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नई दिल्ली: चक्रवाती तूफान बिपरजॉय 15 जून की शाम तक एक अति प्रचण्ड चक्रवाती तूफान बनकर सौराष्ट्र-कच्छ और उससे लगे पाकिस्तान के तटों को माण्डवी (गुजरात) एवं कराची (पाकिस्तान) के मध्य में स्थित जखाऊ बंदरगाह के पास पार कर सकता है. इस बढ़ते खतरे को देखते हुए गुजरात के कच्छ, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़ और मोरबी में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. सरकार की तरफ से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
मौसम विभाग के डीजी डॉ. एम मोहापात्रा ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि 6 तारीख के बाद तीन से चार बार साइक्लोन अपनी दिशा बदल चुका है. अगले 1 से 2 दिन में इसकी दिशा एक से दो बार और बदलने का पूर्वानुमान है.
आईएमडी के प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने बताया, "इससे संभवत: काफी अधिक नुकसान हो सकता है. गुजरात में कच्छ, देवभूमि द्वारका, जामनगर जिलों में 15 जून को 20 सेंटीमीटर से अधिक बारिश हो सकती है. आमतौर पर इन इलाकों में इतनी अधिक बारिश नहीं होती. इसलिए इससे निचले इलाकों में बाढ़ आने की आशंका है."
मौसम विभाग ने कहा है कि 15 जून को जखाऊ पोर्ट के आसपास इसका लैंडफॉल हो सकता है. Landfall के दौरान हवा की रफ्तार 125 से 135 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है जो बीच में बढ़कर 150 किलोमीटर प्रति घंटे तक भी पहुंच सकती है.
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश के बाद सभी प्रभावित होने वाले तटीय इलाकों से आम लोगों को प्राथमिकता के तौर पर जल्दी से जल्दी हटाया जा रहा है.मौसम विभाग ने प्रभावित होने वाले तटीय इलाकों के लोगों से अपील की है कि वो जल्दी से जल्दी सुरक्षित जगहों पर चले जाएं, और प्रशासन का सहयोग करें.
गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को Cyclone Biparjoy पर राज्यों के आपदा प्रबंधन मंत्रियों, गुजरात के मुख्यमंत्री, 8 प्रभावित होने वाले क्षेत्रों के सांसदों और वरिष्ठ अधिकारीयों के साथ दो हाई-लेवल मीटिंग कर तैयारियों की समीक्षा की.
गुजरात के सीएम भूपेंद्रभाई पटेल ने कहा है कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने इस प्राकृतिक आपदा (बिपरजॉय) को दूर करने के लिए पर्याप्त उपाय किए हैं. आपदा प्रबंधन के सभी इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं. राज्य सरकार ने बचाव, राहत और पुनर्वास व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं.
सेना के अधिकारियों ने नागरिक प्रशासन और एनडीआरएफ के साथ संयुक्त रूप से राहत कार्यों की योजना बनाई है. संवाद कार्यक्रम में शामिल सभी एजेंसियों ने अपनी सर्वोत्तम कार्यों और सेवाओं को एक-दूसरे के साथ साझा करने और उनका लाभ एक-दूसरे को उठाने पर बल दिया है.
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में भारतीय सेना के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया और संकट के समय में पूर्ण समर्थन का वचन दिया.
तेज हवाओं और भारी वर्षा के कारण किसी भी नुकसान को कम करने के लिए पड़ोसी राज्य राजस्थान से भी संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं.
अति प्रचण्ड चक्रवाती तूफान "बिपारजॉय" 13 जून 2023 को भारतीय समयानुसार 1430 बजे देवभूमि द्वारका से 300 किमी पश्चिम-दक्षिण पश्चिम, पोरबंदर से 330 किमी पश्चिम, जखाऊ बंदरगाह से 320 किमी दक्षिण पश्चिम, नलिया से 340 किमी दक्षिणपश्चिम और कराची (पाकिस्तान) से 430 किमी दक्षिण में स्थित था.
