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नई दिल्ली:एटीएम या डेबिट कार्ड (Debit Card) के इस्तेमाल से लेनदेन करना काफी आसान हो गया है. इसके खरीदारी से लेकर कई तरह के बिल का पेमेंट मिनटों में हो जाता है. इसके अलावा भी डेबिट कार्ड कई सुविधाओं और फायदों से लैस होता है. इनमें से एक है डेबिट कार्ड इंश्योरेंस कवरेज (Debit Card Insurance). इसमें ट्रैवल इंश्योरेंस (Travel Insurance) , खरीदारी की सुरक्षा और आकस्मिक मौत और विकलांगता की स्थिति में लाइफ इंश्योरेंस (Life Insurance), एक्सीडेंटल इंश्योरेंस (Accidental Insurance) जैसे कवरेज भी मिल सकते हैं.
हालांकि, डेबिट कार्ड इंश्योरेंस कवरेज की ठीक से जानकारी नहीं होने पर कार्डहोल्डर इसका लाभ नहीं उठा पाते हैं. ज्यादातर लोग इसके दायरे और शर्तों से वाकिफ भी नहीं होते हैं. आइए, हम जानते हैं कि डेबिट कार्ड इंश्योरेंस कवरेज क्या होता है और इसके फायदे क्या हैं? इसके तरह कौन लाभ पा सकता है और क्लेम की पूरी प्रक्रिया क्या है?
डेबिट कार्ड इंश्योरेंस क्या है ?(What is Debit Card Insurance)
डेबिट कार्ड बीमा कवरेज बैंक की ओर से दी जाने वाली एटीएम कार्ड (ATM Card Insurance) से जुड़ी एक इंश्योरेंस पॉलिसी है. यह इंश्योरेंस कवरेज डेबिट कार्ड के खो जाने, चोरी हो जाने या दुरुपयोग होने की हालत में ग्राहक को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है. आम तौर पर, बैंक और वित्तीय संस्थान अपने डेबिट कार्डधारकों को यह कवरेज देते हैं.आप अपने डेबिट कार्ड कॉन्ट्रैक्ट के नियमों और शर्तों की समीक्षा करने या इंश्योरेंस कवरेज के बारे में अधिक जानने के लिए अपने बैंक के कस्टमर केयर से संपर्क सकते हैं.
डेबिट कार्ड इंश्योरेंस के फायदे (Benefit Of Debit Card Insurance)
डेबिट कार्ड से की गई खरीदारी की गई चीजों की क्षति या चोरी से सुरक्षा करती है. यह इंश्योरेंस कवरेज, आमतौर पर खरीद की तारीख से 90 दिनों तक मान्य होता है. कुछ बैंक डेबिट कार्ड के साथ करोड़ों का मुफ्त एक्सीडेंटल इंश्योरेंस कवरेज भी देते हैं. एटीएम कार्ड जारी होने के साथ ही कार्डधारकों को एक्सीडेंटल इंश्योरेंस और असमय मौत का इंश्योरेंस मिल जाता है. इस इंश्योरेंस की दर, 50 हजार रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक हो सकती है.
किसे मिलेगा डेबिट कार्ड इंश्योरेंस कवरेज (Debit Card Insurance Eligibility)
डेबिट कार्ड के प्रकार और इसे जारी करने वाले बैंक के आधार पर डेबिट कार्ड इंश्योरेंस कवरेज की पात्रता अलग-अलग हो सकती है. हालांकि, यह ध्यान रखना भी जरूरी है कि एक ही बैंक या अलग-अलग बैंकों के कई कार्ड होने का मतलब यह नहीं है कि आप कई बीमा कवरेज के लिए पात्र हैं. इंश्योरेंस कवरेज आम तौर पर केवल एक कार्ड पर दिया जाता है, भले ही आपके पास कितने भी कार्ड हों. इसलिए, अपने इंश्योरेंस कवरेज की लिमिट को समझने के लिए अपने कार्ड के नियमों और शर्तों की सावधानी से जानना चाहिए.
डेबिट कार्ड इंश्योरेंस बेनिफिट क्लेम कैसे करें?
डेबिट कार्ड इंश्योरेंस कवरेज होल्डर्स को उनके डेबिट कार्ड पर किए गए किसी भी अनधिकृत लेनदेन, कार्ड के खो जाने या चोरी होने की सूचना तुरंत अपने बैंक को देनी होती है. इसके बाद वह कार्ड पर किए गए किसी भी धोखाधड़ी वाले लेनदेन के लिए जिम्मेदार नहीं होता है.
