियों पर आधारित है. उच्चतम न्यायालय ने गत 16 मई को पुलिस और ईडी को बालाजी के खिलाफ जांच की अनुमति दी थी.