खास बातें
नई दिल्ली: कर्नाटक की प्रत्येक महिला को 2,000 रुपये देने के वादा करके कांग्रेस ने राज्य में शानदार जीत दर्ज की है. इसके बाद भाजपा और कांग्रेस दोनों ही चुनावी राज्यों की महिला मतदाताओं को लुभाने की योजना बना रहे हैं. इसकी कवायद मध्य प्रदेश में पहले ही शुरू हो चुकी है, जहां पर इस साल नवंबर में चुनाव होने हैं.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि "लाडली बहना योजना" के तहत शनिवार को 1.25 करोड़ महिलाओं को 1000 रुपए उनके बैंक अकाउंट में भेजे जाएंगे. यह कदम आने वाले महीनों में उनकी पार्टी के अभियान को मजबूत कर सकता है. मध्य प्रदेश में भाजपा का नेतृत्व करने वाले चौहान को न केवल दो दशक की सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ेगा, बल्कि आक्रामक कांग्रेस से भी निपटना होगा. यही वजह है कि वह अपनी कई कल्याणकारी योजनाओं को कुछ बदलावों के साथ दोबारा पेश कर रहे हैं.
चौहान की घोषणा के तुरंत बाद महज दो दिनों में ही रविवार को कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी जबलपुर में एक रैली को संबोधित कर सकती हैं और सत्ता में आने पर राज्य की प्रत्येक महिला को 1,500 रुपये प्रति माह देने के पार्टी के वादे की आधिकारिक घोषणा कर सकती हैं. प्रियंका गांधी गौरी घाट पर नर्मदा पूजन और एक रैली को संबोधित भी कर सकती हैं.
मध्य प्रदेश में महिला मतदाता अहम हैं, क्योंकि राज्य के 5.39 करोड़ मतदाताओं में से 48.20 % महिला मतदाता हैं. 15 लाख नए मतदाताओं में से 7 लाख से अधिक महिलाएं हैं. चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले दो चुनावों के बाद से राज्य में महिलाओं का मतदान प्रतिशत बढ़ा है और वास्तव में कम से कम 50 सीटों पर महिलाएं पुरुष मतदाताओं से अधिक हैं, जिनमें एसटी समुदायों के लिए आरक्षित 230 सीटों में से 18 सीटें भी शामिल हैं.
ऐसी स्थिति डिंडोरी, बिछिया, निवास, मंडला, बैहर, परसवाड़ा, बालाघाट, वारासिवनी, बरघाट, पानसेमल, अलीराजपुर, जोबट, झाबुआ, थांदला, पेटलावद, सरदारपुर, कुक्षी और सैलाना सीटों में है, जहां भाजपा को पिछली बार हार का सामना करना पड़ा था.
2018 में पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान महिला मतदाताओं की भागीदारी में 3.75 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी. कई निर्वाचन क्षेत्रों में महिला मतदाताओं के प्रतिशत के मामले में वृद्धि लगभग 8 से 10 प्रतिशत थी. उस वक्त राज्य में कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला था, जिसमें कांग्रेस ने 230 में से 114 सीटें जीती थीं और भाजपा को 109 सीटें मिलीं थीं.
महिलाओं पर फोकस
भोपाल में लाड़ली बहना योजना की घोषणा करते हुए मार्च में सीएम चौहान ने कहा था कि उनके खुद के नौकरशाहों ने ही उन्हें इसको लेकर चेताया था कि इसका असर राज्य के खजाने पर पड़ेगा. सीएम ने कहा था, "लेकिन आपके जीवन को बेहतर बनाना मेरे जीवन का लक्ष्य है और मैं इसे किसी भी कीमत पर करूंगा. स्वीकृति पत्र आपके पास पैसे से पहले आ जाएगा. यदि आपको 1,000 रुपये प्रति माह मिलते हैं तो इससे आपको काफी मदद मिलेगी. यहां तक कि यदि इसका खर्च 12 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा आता तो आपका यह भाई संकोच नहीं करेगा."