इस इंश्योरेंस कवरेज के तहत क्लेम की प्रक्रिया बैंक या वित्तीय संस्थान और डेबिट कार्ड यूजर के बीच समझौते के आधार पर अलग-अलग हो सकती है.
डेबिट कार्ड इंश्योरेंस कवरेज आम तौर पर एक ऐड-ऑन फैसिलिटी है. इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए ग्राहकों को अतिरिक्त फीस का भुगतान करना होगा या अपने अकाउंट में मिनिमम बैलेंस बनाए रखना होगा.
पुलिस में शिकायत, जरूरी डॉक्यूमेंट्स और केवाईसी के बाद बैंक तय अवधि में डेबिट कार्ड इंश्योरेंस कवरेज क्लेम की प्रक्रिया पूरी कर देता है.
यह सब AR3664 नाम के एक सनस्पॉट का नतीजा है। बीते कई दिनों से इससे सोलर फ्लेयर निकल रहे हैं।
ऐसा लगता है कि सूर्य में जारी गतिविधियां अपने चरम पर पहुंच गई हैं। मंगलवार को एनर्जेटिक पार्टिकल्स से भरा एक और पावरफुल तूफान सूर्य से निकला। इसकी वजह से मौजूदा सोलर साइकल का सबसे ताकतवर सोलर फ्लेयर, पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है। लाइव साइंस की रिपोर्ट के अनुसार, यह सोलर फ्लेयर X8.7 कैटिगरी का है, जो पिछले सप्ताह हमारे ग्रह से टकराए फ्लेयर से भी ज्यादा पावरफुल है। आशंका है कि इस फ्लेयर की वजह से पृथ्वी पर रेडियो ब्लैकआउट हो सकता है। पृथ्वी के कुछ हिस्सों खासकर अमेरिका में इसका असर दिख सकता है।
अमेरिकी एजेंसी नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) का कहना है कि लेटेस्ट फ्लेयर की वजह से पृथ्वी पर कोई जियोमैग्नेटिक तूफान या ऑरोरा दिखाई नहीं देगा।
यह सब AR3664 नाम के एक सनस्पॉट का नतीजा है। बीते कई दिनों से इससे सोलर फ्लेयर निकल रहे हैं। 10 मई को इस सनस्पॉट से X5.8 कैटिगरी का सोलर फ्लेयर निकला था। मंगलवार को इस सनस्पॉट से एक के बाद एक 3 एक्स कैटिगरी के सोलर फ्लेयर निकले। इनमें X8.7 सबसे पावरफुल है। कहा जाता है कि सूर्य की 11 साल की सोलर साइकिल में इससे ताकतवर फ्लेयर नहीं निकला है।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) पहले ही बता चुकी है कि सूर्य में बार-बार सौर विस्फोटों के होने की संभावना है। ये विस्फोट साल 2025 तक जारी रहेंगे। इसकी वजह से सैटेलाइट्स और अंतरिक्ष यात्रियों पर असर पड़ सकता है। यह सोलर साइकल 25 है, जिसकी शुरुआत दिसंबर 2019 से लगाई गई है।
सोलर फ्लेयर क्या हैं
जब सूर्य की चुंबकीय ऊर्जा रिलीज होती है, तो उससे निकलने वाली रोशनी और पार्टिकल्स से सौर फ्लेयर्स बनते हैं। हमारे सौर मंडल में ये फ्लेयर्स अबतक के सबसे शक्तिशाली विस्फोट हैं, जिनमें अरबों हाइड्रोजन बमों की तुलना में ऊर्जा रिलीज होती है और अपना असर दिखाती है।
दुनियाभर में लोगों में मोटापे की बढ़ती समस्या को देखते हुए डब्लूएचओ ने पूरी रिसर्च के बाद हाल ही में अपडेटेड डाइट्री गाइडेंस जारी की है। दरअसल इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 1975 के बाद से दुनिया भर में मोटापा लगभग तीन गुना हो गया है, और अधिक वजन या मोटापा 5 से 19 वर्ष के 340 मिलियन से अधिक बच्चों और टीएनएज को प्रभावित करता है - 2020 में 5 वर्ष से कम उम्र के 39 मिलियन बच्चे अधिक वजन वाले या मोटापे से ग्रस्त हैं। कुल मिलाकर WHO की ये रिपोर्ट आजीवन खासकर बच्चों के हेल्दी न्यूट्रीशन पर जोर देती है। आइए इस रिपोर्ट के बारे में विस्तार से जानते है।