इस योजना का लाभ समाज के सभी वर्गों की उन सभी महिलाओं को मिलेगा, जो इनकम टैक्स नहीं देते हैं या जिनके पास पांच एकड़ से अधिक कृषि भूमि नहीं, खुद का ट्रैक्टर नहीं है और वे अन्य सरकारी योजनाओं की लाभार्थी नहीं हैं. राज्य सरकार के अधिकारियों ने बताया कि आवेदनों की प्रक्रिया 25 मार्च से शुरू हुई थी और अब तक करीब सवा करोड़ आवेदन प्राप्त हो चुके हैं. अधिकारी ने बताया, "आवेदन की प्रक्रिया बहुत सरल रखी गई है. आवेदक को अपनी समग्र आईडी मूल रूप से मध्य प्रदेश राज्य की निवासी के रूप में दिखानी होगी. इसके लिए कोई अतिरिक्त दस्तावेज या प्रमाण पत्र नहीं मांगा जा रहा है." अधिकारियों का कहना है कि इससे बीएमआई और महिलाओं के समग्र स्वास्थ्य में सुधार होगा, श्रम बल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी, महिलाओं को अधिक वित्तीय स्वतंत्रता और उनकी परिवार के भीतर निर्णय लेने की भूमिका में सुधार होगा तो वित्तीय हालात बेहतर होंगे.
भाजपा नेता पी मुरलीधर राव का कहना है कि भाजपा और राज्य सरकार की महिलाओं तक पहुंच बढ़ाने की कोशिश और उनके जीवन को बेहतर बनाना इस चुनाव में गेमचेंजर साबित होगा और पार्टी को 2018 में हारी हुई सीटों को जीतने में भी मदद मिलेगी.
अधिकारियों ने कहा कि लाड़ली बहना योजना के अलावा मध्य प्रदेश सरकार ने बालिका विवाह योजना 'लाडली लक्ष्मी योजना' के लिए 900 करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किए हैं. कुछ अन्य राज्यों की तरह मध्य प्रदेश में भी महिलाओं को पुलिस भर्ती में 30 फीसदी और अन्य सरकारी नौकरियों में 33 फीसदी आरक्षण है. सीएम चौहान ने रक्षा बंधन के अवसर पर राज्य भर की महिलाओं को पांच लाख पत्र भेजे थे. इन पत्रों में उन्होंने सरकार की महिलाओं के लिए योजनाओं का जिक्र किया है और राज्य को समृद्ध बनाने के लिए "अपनी बहनों" से पांच साल और मांगे हैं. अधिकारियों ने कहा कि जेंडर बजट में भी 2022-2023 में दस प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई, जिसमें करीब 85,000 करोड़ रुपये महिला कल्याण के लिए थे. साथ ही बताया कि राज्य सरकार महिलाओं के लिए करीब 350 योजनाएं चला रही है, जिसमें महिला कर्मचारियों को सात दिन का अतिरिक्त आकस्मिक अवकाश, कौशल प्रशिक्षण और महिलाओं के लिए विशेष रोजगार मेला भी शामिल हैं.
हालांकि, महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए पार्टियों के बीच होड़ के बीच विशेषज्ञों का कहना है कि वादों को मूर्त रूप देना असली मायने रखता है. भोपाल की सोशल साइंटिस्ट निशि दत्ता ने कहा कि जहां फ्री राशन पर निर्भर करने वाले गरीब परिवारों की संख्या बहुत ज्यादा हो वहां पर अवसरों और सामाजिक सशक्तिकरण करना जरूरी होती है, सिर्फ मदद करना नहीं.
कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा था कि भाजपा के वादे खोखले थे और कांग्रेस महिलाओं को प्रति माह 1,000 रुपये के बजाय 1,500 रुपये देगी. साथ ही उन्होंने कहा था, "... हम रसोई गैस सिलेंडर की कीमत घटाकर 500 रुपये करने जा रहे हैं."
जयपुर: राजस्थान कांग्रेस (Rajasthan Congress) में विवाद कम होता नहीं दिख रहा है. हाल के दिनों में सचिन पायलट द्वारा उठाए कदमों से परेशान कांग्रेस पार्टी को एक बड़ा झटका लग सकता है. सूत्रों के अनुसार पार्टी से नाराज चल रहे सचिन पायलट जल्द ही अपनी नई पार्टी का ऐलान कर सकते हैं. खबरों के अनुसार 45 वर्षीय सचिन पायलट 11 जून को इसकी घोषणा कर सकते हैं. 11 जून को उनके पिता राजेश पायलट की पुण्यतिथि है. हालांकि उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि पायलट अभी भी अपनी मांगों के जवाब के लिए कांग्रेस नेतृत्व की प्रतीक्षा कर रहे हैं.
सूत्रों ने इस बात से भी इनकार किया है कि 11 जून को कोई बड़ी रैली की योजना सचिन पायलट की तरफ से बनाई जा रही है. उन्होंने कहा कि हर साल की तरह इस बार भी दौसा में पुण्यतिथि मनाने का कार्यक्रम होगा क्योंकि यह राजेश पायलट का निर्वाचन क्षेत्र था.
पायलट के करीबी ने अटकलों को बताया गलत
सचिन पायलट ने वसुंधरा राजे पर कार्रवाई की मांग की थी
सचिन पायलट ने राजस्थान की अपनी ही सरकार को भाजपा की वसुंधरा राजे के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर कार्रवाई करने का अल्टीमेटम हाल के दिनों में दिया है. कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया था कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी नेता के साथ समझौते के कारण वसुंधरा राजे के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है. पायलट के आरोपों का बीजेपी ने जोरदार खंडन किया था.
पायलट कांग्रेस नेतृत्व का कर रहे हैं इंतजार
उनके अगले कदम को लेकर जारी अटकलों के बीच, उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि वो पार्टी नेतृत्व से निश्चित प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं. सूत्रों ने दावा किया है कि पायलट का मुख्य ध्यान भ्रष्टाचार से मुकाबला करना और परीक्षा के पेपर लीक सहित युवाओं की गंभीर चिंताओं को दूर करना है. समाचार एजेंसी पीटीआई ने उनके करीबी सूत्रों के हवाले से कहा है कि वह (पायलट) पार्टी नेतृत्व की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं, गेंद अभी पार्टी नेतृत्व के पाले में है.
सचिन पायलट और गहलोत के बीच हुई थी बैठक
कांग्रेस नेतृत्व और राजस्थान के दोनों नेताओं के बीच पिछले महीने चार घंटे तक एक बैठक चली थी हालांकि उसमें कोई समाधान नहीं निकल पाया था. हालांकि दोनों नेताओं ने एकता का प्रदर्शन किया था और राजस्थान चुनाव में "एकजुट लड़ाई" का वादा किया था, लेकिन यह स्पष्ट था कि कड़वाहट दोनों ही नेताओं के बीच बनी हुई थी. कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि दोनों नेताओं के बीच दरार खत्म होने वाली नहीं है.
भोपाल : मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव 4-5 महीने दूर हैं, लेकिन कांग्रेस लोकलुभावाने वायदों के साथ सभी 230 विधानसभाओं में सुंदरकांड और रुद्राभिषेक कराने की बात कह रही है, बीजेपी सरकार को भ्रष्टाचार, महंगाई जैसे मुद्दों के साथ वो उसके अपने हथियार से घेरने निकली है और वो है सॉफ्ट हिंदुत्व. मध्यप्रदेश कांग्रेस के धर्म एवं उत्सव प्रकोष्ठ के कई आयोजन दिखने लगे हैं.
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व कानून मंत्री पीसी शर्मा श्रीमद भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ करवा रहे हैं. रोज रूद्राभिषेक भी होगा. ऐसे आयोजनों में सबसे प्रमुख चेहरा है कांग्रेस की धर्म एवं उत्सव प्रकोष्ठ की अध्यक्ष कथावाचक ऋचा गोस्वामी का. 32 साल की ऋचा अमरकंटक के आश्रम में पली बढ़ी हैं, मां वकील और पिता शिक्षक हैं. दो साल में पार्टी के लिये 30 से ज्यादा बड़े धार्मिक आयोजन किये हैं और चुनाव से पहले 52 जिलों में कार्यक्रम करना है.