सामान्य तौर पर, WHO पहले की तुलना में फैट और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा पर कम ध्यान केंद्रित कर रहा है और क्वालिटी पर अधिक फोकस कर रहा है। इस रिपोर्ट के अनुसार एडल्ट को फैट की खपत को उनकी दैनिक कैलोरी का 30% या उससे कम तक सीमित करना चाहिए। किसी व्यक्ति की ऊर्जा खपत को कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा और एल्कोहल से मिलने वाली कैलोरी के रूप में मापा जाता है। उदाहरण के लिए, WHO की गाइडलाइन बताती हैं कि 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को ज्यादा अनसेचुरेटेड फैट का सेवन करना चाहिए। उन्हें अपनी कुल कैलोरी का 10% से अधिक सेचुरेटेड फैट से उपभोग नहीं करना चाहिए, जिसमें 1% या उससे कम ट्रांस-फैटी एसिड होता है।
• 2 से 5 साल के बच्चों को रोजाना कम से कम 250 ग्राम सब्जियां और फल खाने चाहिए।
• 6 से 9 साल के बच्चों को रोजाना कम से कम 350 ग्राम सब्जियां और फल खाने चाहिए।
• 10 साल या उससे अधिक उम्र के बच्चों को रोजाना कम से कम 400 ग्राम सब्जियां और फल खाने चाहिए।
• 2 से 5 साल के बच्चों को रोजाना कम से कम 15 ग्राम फाइबर का सेवन करना चाहिए।
• 6 से 9 साल के बच्चों को रोजाना कम से कम 21 ग्राम फाइबर का सेवन करना चाहिए।
• 10 वर्ष या उससे अधिक उम्र के बच्चों को प्रतिदिन कम से कम 25 ग्राम फाइबर का सेवन करना चाहिए।
ब्रोकली से लेकर केले और सेब से लेकर एवोकाडो जैसे फूड आइटम्स में फाइबर पाया जाता है। ऐसे में ये जरूरी है कि जंक फूड की मात्रा कम कर इन सभी चीजों को बच्चों की डाइट में शामिल किया जाए।
अच्छी सेहत की नींव बचपन से मजबूत करें
रिसर्च में ये बात सामने आई है कि जितनी कम उम्र में आप हेल्दी न्यूट्रीशन और हेल्दी फूड शुरू करते हैं, उतनी ही अधिक संभावना होती है कि बच्चे अपने पूरे जीवन में हेल्दी रहेंगे। ऐसा करने से बच्चों में कम उम्र में नजर आने वाली समस्याएं जैसे हाई बीपी, हाई कोलेस्ट्रोल, कैंसर और डायबिटीज होने की संभावना कम रहेगी।
एक्सपर्ट की मानें तो इस बार हर जगह बारिश ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है। भारी बारिश के साथ बाढ़ भी आई है। इस कारण हाइजीन कम हो जाता है। बहुत से लोगों की इम्युनिटी कम हो जाती है। ऐसे में यह इन्फेक्शन फैलने लगता है। यहीं वजह है कि हर दूसरा व्यक्ति आई फ्लू की चपेट में आ रहा है।
डॉक्टरों के मुताबिक आई फ्लू देखने से नहीं, छूने से फैलता है। हाथ में वायरस चिपक जाता है और जब आप आंखों को छुएंगे या कीचड़ साफ करेंगे तो आई फ्लू फैल जाता है। डॉक्टर का कहना है कि इस बार देखा जा रहा है कि बच्चों में आई फ्लू ज्यादा फैल रहा है क्योंकि स्कूल में बच्चे साथ में रहते हैं, साथ में खेलते हैं।
जयपुर स्थित पेंगुइन पीडियाट्रिक केयर क्लिनिक के सीनियर डॉक्टर विवेक शर्मा बताते है कि संक्रमित व्यक्ति के खांसी के दौरान छींकने से भी संक्रमण फैल सकता है। ऐसे में अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन से साफ करते रहें। आंखों की सफाई का पूरा ध्यान रखें। ठंडे पानी से हाथ बार-बार धोएं। किसी भी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें। अगर संक्रमित आंख को छुए तो हाथ अच्छे से साफ करें। गंदगी और भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें। संक्रमित व्यक्ति से हाथ ना मिलाएं और उनकी चीजें जैसे चश्मा, तौलिया, तकिया आदि न छुएं।
अगर आई फ्लू हो जाए तो क्या करें