ऋचा गोस्वामी ने कहा कि मध्य प्रदेश कांग्रेस धर्म एवं उत्सव प्रकोष्ठ का गठन दो साल पहले हुआ, जिससे धार्मिक गतिविधियां आडंबर रहित और अच्छे से संचालित हो सके. इस प्रकोष्ठ के माध्यम से मैं जगह जगह अनुष्ठान, भागवत कथा और शिवपुराण आयोजित करती हूं. उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य किसी को पटकना नहीं है, बाकी कर्म का फल तो ईश्वर देंगे.
इसके साथ ही 230 विधानसभा क्षेत्रों में धर्म रक्षा यात्रा और हर जिले में कथा और धार्मिक आयोजन शामिल हैं. धर्म संवाद कार्यक्रम में धर्माचार्यों को शामिल करना है, जिससे बीजेपी के पारंपरिक वोटबैंक में सेंधमारी हो सके. 230 विधानसभाओं में 108 सुंदरकांड के पाठ करवाए जाएंगे. हालांकि चुनाव और धर्म के सवाल पर कांग्रेस कहती है वो भगवान राम के रास्ते पर चलते हैं और बीजेपी धर्म की राजनीति पर.
'हम धर्म पर चलकर राजनीति करते हैं'
कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि वो भगवान राम को सीताजी से अलग करते हैं. उन्होंने कहा कि हम बोलते हैं जय सियाराम और वो धर्म से जोड़कर राजनीति करते हैं और हम धर्म पर चलकर राजनीति करते हैं. उन्होंने कहा कि चाहे भगवान कृष्ण हों, भगवान राम हों या हनुमान जी हों, यह न्याय के देवता हैं, जैसा न्याय हिमाचल, कर्नाटक में किया है वैसा न्याय मध्यप्रदेश में करेंगे.
कांग्रेस के आयोजन छलावा : बीजेपी
हालांकि बीजेपी भी धर्म ध्वजा उठाए है. पंडित प्रदीप मिश्रा और बागेश्वर धाम के आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री के कार्यक्रमों में प्रत्यक्ष और परोक्ष शिरकत कर रही है. मुख्यमंत्री कह चुके हैं मंदिर की जमीन पुजारी ही नीलाम करेंगे. महाकाल के अलावा सभी बड़े मंदिरों के कायाकल्प का ऐलान भी हो चुका है, कांग्रेस के आयोजनों को बीजेपी छलावा बता रही है.
यहां सफलता नहीं मिलेगी : बीजेपी
बीजेपी नेता राजपाल सिसोदिया ने कहा कि जो लोग कव्वाली और उर्स के पोस्टर पर दिखते थे वो आज भागवत में दिखते हैं. यही परिवर्तन आया है, ये हमारे विचार की जीत है. उन्होंने कहा कि ये छद्म लोग हैं, जो एक मोहल्ले में तिलक लगाकर जाएंगे, फिर छिपकर दूसरे मोहल्ले में तिलक मिटाकर जाएंगे. इनसे समाज को खतरा है. सीता जी का हरण साधु बनकर रावण ने किया था, जनता के मतों का हरण छद्म वेशधारी हिन्दू बनकर करेंगे, परंतु यहां सफलता नहीं मिलेगी.
60 सीटों पर निर्णायक हैं ब्राह्मण
मध्य प्रदेश में करीब 40 लाख ब्राह्मण वोटर हैं. यह कुल वोट बैंक का करीब 10 प्रतिशत है. हालांकि विंध्य, महाकौशल, चंबल की 60 से अधिक सीटों पर निर्णायक हैं. पिछले चुनाव में कांग्रेस ने कंप्यूटर और मिर्ची बाबाओं का सहारा लिया था. भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी महाकाल से लेकर ओमकारेश्वर तक गए, नर्मदा आरती हुई. मकसद बीजेपी के अखाड़े में उसको पटखनी देना है.